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बिहार में बीजेपी को बाबा बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का सहारे

बिहार में बीजेपी को बाबा बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का सहारे

बिहार में सभी राजनीतिक दलों के नेता बागेश्वर धाम के बाबा के सामने नतमस्तक हो गए हैं। धीरेंद्र शास्त्री नामक यह बाबा इस समय बिहार में हैं और बीजेपी के तमाम नेता इनके सहारे धार्मिक कार्ड खेलने से पीछे नहीं हट रहे हैं।  

बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री की मेहमान नवाजी में भारतीय नेताओं की टीम लगी हुई है जो उनके कार्यक्रम को एक राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। इस कार्यक्रम को लेकर भाजपा नेता लगातार बयानबाजी कर रहे हैं।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री पटना से करीब नौबतपुर में अपना 'दिव्य दरबार' लगा रहे हैं जिसमें वह गर्मी और अव्यवस्था के बीच हिंदू राष्ट्र की बात खुलकर कर रहे हैं। हजारों लोग उनके प्रवचन को सुनने वहां हर दिन जमा हो रहे हैं। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के उनके कार्यक्रम में नहीं जाने पर मंत्री और भाजपा नेता बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह ने सवाल उठाये हैं।

तेजस्वी ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री के प्रवचन कार्यक्रम में जाने से यह कहकर इनकार किया है कि जहां जनता का भला होता है, वो वहीं जाते हैं। सोमवार को पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके पास कई जगह से निमंत्रण आते हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम के आयोजकों का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी निमंत्रण भेजा था।

तेजस्वी से पहले उनके भाई मंत्री तेजप्रताप यादव ने आरोप लगाया था कि बाबा बागेश्वरधाम आचार्य धीरेंद्र शास्त्री देशद्रोही व डरपोक हैं। उनका कहना था कि बाबा बागेश्वर सिर्फ हिन्दू और मुसलमानों को लड़ा रहे हैं। इसी तरह रामचरितमानस पर विवादित बयान देने वाले शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने भी पंडित धीरेंद्र के बारे में कहा था कि वह नफरत फैलाने वाले देशद्रोही हैं। इसके अलावा जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव ने भी धीरेंद्र शास्त्री पर नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी।

अब गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के धीरेंद्र शास्त्री के हनुमंत कथा में नहीं जाने पर निशाना साधा है और आरोप लगाया कि ये लोग वहां जाते हैं जहां इफ्तार पार्टी होती है। उन्होंने कहा कि हनुमंत कथा में वोट नहीं है, इसलिए ये लोग हनुमत कथा से परहेज करते हैं।

इस कथा कार्यक्रम को वोट से जोड़ने वाले गिरिराज सिंह अकेले नेता नहीं है हालांकि बाकी नेताओं ने अभी इस तरह का सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि चुनावी दृष्टि से इस तरह की बात आगे भी की जा सकती है।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता शुरू से सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। यह कार्यक्रम शुरू में पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होने वाला था लेकिन बाद में इसे पटना से 10 किलोमीटर पश्चिम नौबतपुर ले जाया गया।

13 मई को जब पंडित धीरेंद्र शास्त्री पटना हवाई अड्डे पर उतरे तो उनके स्वागत के लिए भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं की टीम वहां जमी हुई थी। इनमें केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, सांसद रामकृपाल यादव, सांसद गिरिराज सिंह, सांसद मनोज तिवारी, सांसद रविशंकर, नेता विरोधी दल विजय कुमार सिन्हा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और विधायक नीरज बबलू प्रमुख थे। पंडित धीरेंद्र को सांसद मनोज तिवारी खुद ड्राइव कर कार्यक्रम स्थल तक ले गए।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पटना पहुंचने पर कहा था कि वे हिंदू- मुसलमान करने नहीं बल्कि हिंदू-हिंदू करने आए हैं। लेकिन उनके प्रवचनों में हिंदू राष्ट्र की बात खुलकर की जा रही है। अखबारों के अनुसार धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमंत कथा के दौरान भारत को हिंदू राष्ट्र बताते हुए कहा कि इसकी घोषणा होना मात्र बाकी है। उन्होंने यह भी कहा कि बहुत जल्द इसकी घोषणा भी हो जाएगी। हनुमंत कथा के तीसरे दिन उन्होंने कहा कि बिहार से ही हिंदू राष्ट्र की ज्वाला उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी को हिंदुओं की एकता देखनी है तो बिहार आ कर देखे। उनके अनुसार ऐसा लग रहा है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की ज्वाला बिहार में धधक रही है।

जानकारों का कहना है कि हिंदुओं के इस धार्मिक जुटान को राजनीतिक एकता में बदलने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी कोशिश कर रही है।

इस बारे में लोकतांत्रिक जन पहल के राज्य संयोजक सत्यनारायण मदन कहते हैं कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री भारतीय जनता पार्टी के स्पॉन्सर्ड पंडित हैं तो उनके कार्यक्रम में उनका जाना स्वाभाविक है। उनका कहना है कि हिंदू वोट बैंक बनाने की कोशिश करना ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों के लिए उचित प्रतीत नहीं होता।

मदन कहते हैं कि प्रवचन सुनने की परंपरा पुरानी है लेकिन भारतीय इस परंपरा का राजनीतिक शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपनी विचारधारा इसी तरह थोपी है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- माले के राज्य सचिव कामरेड कुणाल कहते हैं कि धर्म की आजादी है और यह एक निजी मामला है लेकिन भारतीय जनता पार्टी इसका इस्तेमाल वोट बटोरने के लिए करती है जो निंदनीय है। उन्होंने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम में भी भारतीय जनता पार्टी लगी हुई है कि इसे वोट के लिए इस्तेमाल किया जाए। उनका कहना था कि यही भाजपा का एजेंडा रहता है और वह देश के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने में लगी रहती है।

सत्यनारायण मदन कहते हैं कि धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम में भीड़ का जुटना दो कारणों से है। उन्होंने कहा कि भीड़ का बड़ा हिस्सा ऑर्गेनाइज़्ड है। बाकी लोग इसलिए जुटे हैं कि उन्हें प्रवचन सुनना है और उनके लिए यह एक धार्मिक कार्यक्रम से अधिक नहीं है।

मदन और कुणाल दोनों की राय है कि इतनी भीड़ से भारतीय जनता पार्टी वोटों की उम्मीद कर सकती है लेकिन ऐसा होना जरूरी नहीं है। मदन का कहना है कि हिंदू राष्ट्र के नाम पर अगर घृणा और नफरत की बात की जाए तो कानूनी कार्रवाई जरूर होनी चाहिए।

कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ऐसे अवसरों का इस्तेमाल हिंदुओं को एकजुट करने और बाद में उनका राजनीति लाभ लेने के लिए करता है।

बिहार सरकार की ओर से इस कार्यक्रम में व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। कार्यक्रम स्थल पर गर्मी और उमस के कारण लोग बेहोश हो जा रहे हैं।

इसके बावजूद कि भारतीय जनता पार्टी इसे राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इसे बहुत तवज्जो नहीं दे रहे हैं।

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