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सत्ता की चाबी युवाओं के हाथ, तेजस्वी को सौंपेगे राज?

सत्ता की चाबी युवाओं के हाथ, तेजस्वी को सौंपेगे राज?

आज तक- एक्सिस माइ इंडिया के एग़्जिट पोल से यह तसवीर उभर कर सामने आई है कि जिस बिहार में सबसे ज़्यादा संख्या युवाओं की है, वहां युवा मतदाताओं ने राष्ट्रीय जनता दल और उसके नेता तेजस्वी यादव को सबसे ज़्यादा पसंद भी किया है।

आज तक- एक्सिस माइ इंडिया के एग़्जिट पोल से यह तसवीर उभर कर सामने आई है कि जिस बिहार में सबसे ज़्यादा संख्या युवाओं की है, वहां युवा मतदाताओं ने राष्ट्रीय जनता दल और उसके नेता तेजस्वी यादव को सबसे ज़्यादा पसंद भी किया है। इन युवाओं की पहली पसंद आरजेडी तो है ही, मुख्यमंत्री के रूप में इन्होंने तेजस्वी यादव को ही सबसे अधिक पसंद किया है। 

यह स्थिति उस राज्य की है, जहां बेरोज़गारी की स्थिति भयावह है, युवाओं का एक बड़ा तबका दूसरे राज्यों में काम करता है। यह वह राज्य है, जिसकी अर्थव्यवस्था दूसरे राज्यों से आए पैसों से चलती है, जिसे 'मनीऑर्डर इकोनॉमी' कहते हैं। इस मनीऑर्डर इकोनॉमी के बेरोज़गार युवाओं का गुस्सा साफ झलकता है। 

कौन बनेगा मुख्यमंत्री

इस एग़्जिट पोल के अनुसार, कुल 44 प्रतिशत लोगों ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी पहली पसंद बताया है। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद के लिए सिर्फ 35 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं। अगर इन आँकड़ों को मतदाताओं की उम्र के हिसाब से देखें तो साफ है कि बिहार के युवाओं ने तेजस्वी यादव को सबसे अधिक पसंद किया है। 

इस एग़्जिट पोल के आँकड़ों पर नज़र डालने से साफ हो जाता है कि 18-25 वर्ष की आयु के मतदाताओं में से 47 प्रतिशत लोग तेजस्वी के नेतृत्व वाले महागठबंधन को चुनेंगे, वहीं 34 प्रतिशत मतदाता ही नीतीश के नेतृत्व वाले एनडीए का समर्थन करेंगे।

इसी तरह 26 से 35 साल के कामकाजी लोगों के वर्ग में भी तेजस्वी सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। इस आयुवर्ग में जहाँ महागठबंधन को 47 फ़ीसदी लोगों ने पसंद किया, वहीं एनडीए को 36 फ़ीसदी लोगों ने समर्थन दिया है। 

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36-50 आयु के लोग एनडीए के साथ

इसी तरह एग़्जिट पोल के आँकड़ों पर भरोसा किया जाए तो 36 से 50 साल के आयु वर्ग में मुक़ाबला काँटे का होता नजर आ रहा है। इस आयुवर्ग के लोगों का समर्थन हासिल करने में एनडीए आगे है। इस आयुवर्ग के 42 फ़ीसदी लोगों ने एनडीए का समर्थन किया है, वहीं आरजेडी को 41 फ़ीसदी लोगों का समर्थन मिलता ऩजर आ रहा है। एनडीए को समर्थन देने वालों में प्रदेश के बुजुर्ग आगे हैं।

कुछ लोगों का कहना है कि इसकी वजह यह है कि युवा वर्ग ने लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी का 15 साल का शासन नहीं देखा है, लिहाज़ा वे उस समय की स्थिति को नहीं समझ सकते। इस कारण उन्होंने आरजेडी का समर्थन किया है।

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एनडीए को 51-60 के लोगों का समर्थन

यही रुझान इससे अधिक उम्र के लोगों में भी देखा गया है। नतीजतन, 50 से 61 साल की उम्र के लोगों ने एनडीए को अधिक पसंद किया है। आज तक-एक्सिस माइ इंडिया के एग़्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक, इस आयु वर्ग के 45 प्रतिशत लोगों ने एनडीए का समर्थन किया, वहीं महागठबंधन को केवल 40 प्रतिशत लोगों का ही समर्थन हासिल हुआ है। 

आंकड़े यह भी बताते हैं कि 61 साल से अधिक उम्र के लोगों में से 48 फ़ीसदी ने एनडीए का समर्थन किया, जबकि 38 प्रतिशत लोगों ने महागठबंधन का समर्थन किया है।

इस एग़्जिट पोल पर भरोसा किया जाए तो युवाओं को न लुभा पाना नीतीश कुमार के लिए ख़तरनाक हो सकता है। नैशनल सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे 2018 के अनुसार, बिहार की 74 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम उम्र की है। देश की औसत के हिसाब से देखें तो बिहार काफी युवा है।

कुल आबादी में 35 साल से कम उम्र के युवाओं की भागीदारी 65 फीसदी है। बिहार की कुल आबादी में बुजुर्गों की भागीदारी सिर्फ 6 प्रतिशत है। 

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