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नवाब मलिक का आरोप -  एनसीबी बैक डेट का पंचनामा बनाती है

नवाब मलिक का आरोप -  एनसीबी बैक डेट का पंचनामा बनाती है

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने एक बार फिर से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रविवार को नवाब मलिक ने एनसीबी के एक अधिकारी पर बैक डेट में पंच और पंचनामा बदलने का गंभीर आरोप लगाया है।  नवाब मलिक ने दो ऑडियो क्लिप भी जारी किए हैं जिसमें एनसीबी का एक तथाकथित अधिकारी पंच को बैक डेट में पंचनामा बदलने के लिए बात कर रहा है। इसके साथ ही नवाब मलिक ने एनसीबी के मुंबई जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि जब समीर वानखेडे का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो गया है तो वह पद पर किस वजह से बने हुए हैं।

2021 में नवाब मलिक ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों पर फर्जीवाड़े के एक के बाद एक कई खुलासे किए थे। रविवार को नवाब मलिक ने आरोप लगाया है कि एनसीबी का एक तथाकथित अधिकारी किरण बाबू एनसीबी के एक केस में बनाए गए पंच से जबरन पंचनामा बदलने की बात कर रहा है। नवाब मलिक का आरोप है कि किरण बाबू नाम का यह अधिकारी पंच से बैक डेट में पंचनामा बदलने के लिए दबाव डाल रहा है। इससे यह साबित हो जाता है कि एनसीबी फर्जी पंचनामा तैयार करती है और बेगुनाह लोगों को झूठे केस में फंसाती है।नवाब मलिक ने दो ऑडियो क्लिप जारी करते हुए कहा कि किरण बाबू नाम का एक अधिकारी मेडी नाम के एक पंच को फोन करता है और उसे एक पुराने केस में बैक डेट में साइन करने के लिए दबाव बनाता है। नवाब मलिक ने साथ ही यह भी खुलासा किया कि जब किरण बाबू नाम के पंच को बाबू ने फोन किया था तो वह पंच अगले दिन एनसीबी के दफ्तर में पहुंचा और एनसीबी के पुराने केस में एक पंचनामे पर पुरानी डेट में दस्तखत किए। मलिक ने आरोप लगाते हुए कहा कि एनसीबी अधिकारी द्वारा किए गए इस फर्जीवाड़े से यह साबित हो जाता है की एमसीबी के तमाम केस फर्जी हैं। एनसीबी बगैर दस्तावेजों के आधार पर मामले दर्ज करती है और अपनी मनमर्जी के मुताबिक बेगुनाह लोगों को फंसाती है।

इसके साथ ही नवाब मलिक ने बीजेपी के नेताओं पर भी निशाना साधा है। मलिक का कहना है कि महाराष्ट्र बीजेपी के कुछ बड़े नेता नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुंबई डायरेक्टर समीर वानखेडे को एक्सटेंशन दिलाना चाहते हैं। नवाब मलिक का कहना है कि जिस समीर वानखेडे का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो गया तो फिर उन्हें अभी तक क्यों रिलीव नहीं किया गया है? इसका मतलब साफ है कि दिल्ली में गृह मंत्रालय में बीजेपी के नेताओं द्वारा समीर वानखेडे के पक्ष में एक्सटेंशन के लिए लॉबिंग हो रही है।इसके साथ ही नवाब मलिक ने एनसीबी मुखिया से सवाल पूछते हुए कहा कि समीर वानखेड पर लगे उगाही के आरोपों के बाद एनसीबी की दिल्ली टीम ने इस मामले की जांच की थी लेकिन जांच में निकल कर कुछ सामने नहीं आया है। एनसीबी मुखिया को जांच के बारे में लोगों को बताना चाहिए ताकि समीर वानखेड़े की सच्चाई लोगों को पता चल सके।

नवाब मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेस में तीनो क्लिप सुनाई। पहली क्लिप सुनिए-

 - Satya Hindi

मलिक का कहना है कि उनके दामाद समीर खान के केस में मुख्य आरोपी सजनानी है, लेकिन उनके मंत्री होने के चलते उसकी सजा समीर खान को दी जा रही है और समीर को टारगेट किया जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा ताकि मीडिया में सुर्खियां बटोरी जा सकें। नवाब मलिक ने साथ ही यह भी कहा कि वह एनसीबी से डरने वाले नहीं हैं और अगले कुछ दिनों में एनसीबी के फर्जीवाड़े को एक्सपोज़ करते रहेंगे। मलिक का कहना है कि वह बहुत जल्द बीजेपी के उन नेताओं को भी एक्सपोज करेंगे जो समीर वानखेडे को एक्सटेंशन दिलाना चाहते हैं।

आपको बता दें कि पिछले साल नवाब मलिक ने मुंबई एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के कई आरोप लगाए थे। यहां तक की नवाब मलिक ने वानखेड़े पर आरोप लगाया था कि उन्होंने मुस्लिम होते हुए अनुसूचित जाति के तहत आईआरएस की नौकरी हासिल की थी। जिसका अभी भी मुकदमा चल रहा है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित एक पैनल की सुनवाई के दौरान समीर वानखेडे अपना जाति प्रमाण पत्र पेश नहीं कर पाए थे जिसके लिए उन्होंने और समय की मांग की थी।

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