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रूस-नाटो में टकराव हुआ तो तीसरा विश्व युद्ध होगा: बाइडेन

रूस-नाटो में टकराव हुआ तो तीसरा विश्व युद्ध होगा: बाइडेन

बाइडेन का यह कहना कि नाटो और रूस के बीच संघर्ष तीसरे विश्वयुद्ध की ओर जाएगा, यह बेहद गंभीर बात है और पूरी दुनिया के लिए खतरनाक संकेत है। 

रूस और यूक्रेन के बीच कई दिनों से चल रहे युद्ध का मामला बेहद गंभीर होने लगा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को कहा है कि अगर रूस यूक्रेन के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करता है तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। रूस ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन और अमेरिका जैविक और रासायनिक हथियार बना रहे हैं। 

रूस के अनुरोध पर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की जैविक हथियार बनाने के मामले में एक आपात बैठक भी हुई।

बाइडेन ने इस बात को दोहराया कि अमेरिका की सेना यूक्रेन में रूस के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ेगी। उन्होंने कहा कि नाटो देशों और रूस के बीच सीधा संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध की ओर जाएगा और हमें इसे रोकने की कोशिश करनी चाहिए। 

रूस-यूक्रेन के युद्ध में अमेरिका सहित पश्चिम के कई देशों ने यूक्रेन को सैन्य सहायता दी और उसे करोड़ों डॉलर की मदद भी पहुंचाई है।

बाइडेन का यह कहना कि नाटो और रूस के बीच संघर्ष तीसरे विश्वयुद्ध की ओर जाएगा, यह बेहद गंभीर बात है। क्योंकि फिर दुनिया के बाकी मुल्क भी इस युद्ध में कूद पड़ेंगे और ऐसा होने पर तबाही होगी जो पूरी दुनिया के लिए कभी न खत्म होने वाली मुसीबतें लेकर आएगी। 

रूस ने दी थी धमकी 

कुछ दिन पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा था कि तीसरा विश्व युद्ध परमाणु हथियारों के दम पर लड़ा जाएगा और यह बेहद विनाशकारी होगा। उससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अपनी न्यूक्लियर फोर्स को हाई अलर्ट मोड में डालने का आदेश दिया था।

रूस जहां एक बड़ी परमाणु ताकत है वहीं, अमेरिका, चीन, भारत, पाकिस्तान सहित कुछ और ऐसे देश हैं जो परमाणु हथियारों से लैस हैं।

 - Satya Hindi

रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमले को एक पखवाड़े से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है और रूस की बमबारी लगातार जारी है और यूक्रेन भी इसका पूरा जवाब दे रहा है। 

अब यह जंग कहां जाकर रुकेगी कोई नहीं कह सकता। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन कह चुके हैं कि अगर किसी दूसरे देश ने इसमें दखल दिया तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। 

ऐसे में अमेरिका और पश्चिमी देश भी रूस के खिलाफ सिर्फ तमाम तरह के प्रतिबंध ही लगा सके हैं।

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