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आरएसएस का झंडा हटाया तो नौकरी से हाथ धोना पड़ा, एफ़आईआर भी दर्ज

आरएसएस का झंडा हटाया तो नौकरी से हाथ धोना पड़ा, एफ़आईआर भी दर्ज

सरकारी विश्वविद्यालय बीएचयू के परिसर में आरएसएस का झंडा हटाने की वजह से एक अफ़सर को इस्तीफ़ा देने को बाध्य कर दिया गया। उसके ख़िलाफ़ एफ़आईआर भी दर्ज कर दिया गया।

क्या हम ऐसे समय में पहुँच गए हैं जहाँ सत्तारूढ़ दल से जुड़े संगठनों के लोगों की ही चलती है? क्या वह समय आ चुका है कि जहाँ किसी सरकारी कर्मचारी को नौकरी से हाथ सिर्फ़ इसलिए हाथ धोना पड़ता है कि उसने अपनी ड्यूटी निभाने वाले की कोशिश में सत्तारूढ़ दल से जुड़े संगठनों के कुछ लोगों को नाराज़ कर दिया?

ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि बनारस हिन्दू विश्विविद्यालय के मिर्ज़ापुर परिसर की डिप्टी चीफ़ प्रॉक्टर को आरएसएस का झंडा हटाने के बाद अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा। एनडीटीवी ने ख़बर दी है कि किरण दामले ने परिसर में लगे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झंडे को हटवा दिया तो उनके ख़िलाफ़ संघ के सदस्यों ने गुस्सा जताया और उन्हें इस्तीफ़ा देने को मजबूर कर दिया। इस्तीफ़े के बाद भी लोग शांत नहीं हुए और दामले के ख़िलाफ़ 'लोगों की धार्मिक आस्था को आहत' करने का आरोप लगाते हुए मामला भी दर्ज करवा दिया। 

ख़बरों के मुताबिक़, आरएसएस से जुड़े कुछ छात्र विश्वविद्यालय परिसर में झंडा लगा कर 'शाखा' लगा रहे थे, यानी सुबह-सुबह होने वाला संघ का कार्यक्रम कर रहे थे। दामले ने कथित तौर पर संघ का झंडा हटवा दिया। 

दामले की मुसीबत इस्तीफ़े के साथ ही ख़त्म नहीं हुई। आरएसएस के लोगों ने उनके ख़िलाफ़ शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ 'लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत' करने का मामला दर्ज कर दिया। उन्होंने एनडीटीवी से कहा : 

मैंने शाखा लगाने वालों से कहा कि वे झंडा ख़ुद हटा लें, उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी। मैंने झंडा हटा दिया और चपरासी को सौंप दिया। जब संघ के लोग मेरे पास आए, मैंने कहा कि वे ऐसे नाजुक समय मे यह झंडा नहीं फहरा सकते। उन्होंने जब ज़ोर दिया, मैंने कहा कि मैं उन्हें स्टेडियम में इसकी अनुमति नहीं दे सकती।


किरण दामले, डिप्टी चीफ़ प्रॉक्टर, बनारस हिन्दू विश्विविद्यालय मिर्ज़ापुर परिसर

इसके बाद आरएसएस के लोग प्रशासनिक भवन के सामने धरने पर बैठ गए और कहा कि दामले का काम झंडे का अपमान करना है। संस्कार नामक छात्र ने एनडीटीवी से कहा, 'हम सबुह 6 बजे शाखा लगा रहे थे, जहाँ हम प्रणायाम और योगासन कर रहे थे। दामले आईं और उन्होंने झंडे का अपमान किया। उन्होंने कहा कि परिसर में शाखा नहीं लगाया जा सकता क्योंकि वहां किसी समुदाय को विशेष छूट नहीं दी जा सकती।'

बीएचयू के मिर्ज़ापुर स्थित साउथ कैंपस की प्रमुख रमादेवी निमन्नपल्ली ने इस्तीफ़े की पुष्टि कर दी है। उन्होंने कहा, 'किरण दामले ने इस्तीफ़ा दे दिया है। मैंने इसे वाइस चांसलर को भेज दिया है। हम फ़ैसले का इंतजार कर रहे हैं। किरण दामले ने अपनी ग़लती मान ली है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने यह भूल से किया है, उन्हें यह पता नहीं था कि आरएसएस का झंडा इतना सम्मानित होता है। हम बात बढ़ाना नहीं चाहते, पर एफ़आईआर दर्ज करना मेरे हाथ में नहीं है।'

कांग्रेस ने इसकी निंदा की है। पूर्व कांग्रेस विधायक ललितेश पति त्रिपाठी ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में आरएसएस की शाखा नहीं लगनी चाहिए, वैसे भी आरएसएस कार्यकर्ता समेत ये तमाम लोग बाहरी है, वे विश्वविद्यालय के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। 

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