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राहुल गांधी के नेतृत्व में पदयात्रा का दूसरा चरण जल्द: वेणुगोपाल

राहुल गांधी के नेतृत्व में पदयात्रा का दूसरा चरण जल्द: वेणुगोपाल

भारत जोड़ो यात्रा तो आज 30 जनवरी को खत्म हो गई लेकिन कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यात्रा के दूसरे चरण का ऐलान भी कर दिया है। इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए इंटरव्यू में वेणुगोपाल ने यह बात कही है। 

भारत जोड़ो यात्रा खत्म होने पर आज सोमवार 30 जनवरी को श्रीनगर से जो तस्वीरें आई हैं वो कांग्रेस का मनोबल बढ़ाने वाली है। यही वजह है कि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी के नेतृत्व में पदयात्रा के दूसरे चरण का ऐलान कर दिया है। इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने वेणुगोपाल का इंटरव्यू सोमवार को प्रकाशित किया है। 

 - Satya Hindi

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल

यात्रा के अगले चरण के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा - कांग्रेस का हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू हो चुका है। यह तीन महीने तक चलेगा, जिसमें हमारे नेता और कार्यकर्ता भारत जोड़ो यात्रा, इसकी सफलता और देश की राजनीतिक स्थिति का संदेश घर-घर तक पहुंचाएंगे। इसके तहत जिलास्तरीय और राज्यस्तरीय सम्मेलन और रैलियां होंगी। और उस अभियान के बाद निश्चित रूप से भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण होगा। हमें अभी यह तय करना है कि इसे कैसे किया जाना चाहिए। फाइनल डिजाइन तो नहीं बना है लेकिन दूसरा चरण जरूर होगा, जिसमें राहुल गांधी शामिल होंगे। पार्टी में कई तरह के विचार हैं। लेकिन दूसरा चरण जरूर होगा। कांग्रेस पूरे साल मैदान में रहेगी।

वेणुगोपाल के इस जवाब से साफ हो गया कि दो-तीन महीने बाद राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण शुरू होगा। इस बार यात्रा पश्चिम से पूर्व की ओर जा सकती है। इस संबंध में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को ही समापन रैली में गांधी परिवार से पश्चिम से पूर्व की ओर यात्रा शुरू करने का आग्रह किया, जिसमें वो भी शामिल होंगे।

इंडियन एक्सप्रेस को वेणुगोपाल ने बताया कि रायपुर में 24, 25 और 26 फरवरी को होने वाले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन पर पार्टी फोकस कर रही है। उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष संगठनात्मक मुद्दों पर फैसले लेंगे। मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं कि भारत जोड़ो यात्रा एक शानदार सफलता है। यह मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से एक अविस्मरणीय अनुभव था। उनके (राहुल गांधी) साथ चलना मेरी जिम्मेदारी थी … यह मेरे लिए गर्व के क्षण थे … कि मैं इस यात्रा में एक छोटी सी भूमिका निभा सका।

भारत जोड़ो यात्रा की जमीनी हकीकत पर केसी वेणुगोपाल ने कहा - एक दिन या हफ्ते- दो सप्ताह में प्रभाव नहीं देख जा सकता। बहरहाल, एक प्रभाव तो जरूर है। यह आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा। लेकिन यात्रा से एक बात तो साफ हो गई है कि कांग्रेस के पास बीजेपी को टक्कर देने के लिए कैडर है। भारत जोड़ो यात्रा एमपी, राजस्थान, हरियाणा और यहां तक ​​कि यूपी जैसे बीजेपी के गढ़ में भी सफल रही।

विपक्षी एकता और उसके नेतृत्व पर भी वेणुगोपाल ने स्थिति साफ की। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कांग्रेस महासचिव ने कहा - कांग्रेस बिना कोई जिद किए विपक्षी एकता का हिस्सा बनने को तैयार हैं। भारत जोड़ो यात्रा में कई दल शामिल हुए। कुछ श्रीनगर में सीधे आकर जुड़े। कांग्रेस की नीति साफ है कि वो गैर बीजेपी एकजुटता को लाइनअप करने को तैयार है। जो एकजुट होना चाहते हैं, उनसे कांग्रेस बात करेगी। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खड़गे) ने हैदराबाद में साफ कर दिया था कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस आगे बढ़ेगी। हालांकि अभी विपक्षी एकता पर बात करने का समय नहीं है। लेकिन इसे लेकर कांग्रेस बहुत स्पष्ट है।

यहां यह बताना जरूरी है कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने हैदराबाद रैली में साफ कर दिया था कि राहुल ही विपक्ष के नेता होंगे। वही बात अब वेणुगोपाल भी कह रहे हैं कि विपक्षी एकता के लिए अगर इन दलों को राहुल गांधी का नेतृत्व मंजूर है तो कांग्रेस तैयार है। खड़गे के बयान के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कोई हर्ज नहीं है। इसके बाद शरद पवार ने भी राहुल के नेतृत्व का समर्थन किया। डीएमके भी खुलकर राहुल के साथ है। इस संबंध में सिर्फ ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल), तेलंगाना के केसीआर, सपा के अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल अपनी अलग खिचड़ी पका रहे हैं। हालांकि अखिलेश और जयंत चौधरी (रालोद) अंत में कांग्रेस वाले ग्रुप में आ सकते हैं। बीएसपी प्रमुख मायावती पहले ही किसी भी ग्रुप में शामिल होने से इनकार कर चुकी हैं।

यह पूछे जाने पर कि चुनावों पर यात्रा का कोई चुनावी पड़ेगा,  वेणुगोपाल ने कहा कि यात्रा का मकसद चुनावी प्रभाव डालना नहीं था। बेरोजगारी, मंहगाई, विभाजनकारी और नफरत भरी राजनीति के खिलाफ कुछ ठोस नारे दिए गए थे। उसका शंखनाद सुनाई दिया। यात्रा वैसे भी किसी राजनीतिक मंच से नहीं की गई थी। लेकिन इसने कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर ऊर्जावान बना दिया। उत्तर भारत में राहुल का जिस तरह स्वागत हुआ है, वह बताता है कि बीजेपी ने जो नैरेटिव सेट किया था, वो बदल रहा है। 

इंडियन एक्सप्रेस के यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी पीएम मोदी को चुनौती दे पाएंगे, वेणुगोपाल ने कहा -  यह फैसला जनता को करना है। राहुल गांधी राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसे नेता के रूप में उभरे हैं जो ईमानदार, दृढ़ संकल्प और करुणा के प्रतीक हैं।

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