भारत बंद का खास असर नहीं, पुलिस व रेलवे हाई अलर्ट पर
अग्निपथ योजना के विरोध में सोमवार को बुलाए गए भारत बंद का असर नहीं दिखाई दिया। हालांकि बीते दिनों हुए प्रदर्शनों को देखते हुए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इस वजह से सोमवार को 500 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। इसमें पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन भी शामिल हैं। भारत बंद का आह्वान इस योजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने किया था। इससे पहले 18 जून को बिहार बंद किया गया था।
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर स्थित रेलवे स्टेशन पर कुछ प्रदर्शनकारी जुटे और उन्होंने अग्निपथ योजना का विरोध किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। दिल्ली और देश भर के तमाम रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई है।
जाम का झाम
भारत बंद के आह्वान की वजह से दिल्ली-एनसीआर के तमाम बॉर्डर पर सोमवार सुबह लंबा जाम लगा और लोगों को अच्छी खासी मुश्किल का सामना करना पड़ा। यह जाम डीएनडी फ्लाईवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे, रजोकरी बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर आदि जगहों पर रहा। इसके अलावा प्रगति मैदान और नई दिल्ली के आसपास के इलाकों में भी लोग ट्रैफिक जाम से जूझते रहे।
राजधानी दिल्ली में बॉर्डर के इलाकों में पुलिस पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त है और आने जाने वाले वाहनों की जांच की गई।
दिल्ली से लगने वाले गौतम बुद्ध नगर, फरीदाबाद, गुड़गांव, गाजियाबाद में कई लेयर की सुरक्षा लगाई गई है। पुलिस ने कहा है कि कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी शख्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। भारत बंद की वजह से झारखंड में सोमवार को स्कूल बंद रखे गए हैं। केरल की पुलिस ने कहा है कि पूरे राज्य में जवान हाई अलर्ट पर हैं और हिंसा करने वाले किसी भी शख्स को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
रेलवे पुलिस फोर्स से कहा गया है कि वह हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे और उनकी सीसीटीवी फुटेज और वीडियो को भी जुटाए।
अग्निपथ योजना और जांच एजेंसी ईडी के द्वारा पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछताछ के विरोध में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को देश में कई जगहों पर प्रदर्शन किया। दिल्ली में युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शिवाजी ब्रिज स्टेशन के रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर विरोध जताया। पुलिस ने युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को वहां से हटाया।
700 करोड़ से ज़्यादा का नुक़सान
उत्तर प्रदेश, बिहार सहित तमाम राज्यों में हुई हिंसा की घटनाओं के बाद गिरफ्तारियां जोरों पर है। बिहार में अब तक 145 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और 800 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बता दें कि बिहार के गोपालगंज, कैमूर, छपरा, दानापुर, आरा, लखीसराय और समस्तीपुर में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशनों में तोड़फोड़ की और ट्रेनों में आग लगा दी थी। इससे रेलवे की संपत्तियों को 700 करोड़ से ज़्यादा का नुक़सान हुआ है।
हालांकि रविवार को बिहार के किसी भी हिस्से से तोड़फोड़ और आगजनी की खबर नहीं आई। पुलिस ने प्रदर्शनकारी युवाओं से अफवाहों पर ध्यान ना देने और शांत रहने की अपील की है।
बिहार की तरह ही उत्तर प्रदेश पुलिस भी धड़ाधड़ एफआईआर दर्ज कर रही है और गिरफ्तारियों में जुटी है। उत्तर प्रदेश में अब तक 34 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और 387 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश के बलिया, सहारनपुर, अलीगढ़, मथुरा, बनारस, प्रयागराज, चंदौली सहित कई शहरों में इस योजना के विरोध में हिंसा हुई थी। उत्तर प्रदेश में भी तमाम संवेदनशील जगहों पर पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात है। अलीगढ़ पुलिस ने अलीगढ़ में कोचिंग एकेडमी चलाने वाले कई लोगों की धरपकड़ की है।
20 जिलों में इंटरनेट बंद
बिहार में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद 350 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और 20 जिलों में इंटरनेट बीते तीन दिन से बंद है। बिहार में बीजेपी के दफ्तरों पर भी हमले हुए और हिंसा में प्रशासन की भूमिका को लेकर राज्य में सरकार चला रहे बीजेपी और जेडीयू आमने-सामने हैं।
केंद्र सरकार की ओर से अग्निवीरों के लिए तमाम बड़े एलान किए जाने के बाद भी युवाओं का गुस्सा शांत होते नहीं दिख रहा है।