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यूपी: विधायक ने कहा- ब्राह्मण होना गुनाह, जान को ख़तरा; अलीगढ़ मामले में लामबंद

यूपी: विधायक ने कहा- ब्राह्मण होना गुनाह, जान को ख़तरा; अलीगढ़ मामले में लामबंद

उत्तर प्रदेश में बीजेपी और योगी सरकार के समर्थक विधायक अपने उत्पीड़न के ख़िलाफ़ खड़े हो गए हैं।

उत्तर प्रदेश में बीजेपी और योगी सरकार के समर्थक विधायक अपने उत्पीड़न के ख़िलाफ़ खड़े हो गए हैं। सत्ताधारी बीजेपी के समर्थक रहे निषाद पार्टी के नेता और भदोही सीट से विधायक विजय मिश्रा ने वीडियो जारी कर योगी सरकार में अपनी व परिवार की जान को ख़तरा बताया है। वहीं, बुधवार को अलीगढ़ में पुलिस के हाथों बीजेपी विधायक राजकुमार सहयोगी की पिटाई के बाद सुल्तानपुर के लम्भुआ से विधायक देवमणि दुबे गुरुवार को उनके समर्थन में अलीगढ़ पहुंच गए। 

विधायक विजय मिश्रा, उनकी विधान परिषद सदस्य पत्नी, बेटे और बहू पर आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है और उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। विजय मिश्रा की एमएलसी पत्नी रामलली मिश्रा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को गुरुवार को एक चिट्ठी भेज कर अपना दर्द बयां किया है। चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि पुलिस ने उनका जीना दूभर कर दिया है। 

यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में मोदी लहर के बावजूद भदोही जिले की ज्ञानपुर सीट पर बाहुबली नेता विजय मिश्रा ने लगातार चौथी बार जीत हासिल की थी।

हालांकि प्रदेश सरकार ने भदोही विधायक के इन आरोपों को ग़लत बताया है और कहा कि उन पर दर्ज मुकदमे में न्यायसंगत कार्रवाई हो रही है। उधर, अलीगढ़ पहुंचे सुल्तानपुर विधायक देवमणि दुबे अपने कई साथियों के साथ वहां के जिलाधिकारी से मिले और घटना की जानकारी ली। उन्होंने विधायकों के साथ पुलिस व प्रशासन के दुर्व्यवहार को ग़लत बताते हुए कहा कि अगर ये नहीं रुका तो वह इस्तीफा दे देंगे। 

विधायक मिश्रा का वीडियो वायरल

बाहुबली विधायक विजय मिश्रा ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बेटे और 8 महीने की गर्भवती बहू को जान का ख़तरा बताया है। विधायक ने कहा, मुझे और मेरी एमएलसी पत्नी और बेटे विष्णु को फर्जी फंसाया जा रहा है। 

विधायक का कहना है कि भदोही के गोपीगंज थाने की पुलिस ने उनके परिवार का रहना-खाना दुश्वार कर दिया है। उनका कहना है कि यह सब आने वाले पंचायत चुनावों को लेकर हो रहा है। 

विधायक मिश्रा के मुताबिक़, उनकी पत्नी ने बीते विधान परिषद चुनावों में बाहर से आए माफिया विनीत सिंह को हरा दिया था और इसीलिए इस बार चुनाव से पहले उनके परिवार को फंसाया जा रहा है।

‘इतना ही दोष है कि मैं ब्राह्मण हूँ’

विधायक मिश्रा का कहना है कि उन पर दर्ज मामले में पुलिस ने फर्जी और मनमाने ढंग से मुख्य न्यायिक अधिकारी (सीजेएम) के यहां जाकर धारा 164 का बयान कलमबंद कराया है। उन्होंने कहा, ‘मेरा इतना ही दोष है कि मैं ब्राह्मण हूँ। मैं चार बार से विधायक हूँ, आगे जिला पंचायत चुनाव हैं, इस जनपद के लोग ना लड़ पाएं, बनारस का कोई बाहुबली आकर चुनाव लड़े, यही सरकार की मंशा है।’

मिश्रा ने आगे कहा, ‘इसलिए आज या कल में मेरी गिरफ्तारी हो सकती है और कभी भी हत्या हो सकती है। हो सकता है कि मैं रात में ही मार दिया जाऊं।’ विधायक ने यह वीडियो बुधवार को जारी किया है। 

पुलिस बोली- निराधार हैं आरोप

भदोही विधायक का वीडियो सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस मामले में जिला पुलिस का एक बयान जारी किया है। भदोही जिला पुलिस अधीक्षक का कहना है कि विधायक विजय मिश्रा ने असत्य तथ्यों को आधार बनाकर अपने आपराधिक कृत्यों से ध्यान भटकाने तथा जनता में भ्रम फैलाने के उद्देश्य से एक वीडियो जारी किया है। पुलिस का कहना है कि मिश्रा के ऊपर 73 अभियोग पंजीकृत हैं। उनके सुरक्षार्थ गनर दिया गया है और वीडियो में लगाए गए आरोप असत्य और निराधार हैं।

क्या है मामला

विधायक विजय मिश्रा, मीरजापुर-सोनभद्र सीट से एमएलसी रामलली मिश्र और उनके कारोबारी पुत्र विष्णु मिश्रा पर कृष्णमोहन तिवारी ने मुकदमा दर्ज कराया है। गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र के कौलापुर निवासी कृष्णमोहन तिवारी ने तहरीर देकर आरोप लगाया था कि विधायक विजय मिश्र ने उसके परिवार के साथ मारपीट कर मकान पर कब्जा कर लिया है। 

तिवारी ने कहा है कि उसके नाम से फर्म चलाई जा रही हैं, साथ ही कई विभागों में रजिस्ट्रेशन कराकर ठेकेदारी भी हो रही है। विधायक द्वारा पैसे का लेन-देन अपने स्वयं के फर्मों के खाते में, अपनी पत्नी रामलली और अपने पुत्र विष्णु मिश्रा के खाते में किया जाता है। पुलिस ने इस मामले में विधायक सहित उनकी पत्नी और बेटे के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज कर लिया है। 

विधायक ने की इस्तीफ़े की पेशकश

दूसरी ओर, लम्भुआ सीट से विधायक देवमणि दुबे ने गुरूवार को कई विधायकों के साथ अलीगढ़ पहुंचकर इगलास से विधायक राजकुमार सहयोगी से मुलाक़ात की और जिलाधिकारी से भी मिले। राजकुमार सहयोगी ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया था। 

देवमणि दुबे का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से बात की है और उनसे इस घटना को लेकर इस्तीफ़े की पेशकश भी की है। देवमणि का कहना है कि हम प्रदेश के 403 विधायकों के पिटने का इंतज़ार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ़ आवाज़ उठानी पड़ेगी, चाहे अब उसकी जो भी कीमत चुकानी पड़े।

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