ममता का पलटवार!, सीआईडी ने बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह को भेजा समन
पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच चल रही जोरदार जंग का दारोमदार सियासी समर्थकों के साथ ही सरकारी एजेंसियों के कंधों पर भी दिखाई देता है। मोदी सरकार पर आरोप लगता है कि उसने टीएमसी के तमाम बड़े नेताओं के ख़िलाफ़ सीबीआई, ईडी जैसी बड़ी एजेंसियों को लगाया हुआ है तो अब पश्चिम बंगाल पुलिस की सीआईडी ने भी बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह को एक मामले में समन भेजा है।
इसे ममता सरकार का पलटवार माना जा रहा है। महाराष्ट्र में भी महा विकास अघाडी सरकार और बीजेपी के बीच कुछ ऐसा ही घमासान देखने को मिलता रहता है।
अर्जुन सिंह को यह समन आर्थिक अपराध के एक मामले में भेजा गया है। एचटी के मुताबिक़, यह मामला तब का है जब अर्जुन सिंह टीएमसी में हुआ करते थे। समन में कहा गया है कि इस बात के सबूत हैं कि अर्जुन सिंह के पास इस मामले में काफ़ी जानकारी है।
सीआईडी के अफ़सर गुरूवार रात को अर्जुन सिंह के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित आवास पर पहुंचे और उनके घर पर नोटिस लगा दिया। बीजेपी सांसद से कहा गया है कि वह 25 मई को सुबह 11 बजे सीआईडी के कोलकाता के अलीपुर स्थित दफ़्तर में पूछताछ के लिए पहुंचें।
अर्जुन सिंह लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। वह चार बार के विधायक रहे हैं और उन्हें राज्य की सियासत में बड़ा नेता माना जाता है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी के वे नेता जो ममता बनर्जी के ख़िलाफ़ काफी मुखर रहे हैं, उनमें अर्जुन सिंह का भी नाम है।
‘सरकार मेरे पीछे पड़ी है’
समन को लेकर अर्जुन सिंह ने एचटी से कहा कि बंगाल की पुलिस उनके ख़िलाफ़ सब तरह के केस दर्ज करेगी और इसमें कोई हैरानी नहीं है क्योंकि सरकार मेरे पीछे पड़ी है। 2019 में जब अर्जुन सिंह बीजेपी के टिकट पर सांसद बने थे तो इसके बाद इस मामले में 28 जुलाई, 2020 को एफ़आईआर दर्ज की गई थी।
अर्जुन सिंह को सीआईडी ने समन ऐसे वक़्त में भेजा है जब सीबीआई ने टीएमसी के चार बड़े नेताओं को नारद घूस कांड मामले में कुछ ही दिन पहले ही गिरफ़्तार किया था और इसे लेकर राज्य का सियासी माहौल बेहद गर्म है।
इन नेताओं में से दो नेता ममता सरकार में मंत्री हैं। इनके नाम फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी हैं। जबकि दो अन्य नेता पूर्व मंत्री मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया है कि इन नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया जाए।
पिछले साल अगस्त में भी एक मामले में पुलिस ने वित्तीय धोखाधड़ी के एक मामले में अर्जुन सिंह के घर पर छापेमारी की थी।
कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में बीजेपी और टीएमसी के बीच यह जंग आमने-सामने तो लड़ी ही जाएगी,पर्दे के पीछे से भी अपने सियासी दुश्मन को चित करने के लिए ये दोनों दल जांच एजेंसियों का सहारा लेंगे।