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चीन में बढ़ते प्रदर्शनों को कवर कर रहे BBC रिपोर्टर से बदसलूकी

चीन में बढ़ते प्रदर्शनों को कवर कर रहे BBC रिपोर्टर से बदसलूकी

चीन में कोविड प्रतिबंधों और लॉकडाउन के खिलाफ बढ़ते प्रतिबंधों के बीच शंघाई में बीबीसी रिपोर्टर को चीन की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एक स्विस रेडियो पत्रकार को भी पकड़ा गया। बीबीसी रिपोर्टर के ट्वीट से पता चलता है कि चीन में विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। पुलिस को चौराहों पर से लोगों को धक्का देकर हटाना पड़ रहा है। जानिए पूरा हालः

चीन में लॉकडाउन और कोविड प्रतिबंधों को लेकर जहां सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ रहा है और प्रदर्शन कई शहरों में फैल रहे हैं, वहीं पर चीनी प्रशासन ने विदेशी पत्रकारों से बदसलूकी शुरू कर दी है। शंघाई में रविवार को बीबीसी संवाददाता एडवर्ड लॉरेंस के साथ चीनी प्रशासन ने सारी हदें पार कर दीं। लॉरेंस को पीटा गया, हथकड़ी लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। एडवर्ड लॉरेंस बीबीसी के चीन ब्यूरो में हैं।

गार्डियन के मुताबिक बीबीसी ने कहा कि चीनी पुलिस ने रविवार को शंघाई में एक विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे बीबीसी पत्रकार पर हमला किया और हिरासत में लिया, उसे कई घंटों के बाद रिहा कर दिया।

बीबीसी प्रवक्ता ने कहा, बीबीसी अपने पत्रकार एडवर्ड लॉरेंस को लेकर बेहद चिंतित है, जिसे शंघाई में विरोध प्रदर्शन को कवर करते हुए गिरफ्तार किया गया और हथकड़ी लगाई गई। रिहा करने से पहले उन्हें कई घंटों तक रोक कर रखा गया था। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उन्हें लात घूसों से पीटा। एडवर्ड एक मान्यता प्राप्त पत्रकार के रूप में काम कर रहे हैं।

लॉरेंस ने बाद में सोशल मीडिया पर बीबीसी के बयान को साझा किया और कहा कि वह समझ गए थे कि कम से कम एक स्थानीय नागरिक को पुलिस द्वारा पीटने से रोकने की कोशिश करने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

शंघाई उन कई चीनी शहरों में से एक है, जहां कोविड के कड़े प्रतिबंधों को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। चीन के सुदूर पश्चिम में एक घातक आग के बाद हाल के दिनों में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे।

सोशल मीडिया पर फुटेज में दिखाया गया है कि एक व्यक्ति जिसे अन्य पत्रकार लॉरेंस के रूप में पहचानते हैं, को पुलिस की वर्दी में पुरुषों द्वारा गिरफ्तार किया जा रहा है। बीबीसी ने कहा कि लॉरेंस की हिरासत के लिए उन्हें स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था।

बीबीसी ने कहा -हमारे पास चीनी अधिकारियों से कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण या माफी नहीं है। जिस समय एडवर्ड शंघाई विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे, लोगों का शांतिपूर्ण जुलूस चल रहा था। यानी वो घटनास्थल पर मौजूद थे।

कवरेज के दौरान उन्होंने एक ट्वीट में लिखा: मैं शंघाई में एंटीकोविड विरोध के घटनास्थल पर हूं। काफी लोग यहां जमा हैं। जिनमें बहुत सारे पुलिस वाले हैं। एक अन्य ट्वीट में लॉरेंस ने लिखा था: एक व्यक्ति ने अभी मुझसे यह कहने के लिए संपर्क किया है कि उसके फूलों को पुलिस ने जब्त कर लिया है। उसने मुझे बताया कि हमारी बातचीत सुनने के लिए दो पुलिस वाले आए और मुझे पकड़ लिया।

प्रदर्शन जारी

शंघाई में सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी हैं। एडवर्ड लॉरेंस आज सोमवार को भी वहां के प्रदर्शन के बारे में लगातार ट्वीट कर रहे हैं। सोमवार सुबह किए गए ट्वीट में एडवर्ड ने बताया कि उन्हें पता चला है कि जिस समय उन्हें गिरफ्तार किया गया, लगभग उसी दौरान एक स्विस रेडियो पत्रकार मिशेल प्यूकर को भी कुछ देर के लिए गिरफ्तार किया गया और बाद में छोड़ दिया गया।

चार घंटे पहले किए गए ट्वीट में लॉरेस ने लिखा है कि शंघाई में उस चौराहे से लोगों को धक्का देकर पुलिस हटा रही है, जहां प्रदर्शन चल रहा था। उन्होंने वुलुमुकी रोड का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा है कि यहां इस रोड पर प्रदर्शन हुआ था, अब सड़क के किनारे फेंस लगा दी गई है। एडवर्ड लॉरेंस के ट्वीट से चीन में चल रहे मूड का पता चलता है।

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