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बीबीसी दफ्तर में तलाशी का तीसरा दिन, 45 घंटे से 10 लोग फंसे हैं 

बीबीसी दफ्तर में तलाशी का तीसरा दिन, 45 घंटे से 10 लोग फंसे हैं 

बीबीसी के भारत स्थित दफ्तरों पर आज गुरुवार को तीसरे दिन भी आयकर विभाग का सर्वे जारी है। बीबीसी ने हाल ही में पीएम मोदी और गुजरात दंगे 2002 पर डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया था। भारत के विपक्षी दलों और विश्व मीडिया ने छापों को सरकारी प्रतिशोध की कार्रवाई बताया है।

बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों में आयकर विभाग के सर्वे का काम गुरुवार 16 फरवरी को भी जारी रहा। बीबीसी दफ्तरों पर 14 फरवरी से सर्वे का काम शुरू हुआ था। हालांकि इस दौरान बीबीसी दफ्तर की तलाशी ली गई और तमाम बीबीसी पत्रकारों के फोन कई घंटे तक जब्त रहे। बीबीसी दफ्तर में आज गुरुवार को सिर्फ एकाउंट्स विभाग के लोगों को आने दिया गया। बाकी स्टाफ घर से काम कर रहा है।

पीटीआई और एनडीटीवी के मुताबिक बीबीसी दफ्तर में मंगलवार से ही कम से कम 10 वरिष्ठ स्टाफ फंसा हुआ है जो अपने घर नहीं गया है। आयकर अधिकारियों ने बीबीसी कर्मचारियों से वित्तीय आंकड़े मांगे और सारे दस्तावेजों की प्रतियां बनाईं। बीबीसी ने कहा कि वो हमेशा की तरह अपनी खबरें प्रसारित कर रहे हैं और कई कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं।

बीबीसी के दफ्तरों में मंगलवार सुबह करीब 11:30 बजे आयकर विभाग का तलाशी अभियान शुरू हुआ था, जिसे अब 45 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं।

भारत सरकार के अधिकारियों ने बुधवार को कहा था कि सर्वे की कार्रवाई कुछ और समय तक जारी रहेगी। यह पूरा ऑपरेशन ग्राउंड पर यानी बीबीसी दफ्तरों में गई टीम पर निर्भर करेगा। अधिकारियों ने कहा है कि यह सर्वे अंतरराष्ट्रीय टैक्सेशन और बीबीसी सहायक कंपनियों के ट्रांसफर प्राइस निर्धारण से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए किया जा रहा है।

टैक्स अधिकारियों ने कहा था कि वो वित्तीय लेन-देन, कंपनी संरचना और समाचार कंपनी के बारे में अन्य विवरणों पर जवाब मांग रहे हैं और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से डेटा की नकल कर रहे हैं।

भारत के लगभग सभी विपक्षी दलों ने बीबीसी पर कार्रवाई की निंदा की है। उन्होंने इसे "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया है। मंगलवार को सत्तारूढ़ बीजेपी ने बीबीसी पर "जहरीली रिपोर्टिंग" का आरोप लगाया था, जबकि विपक्ष ने कार्रवाई के समय पर सवाल उठाया था। विपक्ष ने सवाल पूछा है कि पीएम नरेंद्र मोदी पर डॉक्यूमेंट्री "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" प्रसारित होने के के बाद ही ये छापे क्यों मारे गए।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री के मद्देनजर भारत में बीबीसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को "पूरी तरह से गलत" और "बिल्कुल योग्यता" करार दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डॉक्यूमेंट्री के लिंक को ब्लॉक करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अप्रैल में सुनवाई होगी। 21 जनवरी को, सरकार ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के लिंक साझा करने वाले कई YouTube वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए।

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