अमेरिकी गर्भपात कानून: कोर्ट का फैसला आज़ादी पर हमला- ओबामा
महिलाओं को मिले गर्भपात के हक को लेकर आए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज़ादी पर हमला बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिए एक फैसले में 1973 के रो वर्सेस वेड के ऐतिहासिक फैसले को पलट दिया। इस फैसले के जरिए अमेरिका में महिलाओं को गर्भपात कराने का कानूनी हक मिला था।
बराक ओबामा ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ 50 साल पुराने फैसले को पलटा है बल्कि एक बेहद व्यक्तिगत फैसले को भी खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा आदेश के बाद अब अमेरिका में अलग-अलग राज्य अपने मन मुताबिक गर्भपात की प्रक्रिया की अनुमति दे सकते हैं या इसे प्रतिबंधित कर सकते हैं।
अपनी पत्नी मिशेल ओबामा के साथ जारी किए गए संयुक्त बयान में पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि अमेरिका में कई राज्यों ने गर्भपात के हक पर रोक लगाने वाले विधेयकों को पहले ही पारित कर दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में कई समूह इस मामले में लड़ाई लड़ रहे हैं और वह आगे भी लड़ाई लड़ते रहेंगे।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से गर्भपात में कमी आने की कोई संभावना नहीं दिखाई देती और पिछले कई दशकों में बेहतर शिक्षा और गर्भनिरोधक की वजह से गर्भपात के मामलों में कमी आई है।
ओबामा ने कहा कि कार्यकर्ताओं को इस फैसले के विरोध में हो रहे स्थानीय प्रदर्शनों में शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम ऐसे न्यायाधीशों को चाहते हैं जो हम सबके हक की हिफाजत करें ना कि सिर्फ कुछ की तो हमें ऐसे अधिकारियों को चुनना होगा।
पेंस ने किया स्वागत
दूसरी ओर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन नेता माइक पेंस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि इससे जिंदगी को जीत मिली है। उन्होंने कहा कि रो वर्सेस वेड का मामला अब पुराना हो चुका है और हम पैदा होने वाले बच्चे और महिलाओं के हक में फैसला लेंगे। उन्होंने अमेरिका के हर राज्य में ऐसे क़ानून की जरूरत बताई और कहा कि इस मामले में राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनना चाहिए।
संवैधानिक हक को छीन लिया: बाइडेन
उधर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बड़ी गलती बताया है। जो बाइडेन ने कहा कि अदालत ने वह किया है जो उसने इससे पहले कभी नहीं किया। अदालत ने बहुत सारे अमेरिकियों को मिले संवैधानिक हक को छीन लिया। राष्ट्रपति ने कहा कि इस फैसले से एक रूढ़िवादी विचारधारा का एहसास होता है और सुप्रीम कोर्ट के द्वारा की गई यह एक दुखद गलती है।
विरोध शुरू
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के विरोध में बड़ी संख्या में महिलाओं ने अमेरिका के तमाम राज्यों में प्रदर्शन किया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना है कि इस फैसले का महिलाओं पर खराब असर होगा होगा। उन्होंने कहा कि सभी महिलाओं को बाहर निकल कर इस फैसले का विरोध करना चाहिए।