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बांग्लादेश में ताजा झड़पों में 72 की मौत, हसीना के इस्तीफे की मांग

बांग्लादेश में ताजा झड़पों में 72 की मौत, हसीना के इस्तीफे की मांग

बांग्लादेश में कुछ ही दिन पहले विवादास्पद आरक्षण को ख़त्म करने की मांग कर रहे छात्र प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गए थे। अब जानिए, ताज़ा झड़प क्यों हुई।

बांग्लादेश में ताजा हिंसा में कम से कम 72 लोग मारे गए हैं। इसमें 14 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। हिंसा में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। ताज़ा हिंसा के बाद सिलहट में भारत के सहायक उच्चायोग ने अपने नागरिकों से सतर्क रहने को कहा और एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है।

रविवार को राजधानी ढाका समेत बांग्लादेश के कई शहरों में हिंसा हुई है। छात्र प्रदर्शनकारियों की पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हुई। हज़ारों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। सरकार ने रविवार को शाम 6 बजे से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की, पिछले महीने शुरू हुए मौजूदा विरोध प्रदर्शनों के दौरान पहली बार ऐसा कदम उठाया गया है। 

ताज़ा हिंसा तब फिर शुरू हुई जब प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे और असहयोग आंदोलन के लिए बैठे लोगों की आवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं की सरकार समर्थकों के साथ झड़प हो गई। प्रदर्शनकारी हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। जुलाई में पहले हुए विरोध प्रदर्शन की शुरुआत छात्रों द्वारा सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग के साथ हुई थी। तब हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए थे।

हिंसा भड़कने पर हसीना ने कहा है कि जो लोग विरोध के नाम पर तोड़फोड़ और विध्वंस कर रहे हैं, वे अब छात्र नहीं, बल्कि अपराधी हैं और उनसे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। सरकार ने सोमवार से बुधवार तक छुट्टी की घोषणा की है। अदालतें अनिश्चित काल के लिए बंद रहेंगी। रविवार को मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रही, जबकि ब्रॉडबैंड इंटरनेट पर भी फेसबुक और व्हाट्सएप सहित मैसेजिंग ऐप उपलब्ध नहीं थे।

जनवरी में लगातार चौथी बार सत्ता में लौटीं हसीना के लिए विरोध-प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। उन्होंने 15 साल से अधिक समय तक शासन किया है। हसीना की सरकार गिरने के कगार पर है। प्रदर्शनकारी अब उनके इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं।

ढाका के केंद्रीय शाहबाग स्क्वायर में प्रदर्शनकारियों की भीड़ जुटी। इनमें से कई लाठी लिए हुए थे। कई स्थानों पर सड़कों पर झड़पें हुईं। पिछले दौर की झड़पें मुख्य रूप से ढाका और उसके बाहरी इलाकों में केंद्रित थीं, रविवार की हिंसा कई शहरों में फैल गई।

प्रदर्शनकारियों में छात्र और मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी द्वारा समर्थित कुछ समूह शामिल हैं। उन्होंने 'असहयोग' का आह्वान किया है, लोगों से करों और उपयोगिता बिलों का भुगतान न करने और बांग्लादेश में कार्य दिवस रविवार को काम पर न आने का आग्रह किया है। विरोध कर रने नेताओं ने आंदोलनकारियों से बांस की छड़ियों से लैस होने का आह्वान किया। जुलाई में विरोध प्रदर्शनों के पिछले दौर को पुलिस ने बड़े पैमाने पर कुचल दिया था।

प्रदर्शनकारियों ने आज खुले कार्यालयों और प्रतिष्ठानों पर हमला किया। इसमें ढाका का एक प्रमुख सार्वजनिक अस्पताल बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी भी शामिल है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ढाका के उत्तरा इलाके में कुछ देसी बम विस्फोट किए गए और गोलियों की आवाजें सुनी गईं। उन्होंने कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया।

बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल फोन ऑपरेटरों के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें 4जी सेवाएं बंद करने का निर्देश मिला है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और व्हाट्सएप ब्रॉडबैंड कनेक्शन के जरिए भी उपलब्ध नहीं थे।

प्रदर्शनकारियों ने बढ़ती हिंसा को रोकने के उद्देश्य से वार्ता के लिए हसीना के निमंत्रण को खारिज कर दिया है तथा अपनी मांगों को तेज करते हुए सरकार के इस्तीफे की मांग की है।

सिलहट शहर में भारतीय सहायक उच्चायोग ने भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। आयोग ने ट्वीट किया, 'सिलहट में भारतीय सहायक उच्चायोग के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस कार्यालय के संपर्क में रहें और सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। आपात स्थिति में, कृपया +88-01313076402 पर संपर्क करें"।

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