भारत के भीतर ही सर्जिकल स्ट्राइक कराने पर क्यों तुले हैं बीजेपी नेता?
साल 2016 में जम्मू-कश्मीर के उड़ी में आतंकी हमला हुआ था। इसमें 19 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। 2019 में पुलवामा में भी आतंकी हमला हुआ। इसके बाद भी भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाया था और बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
पूरे देश के लोगों ने सर्जिकल स्ट्राइक का स्वागत किया था। बीजेपी ने जवानों के शौर्य को कई राज्यों के और लोकसभा चुनाव में जमकर भुनाया और इसे मोदी सरकार की उपलब्धि बताने की कोशिश की।
हिंदुस्तान के ख़िलाफ़ नापाक हरक़तें करने में जुटा पाकिस्तान तो सर्जिकल स्ट्राइक के ही लायक है। लेकिन ये बीजेपी के नेता हिंदुस्तान के भीतर सर्जिकल स्ट्राइक क्यों कराना चाहते हैं।
जादवपुर यूनिवर्सिटी निशाने पर
सितंबर में पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था, ‘राज्य की जादवपुर यूनिवर्सिटी राष्ट्रविरोधियों का अड्डा बन चुकी है। जिस तरह हमारे सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान के आतंकी कैंपों को तबाह करने के लिए बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की थी, उसी तरह हमारे कार्यकर्ता इस यूनिवर्सिटी में सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे।’
दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े लोग सोशल मीडिया पर आए दिन पोस्ट करते हैं कि जेएनयू में सर्जिकल स्ट्राइक कर दी जाए। इस साल 5 जनवरी को नक़ाबपोशों ने जेएनयू में घुसकर हमला किया था, इसे उन लोगों ने ऐसा ही नाम दिया था।
‘पुराने हैदराबाद में सर्जिकल स्ट्राइक’
अब ताज़ा बयान आया है तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष और सांसद बांडी संजय कुमार का। संजय का कहना है कि अगर बीजेपी हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में जीत जाती है तो उनकी पार्टी पुराने हैदराबाद में सर्जिकल स्ट्राइक करेगी जिससे यहां अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और पाकिस्तानियों को बाहर निकाला जा सके। संजय कुमार ने कहा कि बीजेपी हिंदुओं की एकता के लिए खड़ी रहेगी। संजय कुमार इससे पहले कई बार समुदाय विशेष के लोगों के ख़िलाफ़ उल-जुलूल बयान दे चुके हैं।
ध्रुवीकरण चाहती है बीजेपी
हैदराबाद नगर निगम के चुनाव को लेकर माहौल बेहद गर्म है और बीजेपी के नेता लगातार ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी नेताओं के निशाने पर हैदराबाद के सांसद असदउद्दीन ओवैसी हैं। बीजेपी नेता चुनाव में रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा उठा रहे हैं।
कुछ दिन पहले ही भाजयुमो के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कहा था कि हर एक वोट जो ओवैसी को मिलेगा वो भारत के ख़िलाफ़ जाएगा। सूर्या ने कहा था कि असदउद्दीन ओवैसी मुहम्मद अली जिन्ना की भाषा बोलते हैं।
बांडी संजय कुमार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि अगर पाकिस्तानी इस देश में रह रहे हैं तो क्या केंद्र सरकार इतने साल से झक मार रही है। गृह मंत्रालय क्यों नहीं ऐसे लोगों को जेलों में ठूंसता। लेकिन हैदराबाद नगर निगम चुनाव को किसी भी क़ीमत पर जीतने की कोशिश में बीजेपी नेताओं ने राजनीति में शब्दों का चयन करने की ज़रूरत को भी छोड़ दिया है। ओवैसी ने भी सवाल उठाया है कि अगर रोहिंग्या और पाकिस्तानी हैदराबाद में हैं तो केंद्र सरकार क्या कर रही है।
देखिए, इस विषय पर वीडियो-
टीआरएस का पलटवार
संजय कुमार के बयान पर एतराज जताते हुए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने कहा है कि वोटों के लिए वह पूरी तरह पागल हो चुके हैं और नफ़रती बयान दे रहे हैं।
रामा राव ने ट्वीट कर रहा, ‘आप वोटों के लिए सर्जिकल स्ट्राइक कराना चाहते हैं। अगर आप सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहते हैं, तो ग़रीबी, बेरोज़गारी, पिछड़ेपन, धार्मिक कट्टरता पर और ऐसे लोगों पर करें, जिन्होंने हमारे देश की इकॉनमी को बर्बाद कर दिया है।’ रामा राव ने कहा है कि आप ऐसा नहीं कर सकते, इसलिए लोगों ने फ़ैसला कर लिया है कि अब वे आपके ऊपर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे।
कड़ा मुक़ाबला
हैदराबाद नगर निगम चुनाव के लिए मतदान 1 दिसंबर को होगा। इस चुनाव में टीआरएस, बीजेपी, कांग्रेस और एआईएमआईएम के बीच कड़ा मुक़ाबला है। हैदराबाद नगर निगम में 150 वार्ड हैं और 40 फ़ीसदी मुसलिम आबादी है। 2016 के निगम चुनाव में एआईएमआईएम को 44 सीटें मिली थीं जबकि टीआरएस को 99। इस चुनाव को राज्य में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमी फ़ाइनल माना जा रहा है।
बीजेपी ने झोंकी ताक़त
बीजेपी की कोशिश तेलंगाना में कांग्रेस को तीसरे स्थान पर धकेलकर टीआरएस से सीधा मुक़ाबला करने की है। इसलिए, इस बार उसने प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी से लेकर कई बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतारा है और बिहार चुनाव में जीत के शिल्पी रहे पार्टी प्रभारी भूपेंद्र यादव को हैदराबाद चुनाव में भी जीत दिलाने की जिम्मेदारी दी गई है।
लेकिन मूल सवाल यह है कि बीजेपी के नेताओं को इस तरह की बातें करते वक़्त यह भी ध्यान नहीं रहता कि देश के लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे। लोग सवाल पूछें कि भाई, आप हमारे विश्वविद्यालयों, शहरों में क्यों सर्जिकल स्ट्राइक कराना चाहते हो। केंद्र में बीजेपी की सरकार है और किसी मामले में बजाए अपनी सरकार से शिकायत करने के, पार्टी के नेता चुनावी राज्यों में ध्रुवीकरण के लिए इस तरह के बेतुके बयान देते रहते हैं।