नौकरी का डर न दिखाएँ, छोड़ने में 10 सेकंड भी नहीं लगेंगे: पहलवान
पहलवानों ने साफ़ कर दिया है कि वे बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग से पीछे नहीं हटेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। इधर साक्षी मलिक ने रात में फ़ेसबुक लाइव कर मीडिया पर उनके आंदोलन को लेकर फ़ेक न्यूज़ फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने मीडिया से अपील की कि यदि वे सच्चाई नहीं दिखा सकते हैं तो फ़ेक न्यूज़ न चलाएँ।
इससे पहले आज ही साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने उन लोगों को क़रारा जवाब दिया है जो उनको उनकी नौकरी को लेकर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने कहा है कि लोग नौकरी का डर नहीं दिखाएँ, उन्हें न्याय के लिए इसे छोड़ने में 10 सेकंड भी नहीं लगेंगे।
हमारे मेडलों को 15-15 रुपए के बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गये हैं.
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) June 5, 2023
हमारी ज़िंदगी दांव पर लगी हुई है, उसके आगे नौकरी तो बहुत छोटी चीज़ है.
अगर नौकरी इंसाफ़ के रास्ते में बाधा बनती दिखी तो उसको त्यागने में हम दस सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएँगे. नौकरी का डर मत दिखाइए.
पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ आंदोलन ख़त्म होने की खबरों का खंडन किया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई थी कि साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट ने धरना वापस ले लिया है और वे रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट गए हैं। इसके बाद साक्षी और बजरंग ने ट्वीट कर उन ख़बरों का खंडन किया और अफवाह बताया कि उन्होंने आंदोलन को ख़त्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे न्याय मिलने तक आंदोलन को जारी रखेंगे। हालाँकि उन्होंने इतना ज़रूर कहा कि उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए नौकरी को ज्वाइन कर लिया है।
दोनों पहलवानों ने कहा है कि हमारे मेडलों को 15-15 रुपये के बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़े हैं। उन्होंने साफ़ किया कि इंसाफ़ नौकरी से काफ़ी बड़ा है और अगर नौकरी इंसाफ़ के रास्ते में बाधा बनी तो उसे छोड़ देंगे। उन्होंने कहा है कि हमारी ज़िंदगी दाँव पर लगी है, उसके आगे नौकरी तो बहुत छोटी चीज़ है।
साक्षी मलिक ने रात में फ़ेसबुक लाइव कर मीडिया पर उनके आंदोलन को लेकर फ़ेक न्यूज़ फैलाने का आरोप लगाया। साक्षी ने कहा, 'आज सारा दिन फेक न्यूज़ चलती रही कि हमने प्रदर्शन ख़त्म कर दिया है। जो ये अफवाहें उड़ रही हैं वह हमारे आंदोलन को कमजोर करने के लिए उड़ाई जा रही हैं। लाइव में उनकी ओर से कहा गया, 'फ़ेक न्यूज़ चलाने के लिए और हमारी नौकरी छुड़ाने के लिए ढाई करोड़ से चार करोड़ का सालाना पैकेज लेते हो। सच दिखाने के लिए उस पैकेज को छोड़ दो। आपको हमारे 60-70 हजार रुपये की सैलरी से दिक्कत है?'
उन्होंने कहा कि हमारी एकजुटता को तोड़ने के लिए ऐसी फ़ेक न्यूज़ चलाई जा रही हैं। साक्षी ने कहा कि हम आख़िरी साँस तक न्याय की लड़ाई लड़ेंगे। महिला पहलवान ने कहा कि फ़ेक न्यूज़ से वे बेहद परेशान हैं। उन्होंने कहा कि यदि सच नहीं दिखा सकते तो फेक न्यूज़ न दिखाएँ। साक्षी और बजरंग ने दिन में एक ख़बर के स्क्रीनशॉट को साझा करते हुए कहा था कि यह फ़ेक ख़बर है।
ये खबर बिलकुल ग़लत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूँ। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए। pic.twitter.com/FWYhnqlinC
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 5, 2023
आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफ़वाह हैं. ये खबरें हमें नुक़सान पहुँचाने के लिए फैलाई जा रही हैं.
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) June 5, 2023
हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है. महिला पहलवानों की एफ़आईआर उठाने की खबर भी झूठी है.
इंसाफ़ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी 🙏🏼 #WrestlerProtest pic.twitter.com/utShj583VZ
बता दें कि सोमवार की दोपहर मीडिया में तेज़ी से अफ़वाह फैली कि पहलवानों के आंदोलन का अहम चेहरा साक्षी मलिक आंदोलन से पीछे हट गई हैं। ख़बर यह भी चली कि उन्होंने रेलवे में अपनी नौकरी ज्वाइन कर ली है। कहा जाने लगा कि अब पहलवानों ने आंदोलन को खत्म कर दिया है।
दोनों पहलवानों के जोरदार खंडन के बाद एएनआई ने ट्वीट कर बताया कि साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने स्पष्ट किया है कि वे आंदोलन से पीछे नहीं हट रहे हैं। एएनआई ने अपने ट्वीट में कहा कि एएनआई ने ऐसा कोई न्यूज़ नहीं बताया है कि पहलवानों ने एफआईआर वापस ले ली है और आंदोलन खत्म हो गया है।