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बजरंग दल बनाम बजरंग बलीः खड़गे पर सौ करोड़ की मानहानि का केस

बजरंग दल बनाम बजरंग बलीः खड़गे पर सौ करोड़ की मानहानि का केस

बजरंग दल बनाम बजरंग बली विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। इस संबंध में एक संगठन की अर्जी पर संगरूर कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौ करोड़ की मानहानि का केस में समन जारी किया है।

बजरंग दल और प्रतिबंधित पीएफआई में तुलना करने का कथित आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर हिन्दूवादी संगठन ने सौ करोड़ की मानहानि का केस किया है। पंजाब की संगरूर कोर्ट ने खड़गे को तलब किया है।

संगरूर जिला कोर्ट में "बजरंग दल हिंदुस्तान" नामक संगठन के अध्यक्ष हितेश भारद्वाज ने इस संबंध में केस दायर किया है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि हाल ही में संपन्न कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल की तुलना "सिमी और अल-कायदा जैसे राष्ट्र-विरोधी संगठनों" से की थी। हालांकि बताते चलें कि कांग्रेस ने ऐसी कोई तुलना अपने घोषणापत्र में नहीं की थी, बल्कि उसने कट्टरपंथी संगठनों पर कार्रवाई करने की बात कही थी।

बजरंग दल का नाम लेते हुए, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में उन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया जो "बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदायों के बीच दुश्मनी या नफरत" को बढ़ावा देते हैं।

कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया था कि कांग्रेस पार्टी जाति या धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र हैं और बजरंग दल, पीएफआई या इस जैसे संगठन और व्यक्ति इसका उल्लंघन नहीं कर सकते।  

कर्नाटक के निवर्तमान मंत्री सीएन अश्वथनारायण, जिन्होंने मल्लेश्वरम निर्वाचन क्षेत्र में अपनी सीट बरकरार रखी, ने नतीजे वाले दिन 13 मई को कांग्रेस को बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की चुनौती दी।

कांग्रेस की जीत के बाद मुंबई, देहरादून समेत कई शहरों में कांग्रेस नेता हनुमान चालीसा का पाठ करते नजर आए। उनका कहना था कि बजरंग बली ने भाजपा की नहीं, कांग्रेस की सुनी है। इसलिए हम लोग बजरंग बली को याद कर रहे हैं।

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