मप्र: धर्मांतरण के आरोप पर बजरंग दल का स्कूल में उपद्रव, चार गिरफ़्तार
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगे विदिशा जिले के एक मिशनरी स्कूल में जमकर उत्पात मचाने और पत्थरबाजी करने के आरोप में बजरंग दल के चार प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जबकि अन्य की तलाश की जा रही है।
बता दें, विदिशा जिले के गंजबासौदा तहसील के सेंट जोसेफ स्कूल में कट्टर हिन्दू संगठन बजरंग दल की अगुवाई में सोमवार को जमकर उत्पात किया गया था। जिस वक्त उपद्रवी स्कूल को अपना शिकार बना रहे थे, उस दौरान स्कूल में 12वीं कक्षा के छात्र गणित की परीक्षा दे रहे थे।
अचानक हुए इस उपद्रव के कारण परीक्षा दे रहे छात्र बुरी तरह सहम गए थे। उनकी एकाग्रता भी भंग हुई थी।
धर्मांतरण का आरोप
बड़ी संख्या में पहुंचे बजरंग दल के प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि स्कूल धर्मांतरण का अड्डा बन गया है। जबरदस्ती और बहला-फुसलाकर हिन्दू विद्यार्थियों का धर्मांतरण कराया जाता है। स्कूल प्रबंधन ने आरोपों को सिरे से नकार दिया था।
गुस्साये प्रदर्शनकारियों ने स्कूल में जमकर तोड़फोड़ की थी। पत्थर भी चलाये थे। पुलिस ने बामुश्किल इन्हें खदेड़कर हालात पर काबू पाया था। घटना के बाद स्कूल के प्रिंसिपल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
चार आरोपी गिरफ्तार: कलेक्टर
जिले के कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने ‘सत्य हिन्दी’ को बताया कि प्रदर्शन के दौरान की वीडियो रिकार्डिंग में स्कूल पर पथराव करते और तोड़फोड़ में संलिप्त नजर आए आंदोलनकारियों की पहचान कर ली गई है। वीडियो के आधार पर ही चार प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अन्य की तलाश की जा रही है।
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धर्मांतरण की शिकायत और इस घटनाक्रम की विस्तृत जांच हो रही है। जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ सख्त एक्शन होगा। कानून किसी को भी अपने हाथों में लेकर उत्पात मचाने की आजादी नहीं दी जायेगी।’
उमाशंकर भार्गव, कलेक्टर
जमीन पर है नज़र!
जानकार सूत्रों ने बताया कि बजरंग दल द्वारा स्कूल को निशाना बनाये जाने की असल वजह स्कूल से लगी वह कीमती सरकारी जमीन है जिस पर शहर के एक बिल्डर की कथित तौर पर नज़र है। कट्टरपंथी संगठन का पदाधिकारी इस बिल्डर का पार्टनर है। दोनों काफी वक्त से जमीन हथियाने के प्रयासों में है। मगर सफल नहीं हो पा रहे हैं।
दबाव बनाने की कोशिश
सूत्रों ने स्कूल पर हमले की दूसरी वजह दबदबा कायम करना भी बताया। बताया गया कि स्कूल पढ़ाई-लिखाई और अनुशासन के मामले में अव्वल है। सीमित सीटें हैं। एडमिशन मैरिट के आधार पर मिलता है। ऐसे में प्रवेश पाना मुश्किल होता है।
अधिकांश अभिभावक इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं। प्रवेश के लिए सिफारिशें भी होती हैं। एक सीमा तक ही स्कूल प्रबंधन सिफारिशों को मैरिट के आधार पर तरजीह देता है।
बजरंग दल के प्रदर्शन को कथित तौर पर मनमाफिक प्रवेश में तरजीह न मिलने और प्रबंधन पर अपना दबाव कायम करने की नीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
वायरल हुई थी पोस्ट
स्कूल में धर्मांतरण से जुड़ी एक कथित फोटो विवाद की वजह बताई गई है। सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई फोटो में विद्यार्थियों पर जल छिड़का जा रहा है। कट्टरपंथी इसे धर्मांतरण की प्रक्रिया करार दे रहे हैं। कई दिनों से सोशल मीडिया पर मसला चल रहा था। हालाँकि सूत्र दावा कर रहे हैं वायरल फोटो सात महीने पुरानी है।
उधर, बजरंग दल के स्थानीय नेता नीलेश अग्रवाल का एक बयान मीडिया में सामने आया। जिसमें कट्टर हिंदू संगठन के नेता ने स्कूल में कथित धर्मांतरण मामले की जांच की मांग करते हुए कहा है कि अगर धर्मांतरण में स्कूल प्रशासन संलिप्त पाया जाता है तो स्कूल पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त कर देना चाहिए।
आयोग से की शिकायत
बजरंग दल ने धर्मांतरण के आरोपों से जुड़ी एक शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली को भी की हुई है। आयोग ने विदिशा कलेक्टर को पत्र भेजकर पूरे मामले की जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने आयोग की ओर से जांच एवं कार्रवाई का निर्देश संबंधी पत्र मिलने की पुष्टि ‘सत्य हिन्दी’ से की। उन्होंने कहा हम मसले की जांच करवा रहे हैं।