शंकराचार्य ने कहा, जनेऊ पहनते थे, ब्राह्मण थे हनुमान
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने हनुमान की जाति पर उठ रहे विवाद पर कहा है कि हनुमान ब्राह्मण थे।इससे पहले रामदेव ने भी बजरंग बली को ब्राह्मण बताया था।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने हनुमान को ब्राह्मण बताया है। उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी ने हनुमान के बारे में लिखा है कि कांधे मूंज जनेऊ साजे, इसका सीधा अर्थ है कि वे ब्राह्मण थे न कि दलित।शंकराचार्य यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर रिऐक्ट कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि हनुमान दलित, वंचित समुदाय के सदस्य थे। उन्होंने यह बात राजस्थान के अलवर में 27 नवंबर को चुनाव प्रचार के दौरान कही थी। उनके बयान के बाद से ही हनुमान की जाति को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है।
दलित कहने की निंदा की
शंकराचार्य ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में पत्रकारों से बात करते हुए हनुमान को दलित बताए जाने की निंदा की। उन्होंने कहा कि त्रेतायुग में दलित शब्द था ही नहीं। उनके अनुसार, सबसे पहले गाँधी ने वंचित वर्ग को हरिजन कहकर पुकारा और बाद में मायावती ने दलित शब्द इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे पर ईमानदार नहीं है और वह सिर्फ़ 2019 के लोकसभा चुनाव में फ़ायदे के लिए इसे हथकंडे के रूप में इस्तेमाल कर रही है।यह भी पढ़ें : हनुमान को दलित बताने का योगी का दाँव उलटा पड़ा