आज़म खान के समर्थन में उतरीं बीएसपी प्रमुख मायावती
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आज़म खान के समर्थन में बीएसपी प्रमुख मायावती ने बयान दिया है। बीएसपी प्रमुख ने गुरुवार सुबह ट्वीट कर कहा है कि यूपी व अन्य बीजेपी शासित राज्यों में भी कांग्रेस की ही तरह गरीबों, दलितों आदिवासियों व मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है।
मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपने विरोधियों पर लगातार द्वेषपूर्ण कार्रवाई की जा रही है और विधायक मोहम्मद आज़म खान को सवा दो साल से जेल में बंद रखा गया है।
बीएसपी प्रमुख ने सवाल उठाया है कि यह लोगों की नजर में न्याय का गला घोटना नहीं है तो और क्या है।
सपा के दिग्गज नेता आज़म खान लंबे वक्त से जेल में हैं और उनकी अब तक जमानत नहीं हो सकी है। हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को उन्हें जमानत दे दी थी लेकिन एक नया केस दर्ज होने की वजह से आज़म खान जेल से बाहर नहीं आ सके। आज़म खान के खिलाफ अब तक 88 मामले दर्ज हो चुके हैं।
बीते कुछ दिनों में आज़म के कई समर्थक सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर यह आरोप लगा चुके हैं कि उन्होंने आज़म खान की रिहाई के लिए कुछ नहीं किया।
जेल में आज़म खान से मिलने गए पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने भी कहा था कि आज़म की रिहाई के लिए सपा को संघर्ष करना चाहिए था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
क्या करेंगे आज़म?
उत्तर प्रदेश की सियासत में ऐसी चर्चाएं हैं कि आज़म खान जेल से निकलने के बाद सपा से किनारा कर सकते हैं। कुछ दिन पहले आज़म के कई समर्थकों ने सपा को अलविदा कहा था। ऐसे में बीएसपी प्रमुख मायावती का आज़म खान के जेल में बंद होने के मामले को उठाना कुछ सियासी अटकलों को हवा देता है।
आज़म खान जेल से बाहर आने के बाद क्या कदम उठाएंगे इसे लेकर आज़म खान के शहर रामपुर में भी तमाम तरह की सियासी अटकलों का दौर तेज है। कुछ दिन पहले रामपुर में कांग्रेस के नेताओं ने आज़म खान का पार्टी में स्वागत है, इस तरह के पोस्टर लगाए थे।
एआईएमआईएम के नेता भी आज़म खान को जेल में बंद रखे जाने का मामला उठाते रहे हैं। इस संबंध में मुस्लिम धर्मगुरु भी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को पत्र लिख चुके हैं। आज़म खान 26 फरवरी 2020 से उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद हैं।