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यूपी में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी आजाद समाज पार्टी, प्रत्याशी उतारे

यूपी में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी आजाद समाज पार्टी, प्रत्याशी उतारे

चंद्रशेखर आजाद दलित समाज के मुद्दों को उठाते रहे हैं। वह सीएए के खिलाफ हुए आंदोलनों में भी सक्रिय रहे थे। उनके मैदान में उतरने से सपा को क्या नुकसान होगा?

आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने एलान किया है कि उनकी पार्टी अपने दम पर उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। चंद्रशेखर ने यह बात मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही।

इस मौके पर चंद्रशेखर ने कुछ सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की सूची भी जारी की और कहा कि आगे आने वाले चरणों में और उम्मीदवारों को विधानसभा चुनाव में उतारा जाएगा। उन्होंने कहा कि आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता अपने दम पर विकल्प बनेंगे।

बता दें कि चंद्रशेखर की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत टूट गई थी। चंद्रशेखर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव का नाम लिए बिना कहा कि अब अगर वे 100 सीट भी देंगे तो भी वह उनके पास नहीं जाएंगे।

उन्होंने कहा कि आज जो गठबंधन सामाजिक न्याय की बात कर रहा है बिना दलितों की नुमाइंदगी के वह पूरी तरह खोखला है। चंद्रशेखर आजाद दलित समाज के मुद्दों को उठाते रहे हैं। वह सीएए के खिलाफ हुए आंदोलनों में भी सक्रिय रहे थे। 

भीम आर्मी के प्रमुख ने कहा कि वे राजनीति को समझ नहीं पाए और पिछले 2 महीने से उनके साथ छल हो रहा था।

चंद्रशेखर ने कहा कि उन्होंने बीते 5 साल में दलितों से लेकर मुसलमानों के साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के बिखराव की वजह से अगर भारतीय जनता पार्टी सत्ता में लौटती है तो इसका खामियाजा उन्हें नहीं उनके जैसे लाखों निर्दोष लोगों को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने नाम लिए बिना विपक्ष के नेताओं पर हमला बोला और कहा कि कुछ नेता ट्विटर, फेसबुक की राजनीति करते हैं। 

चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता लगातार सड़कों पर उतरे हैं और उन्होंने संघर्ष किया है। चंद्रशेखर ने कहा कि वह अपने स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आजाद समाज पार्टी ने जो संघर्ष उन्होंने किया है उस के दम पर और डॉ आंबेडकर और कांशीराम की विचारधारा के भरोसे वह चुनाव मैदान में उतरेगी।

चंद्रशेखर ने कुछ दिन पहले कहा था कि अखिलेश यादव ने दलित समाज का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 25 फ़ीसदी आबादी वाले दलित समाज को उसकी हिस्सेदारी मिलनी जरूरी है। उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव को दलित समाज के लोगों की जरूरत नहीं है।

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