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राम मंदिरः पीएम मोदी ने कहा- गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया

राम मंदिरः पीएम मोदी ने कहा- गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया

अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो गई है। कार्यक्रम में मौजूद लोगों को प्रधानमंत्री मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबोधित किया। मोदी का पूरा भाषण पढ़िए, उसके राजनीतिक संकेतों को समझिएः 

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के सभी अनुष्ठान पूरे होने के बाद पीएम मोदी, संघ प्रमुख भागवत और यूपी के सीएम योगी कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत के संबोधन के बाद पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा- ...और अंत में हमारे राम आ गए। राम लला को अब टेंट में नहीं रहना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा-

आज, हमारे राम पीढ़ियों की प्रतीक्षा के बाद आखिरकार आ गए हैं। इस शुभ अवसर पर, मैं सभी को बधाई देता हूं। कहने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन मेरे गले में एक गांठ थी। रामलला ''अब तंबू में नहीं रहेंगे।''


- पीएम मोदी, 22 जनवरी 2024, अयोध्या सोर्सः दूरदर्शन लाइव टेलिकास्ट

यह कहते हुए कि अभिषेक का यह क्षण भगवान राम का आशीर्वाद है, उन्होंने कहा 22 जनवरी "कैलेंडर पर एक तारीख नहीं है, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है।" उन्होंने अभिषेक समारोह को गुलामी की मानसिकता से मुक्त होने की संज्ञा देते हुए कहा कि यह सौभाग्य है कि हम इस ऐतिहासिक घटना को देखने के लिए जीवित हैं। उन्होंने देवता से माफ़ी भी मांगी और कहा कि ज़रूर कोई चूक हुई होगी जिसके कारण इस क्षण तक पहुँचने में इतना समय लग गया।

पीएम मोदी ने कहा- "मुझे सागर से सरयू तक यात्रा करने का अवसर मिला। सागर से सरयू तक, हर जगह राम नाम का वही उत्सव दिख रहा है...।" बता दें कि पीएम मोदी रविवार को दक्षिण भारत में राम सेतु पर गए थे।

राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया गया था। जबकि भारत के संविधान में, इसके पहले पृष्ठ पर, भगवान राम का उल्लेख है। कानून की गरिमा बनाए रखने के लिए मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देता हूं।


- पीएम मोदी, 22 जनवरी 2024, अयोध्या सोर्सः दूरदर्शन लाइव टेलिकास्ट

मोदी का संकेत समझिए

उन्होंने कहा, कुछ लोगों ने चेतावनी दी थी कि राम मंदिर के निर्माण से आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत की सामाजिक चेतना की पवित्रता को नहीं समझ सकते। रामलला के इस मंदिर का निर्माण भारतीय समाज की शांति, धैर्य और आपसी सद्भाव का भी प्रतीक है। हम देख सकते हैं कि इसने आग को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दिया है।" मोदी ने कहा- 

राम कोई अग्नि नहीं हैं, वह एक ऊर्जा हैं। राम कोई विवाद नहीं हैं, वह एक समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, वह सबके हैं। रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा ही नहीं, बल्कि भारत की अटूट एकता की भी प्राण प्रतिष्ठा है।


- पीएम मोदी, 22 जनवरी 2024, अयोध्या सोर्सः दूरदर्शन लाइव टेलिकास्ट

अब आगे क्या

भविष्य में देश के विकास के लिए एक दृष्टिकोण रखते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा, "राम का मंदिर बन गया है। अब क्या? हर नागरिक की चेतना देव से देश और राम से राष्ट्र तक फैलनी चाहिए।"

इससे पहले इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने कहा - "पूरा देश 'राममय' हो गया है। ऐसा लगता है कि हम त्रेता युग में प्रवेश कर गए हैं...।" योगी ने कहा- 'हमने जहां मंदिर बनाने का संकल्प लिया था, वहीं मंदिर बना है...।' बता दें कि अयोध्या में जहां बाबरी मसजिद थी, उसे 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों ने गिरा दिया था। बाद में वो जमीन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा बनाए गए ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दी। उसी जगह पर राम मंदिर का एक हिस्सा बन गया है, जिसमें सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा हुई।

सीएम योगी ने कहा- "अब अयोध्या की सड़कें गोलियों की आवाज से नहीं गूंजेंगी। कोई कर्फ्यू नहीं होगा. अब यहां दीपोत्सव और रामोत्सव होगा। स्थापना के चलते सड़कों पर श्रीराम नाम संकीर्तन गूंजेगा." यहां रामलला रामराज्य का उद्घोष हैं...।''

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