भारत में जिस डेल्टा वैरिएंट को तबाही मचाने के लिए ज़िम्मेदार माना गया उसी डेल्टा वैरिएंट के कारण ऑस्ट्रेलिया में अब ख़तरे की घंटी बजती लग रही है! डेल्टा वैरिएंट के मामले बढ़ने के कारण क़रीब 70 फ़ीसदी ऑस्ट्रेलियाई लोग किसी न किसी तरह के कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं।
कोरोना का यह डेल्टा वैरिएंट सबसे पहले भारत में मिला था। पहले इसे इसके वैज्ञानिक नाम बी.1.617.2 वैरिएंट से ही बुलाया जा रहा था लेकिन बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसका नामकरण डेल्टा किया। अब तक कई देशों में डेल्टा वैरिएंट के मामले आ चुके हैं। यूरोप के कई देशों में भी इसको लेकर चेतावनी जारी की गई है। हाल ही एक रिपोर्ट में तो यह कहा गया कि इंग्लैंड में नये आने वाले संक्रमण के मामलों में से 90 फ़ीसदी डेल्टा वैरिएंट के थे। अमेरिका में भी डेल्टा वैरिएंट को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है।
डेल्टा वैरिएंट को लेकर दुनिया भर में इसलिए डर ज़्यादा है कि इस वैरिएंट को काफ़ी घातक माना जा रहा है। इसके बारे में कहा जा रहा है कि यह वैरिएंट शरीर के इम्युन सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली से बच निकलता है। इसी वैरिएंट को भारत में दूसरी लहर के लिए ज़िम्मेदार माना गया। ऐसा इसलिए कि भारत में जब दूसरी लहर अपने शिखर पर थी तो हर रोज़ 4 लाख से भी ज़्यादा संक्रमण के मामले रिकॉर्ड किए जा रहे थे। देश में 6 मई को सबसे ज़्यादा 4 लाख 14 हज़ार केस आए थे। यह वह समय था जब देश में अस्तपाल बेड, दवाइयाँ और ऑक्सीजन जैसी सुविधाएँ भी कम पड़ गई थीं। ऑक्सीजन समय पर नहीं मिलने से बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुईं। अस्पतालों में तो लाइनें लगी ही थीं, श्मशानों में भी ऐसे ही हालात थे। इस बीच गंगा नदी में तैरते सैकड़ों शव मिलने की ख़बरें आईं और रेत में दफनाए गए शवों की तसवीरें भी आईं।
इसी डेल्टा के मामले अब ऑस्ट्रेलिया में बढ़ने से चिंता जताई जा रही है। पहले जहाँ ऑस्ट्रेलिया में 2-4 या कभी-कभी तो एक भी संक्रमण के मामले नहीं आ रहे थे वहाँ अब 40-50 के बीच केस आने लगे हैं। एक दिन पहले ही 43 नये मामले आए। जीनोम सिक्वेंसिंग से पता चला है कि अब तक कई मामले डेल्टा वैरिएंट के आ चुके हैं।
ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने इस पर चिंता जताई है। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार फेडरल ट्रेजरर जोश फ्राइडेनबर्ग ने सोमवार को ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्प को बताया कि ऑस्ट्रेलिया के लिए कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में यह काफ़ी अहम वक़्त है।
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि अधिक संक्रामक डेल्टा वैरिएंट के साथ हम इस महामारी के एक नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं।' फ्राइडेनबर्ग ने कहा कि प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सुरक्षा समिति को देश के मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोमवार को इस बारे में जानकारी देंगे।
ऑस्ट्रेलिया के सबसे अधिक आबादी वाले शहर सिडनी में दो हफ़्ते का लॉकडाउन लगाया गया है। जबकि उत्तरी शहर डार्विन में दो दिनों की पाबंदी लगाई गई है। क्वींसलैंड में सोमवार को फिर से लोगों को मास्क लगाना ज़रूरी कर दिया गया है और सीमित संख्या में ही लोगों के इकट्ठा होने की इजाज़त होगी। कुछ ऐसी ही पाबंदियाँ मेलबर्न, पर्थ, कैनबरा जैसे शहरों में भी हैं।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने अब तक कोरोना को अपेक्षाकृत बेहतर ढंग से नियंत्रित किया है और वहाँ अब तक कुल मिलाकर क़रीब 30 हज़ार मामले आए हैं। अब तक 910 लोगों की मौत हुई है।
जिस डेल्टा वैरिएंट को काफ़ी ज़्यादा संक्रामक और घातक माना जा रहा है उसका अब नया रूप डेल्टा प्लस वैरिएंट आ गया है। इसके भी घातक होने के संकेत मिल रहे हैं। पिछले हफ़्ते ही रिपोर्ट आई थी कि देश के 10 से ज़्यादा राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 50 केस मिले हैं। तब स्वास्थ्य मंत्रालय ने ही यह भी कहा था कि आठ राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक डेल्टा वैरिएंट के मामले पाए गए हैं जो अब भारत में चिंता का विषय है। ये राज्य हैं- आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल। बहरहाल, इस डेल्टा के नये वैरिएंट से तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। यानी ढिलाई बरती नहीं कि भारत में एक और गंभीर संकट आ धमकेगा!