असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की एक सलाह पर तब विवाद हो गया जब इसने महिला डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए उनको ही सलाह जारी कर दी। इसने महिला डॉक्टरों, छात्राओं और कर्मचारियों को रात में कम आबादी वाले इलाकों में जाने से बचने के लिए कहा था। लेकिन इस पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रियाएँ दीं और इस कारण बाद में मेडिकल कॉलेज ने उस सलाह को वापस ले लिया।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या को लेकर देशभर में आक्रोश के बीच सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने यह सलाह जारी की थी। असम के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया कि 12 अगस्त को जारी की गई सलाह को रद्द कर दिया गया है। सीएमओ ने ट्वीट किया, 'इस संबंध में जल्द ही एनएमसी के मानदंडों और सरकारी निर्देशों के अनुसार एक नई सलाह जारी की जाएगी।'
सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने सलाह में महिलाओं से ड्यूटी के दौरान भावनात्मक रूप से शांत रहने और बेईमान लोगों के अनावश्यक ध्यान से बचने के लिए कहा गया था। सोमवार को सरकारी संस्थान के प्रिंसिपल-कम-चीफ़ सुपरिंटेंडेंट ने महिला सदस्यों पर विशेष जोर देते हुए यह सलाह जारी की। इसमें कहा गया है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई घटना के कारण इसे हमारी महिला डॉक्टरों, छात्राओं और सभी स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए जारी किया गया है।
यह अपनी महिला सदस्यों को सलाह देता है कि वे 'आम तौर पर खराब रोशनी वाले, सुनसान और कम आबादी वाले इलाकों से बचें' और ऐसी स्थितियों से बचें जहाँ वे अकेली हों। उन्हें देर से कैंपस छोड़ने से बचने और हॉस्टल के नियमों और विनियमों का पालन करने की सलाह दी गई थी।
मेडिकल कॉलेज की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया,
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ड्यूटी पर रहते हुए आपको भावनात्मक रूप से शांत रहना चाहिए, आस-पास के माहौल के बारे में सतर्क रहना चाहिए और लोगों के साथ शालीनता से पेश आना चाहिए ताकि आप बेईमान लोगों का अनावश्यक ध्यान आकर्षित न करें।
सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल एडवाइजरी
संस्थान के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सलाह को अपमानजनक बताया था। एसोसिएशन ने कहा कि यह सलाह एसएमसीएच से संबंधित प्रमुख मुद्दों का समाधान करने में विफल रही है और विशेष रूप से महिला डॉक्टरों को निशाना बनाती है।
एक बयान में एसोसिएशन ने महिला सदस्यों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए संस्थान प्रशासन से कार्रवाई योग्य मांगें उठाईं। इनमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि सभी अस्पताल क्षेत्रों में रोशनी की व्यवस्था हो, अस्पताल और छात्रावास क्षेत्रों में चौबीसों घंटे सुरक्षा, डॉक्टरों के लिए पानी की सुविधा के साथ उचित शौचालय, और मुख्य द्वार, आपातकालीन वार्ड और छात्रावास क्षेत्रों में अधिक सीसीटीवी कैमरे हों।
यह नोटिस कोलकाता के एक अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मद्देनजर जारी किया गया था।
कोलकाता में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे देश में, खासकर मेडिकल समुदाय में, विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को इस घटना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने का आदेश दिया।