असम सीएम का आरोप : मिज़ो पुलिस ने चलाई एलएमजी
छह पुलिस कर्मियों की मौत और मिज़ोरम के साथ बढ़ते तनाव के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सर्मा ने मिज़ोरम पुलिस पर 'भड़काने वाली कार्रवाई' करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि मिज़ोरम पुलिस ने असम के लोगों पर लाइट मशीनगन का इस्तेमाल किया है।
असम के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, 'देखें कि मिज़ोरम पुलिस ने क्या किया और कैसे विवाद को बढ़ा दिया।' उन्होंने इसके साथ लिखा, 'दुखद और भयावह।'
बिस्व सर्मा ने इसके साथ जो वीडियो लगाया है, उसमें मिज़ोरम पुलिस के कुछ जवान एक जगह बैठे हुए अपनी भाषा में बात कर रहे हैं, उनके हाथ में एलएमजी यानी लाइट मशीनगन है।
Look at this video to know how personnel of Mizoram Police acted and escalated the issue.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 27, 2021
Sad and horrific! pic.twitter.com/vnS1RlcsOt
छह पुलिस कर्मी मारे गए
बता दें कि सोमवार को दोनों राज्यों की सीमा पर हुई झड़प में असम पुलिस के सब इंस्पेक्टर स्वपन राय और कांस्टेबल लिटन सुक्लावैद्य, एम. एच. बड़ोभुया, एन. हुसैन और एस बड़ोभुया मारे गए।
असम के मुख्यमंत्री ने मारे गए पुलिस कर्मियों के प्रति संवेदना जताई और कहा, 'पक्के साक्ष्य हैं जिससे पता चलता है कि मिज़ोरम पुलिस ने लाइट मशीनगन का इस्तेमाल किया है।'
मामला दर्ज
उन्होंने कहा, "यह दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे स्थिति की गंभीरता और मक़सद का पता चलता है।"
वैरंगते पुलिस स्टेशन में मिज़ोरम पुलिस के ख़िलाफ़ एक्सप्लोसिव सब्सटैन्सेज एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया है।
असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि 10 जुलाई को मिज़ोरम के 25-30 लोग असम की सीमा के 25 मीटर अंदर खुलीचेरा सीआरपीएफ कैंप में घुस गए।
यह आरोप भी लगाया गया है कि मिज़ोरम से आए लोगों ने असम में जंगल साफ करने के काम और पीडब्लूडी के सड़क निर्माण काम में अड़चन डाली।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि वे इनर लाइन फ़ॉरेस्ट रिज़र्व की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
उन्होंने सिलचर में घायल पुलिस कर्मियों से मुलाक़ात करने के बाद कहा कि झूम खेती के लिए जंगल साफ किया जा रहा है और सड़क बनाया जा रहा है और इन गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
फरवरी 2018 में मिज़ोरम के छात्र संगठन मिज़ ज़िरलाई पॉल ने सीमा पर लकड़ी का एक घर बनाया। असम पुलिस ने यह कह कर इसे गिरा दिया कि यह असम की सीमा में है। इस पर हिंसक झड़पें हुईं।
विवाद की शुरुआत
पिछले साल अक्टूबर में असम के लैलापुर में एक निर्माण कार्य का मिज़ोरम ने यह कह कर विरोध किया था कि यह उसके इलाक़े में है।
लैलापुर असम के कछार ज़िले में है और यह मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वैरेंगेते इलाक़े से सटा हुआ है।
इस हिंसा के बाद 9 अक्टूबर को असम के करीमगंज और मिज़ोरम के मामित ज़िले के लोगों के बीच झड़पें हुईं।
मिज़ोरम के दो बाशिंदों के पान के बगीचे में आग लगा दी गई थी।
कछार में एक और वारदात हुई, जिसमें मिज़ोरम पुलिस के लोगों पर लैलापुर के लोगों ने पत्थर फेंके। इसके बाद मिज़ोरम के लोग एकत्रित हो गए और उन्होंने लैलापुर के लोगों पर हमला कर दिया।
मौजूदा विवाद की शुरुआत इसी इलाक़े से हुई।
मिज़ोरम के कोलासिब के डिप्टी पुलिस सुपरिटेंडेंट एच. ललथंगलियाना के मुताबिक़, कुछ साल पहले असम और मिज़ोरम के बीच स्थिति जस का तस बनाए रखने पर सहमति बनी थी। लेकिन लैलापुर के लोगों ने इस क़रार को तोड़ा और सीमा पर अस्थायी निर्माण कार्य किया। मिज़ोरम के लोग इस पर वहाँ गए और आग लगा दी।