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'टाइम्स नाउ' : असम में काँटे की टक्कर, फिर बन सकती है एनडीए की सरकार

'टाइम्स नाउ' : असम में काँटे की टक्कर, फिर बन सकती है एनडीए की सरकार

टाइम्स नाउ-सी वोटर चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि असम में एनडी को 67 सीटें मिल सकती हैं जबकि यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस यानी यूपीए को 57 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। इस तरह वहाँ यूपीए की सीटें पहले से कम होने के बावजूद उसकी सरकर बनने के आसार हैं। 

असम विधानसभा चुनाव 2021 में काँटे की टक्कर के बावजूद नेशल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी एनडीए को बढ़त मिल सकती है और वह सरकार बना सकती है। टाइम्स नाउ-सी वोटर चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि एनडी को 67 सीटें मिल सकती हैं जबकि यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस यानी यूपीए को 57 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। इस तरह वहाँ यूपीए की सीटें पहले से कम होने के बावजूद उसकी सरकर बनने के आसार हैं। असम विधानसभा में 126 सीटें हैं। 

चुनाव-पूर्व सर्वेक्षण में पाया गया है कि समान नागरिकता क़ानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स के ख़िलाफ़ चले ज़ोरदार आन्दोलनों के बावजूद बीजेपी अगुआई वाला यह गठबंधन किसी तरह बहुमत हासिल कर लेगा, लेकिन उसे सीटें कम मिलेंगी, उसका वोट शेयर भी कम हो जाएगा। 

एनडीए को हो सकता है नुक़सान!

असम की 126 सीटों वाली विधानसभा में पिछले चुनाव में एनडीए को जहाँ 74 सीटें मिली थीं, इस बार वह घट कर 67 पर सिमट सकती है। दूसरी ओर यूपीए की सीटें पिछली बार की 39 से बढ़ कर इस बार 57 तक पहुँच सकती हैं। अन्य दलों को दो सीटें हासिल हो सकती हैं। 

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बता दें कि एनडीए में बीजेपी के साथ असम गण परिषद है जबकि यूपीए में कांग्रेस के साथ ऑल इंडियन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, बोडो पीपल्स फ्रंट और तीन वामपंथी दल हैं। 

वोट शेयर में मामूली अंतर

असम में दोनों प्रतिद्वंद्वी गठबंधनों के बीच की टक्कर को इससे समझा जा सकता है कि एनडीए को 42.29 प्रतिशत और यूपीए को 40.7 प्रतिशत वोट मिलने के आसार हैं, यानी वोट शेयर में दो प्रतिशत का भी अंतर नहीं रह सकता है। 

कौन बनेगा मुख्यमंत्री?

टाइम्स नाउ- सी वोटर चुनाव पूर्व सर्वेक्षण पर यकीन करें तो सरकार के ख़िलाफ़ लोगों का रुझान होने के बावजूद मौजदा मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता सर्बानंद सोनोवाल मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद बन कर उभर रहे हैं। उन्हें 45.2 प्रतिशत लोगों ने अगले मुख्यमंत्री के रूप में पसंद किया है। दूसरे स्थान पर कांग्रेस के गौरव गोगोई हैं जबकि एआईयूडीएफ़ के बदरुद्दीन अज़मल को सिर्फ 4.8 प्रतिशत लोगो ने इस पद के लायक समझा है।  

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सर्बानंद सोनोवाल, मुख्यमंत्री, असम

केंद्र सरकार से संतुष्ट?

यहाँ भी बीजेपी की अगुआई वाली केंद्र सरकार एक अहम कारक है। सर्वे में भाग लेने वालों में से 41.04 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे केंद्र सरकार के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट हैं। इसके साथ ही 26.12 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे कुछ हद तक संतुष्ट हैं। दूसरी ओर, 19.66 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे केंद्र सरकार के कामकाज से बिल्कुल ही संतुष्ट नहीं है।

मोदी से संतुष्ट हैं!

इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता असम में बरक़रार है। सर्वे में भाग लेने वालों में से 42.42 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे प्रधानमंत्री के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट हैं। इसके साथ ही 27.64 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे कुछ हद तक संतुष्ट हैं। दूसरी ओर, 16.45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे मोदी के कामकाज से बिल्कुल ही संतुष्ट नहीं हैं।

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