हरियाणा कांग्रेस में घमासान, अशोक तंवर ने पार्टी से दिया इस्तीफ़ा
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया है। तंवर को कुछ ही दिन पहले पार्टी आलाकमान ने अध्यक्ष पद से हटा दिया था। तंवर लंबे समय तक हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे और विधानसभा चुनाव के मौक़े पर उनके पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को सियासी नुक़सान हो सकता है।
After long deliberations with party workers and for reasons well known to all Congressman and public, I hereby resign from the primary membership of the @INCIndia pic.twitter.com/qG9dYcV6u2
— Ashok Tanwar (@AshokTanwar_INC) October 5, 2019
हरियाणा कांग्रेस में जबरदस्त खींचतान है और इसी वजह से पार्टी को उम्मीदवारों की सूची जारी करने में काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। कुछ ही दिन पहले अशोक तंवर ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था। तंवर ने टिकट बेचने तक के आरोप लगाये थे और भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर जोरदार हमला बोला था। चुनाव से ऐन पहले पद से हटाये जाने के कारण तंवर बेहद ख़फ़ा थे और आख़िरकार उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
तंवर ने पार्टी हाईकमान को भेजे अपने इस्तीफ़े में कहा है कि पार्टी में ज़मीन पर काम करने वाले और सामान्य परिवार से आने वाले कार्यकर्ताओं का कोई सम्मान नहीं है और पैसा, बाहुबल और धनबल को ही प्रमुखता दी जा रही है। तंवर ने लिखा है कि पिछले कुछ सालों में पार्टी में हावी कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा आंतरिक लोकतंत्र को ख़त्म किया जा रहा है।
तंवर के इस्तीफ़े पर हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा है कि कांग्रेस ताश के पत्तों की तरह बिखर रही है।
ताश के पत्तों की तरह बिखर रही है @INCHaryana अशोक तंवर ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा। pic.twitter.com/KuzivaxiRl
— Subhash Barala (@subhashbrala) October 5, 2019
हरियाणा कांग्रेस के बारे में कहा जाता है कि वहाँ कांग्रेस पाँच गुटों में बंटी हुई है। इनमें से एक गुट ख़ुद हुड्डा का, दूसरा अशोक तंवर का था, तीसरा वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा का, चौथा कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी का और पाँचवा रणदीप सुरजेवाला का है। कहा जाता है कि इसी जबरदस्त गुटबाज़ी के कारण सुरजेवाला को जींद में हुए उपचुनाव में क़रारी हार का सामना करना पड़ा था।
कांग्रेस में लगातार घमासान चल रहा है और कल ही महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम ने प्रेस कॉन्फ़्रेस कर पार्टी आलाकमान पर गंभीर आरोप लगाये थे। संजय निरुपम ने कहा था कि वह विधानसभा चुनाव के प्रचार में भाग नहीं लेंगे क्योंकि पार्टी को उनकी ज़रूरत नहीं है। महाराष्ट्र में भी कांग्रेस में यह संकट ऐसे समय में आया है जब चुनाव सिर पर हैं और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने शिवसेना-बीजेपी का दामन थाम लिया है।