राजस्थान के निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने उनपर तीखा हमला बोला। उन्होंने गहलोत को विधानसभा चुनावों में हार के लिए ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि उनका अनुभव, जादू और योजनाएँ कांग्रेस को सत्ता में वापस नहीं ला सकीं। उन्होंने गहलोत पर आलाकमान के साथ फरेब करने, ऊपर सही फीडबैक न पहुँचने देने, किसी को विकल्प तक न बनने देने जैसे आरोप भी लगाए। उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि गहलोत बदलाव नहीं चाहते थे। लोकेश शर्मा को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिल पाया था।
उन्होंने कहा, 'आज के ये नतीजे तय थे। मैं स्वयं मुख्यमंत्री को यह पहले बता चुका था, कई बार आगाह कर चुका था लेकिन उन्हें कोई ऐसी सलाह या व्यक्ति अपने साथ नहीं चाहिए था जो सच बताए।'
लोकेश शर्मा ने कहा, 'लोकतंत्र में जनता ही माई-बाप है और जनादेश शिरोधार्य है, विनम्रता से स्वीकार है। मैं नतीजों से आहत जरूर हूँ, लेकिन अचंभित नहीं। कांग्रेस राजस्थान में निःसंदेह रिवाज बदल सकती थी। लेकिन, अशोक गहलोत कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे। यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत की शिकस्त है।'
शर्मा ने गहलोत पर आलाकमान को धोखा देने, सही फीडबैक को शीर्ष तक नहीं पहुंचने देने, किसी को विकल्प नहीं बनने देने, अपरिपक्व और स्वार्थी लोगों से घिरे रहकर लगातार गलत निर्णय लेने और सभी फीडबैक को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया।'
लोकेश शर्मा 1998 में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया यानी एनएसयूआई से शुरुआत करके लगभग 25 वर्षों तक कांग्रेस में रहे। 2012 से गहलोत के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने सबसे पहली बार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी उपस्थिति का प्रबंधन संभाला था। तब गहलोत अपने पहले कार्यकाल में सीएम थे।
शर्मा ने कहा, 'मैं छः महीने लगातार घूम-घूम कर राजस्थान के कस्बों-गांव-ढाणी में गया, लोगों से मिला, हजारों युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किये, लगभग 127 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए ग्राउंड रिपोर्ट सीएम को लाकर दी, ज़मीनी हक़ीकत को बिना लाग-लपेट सामने रखा ताकि समय पर सुधारात्मक कदम उठाते हुए फैसले किये जा सकें जिससे पार्टी की वापसी सुनिश्चित हो... मैंने खुद ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी, पहले बीकानेर से फिर सीएम के कहने पर भीलवाड़ा से, जिस सीट को हम 20 साल से हार रहे थे, लेकिन ये नया प्रयोग नहीं कर पाए, और बीडी कल्ला जी के लिए मैंने 6 महीने पहले बता दिया था कि वे 20 हजार से ज्यादा मत से चुनाव हारेंगे और वही हुआ। अशोक गहलोत जी के पार्ट पर इस तरह फैसले लिए गए कि विकल्प तैयार ही नहीं हो पाए।'
चुनावों से पहले लोकेश शर्मा खुद को पार्टी के उम्मीदवार के रूप में आगे बढ़ाने के लिए राज्य भर में अपना समर्थन आधार जुटा रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान गहलोत की ओर से कुछ ऑडियो लीक साझा करके नाराजगी मोल ली थी, जिसमें कुछ भाजपा और कांग्रेस नेताओं को कथित तौर पर गहलोत सरकार को गिराने की योजना बनाते हुए सुना गया था।
मार्च 2021 में, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में शर्मा और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश और गैरकानूनी तरीके से टेलीग्राफिक सिग्नल को बाधित करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी और शर्मा अब तक पूछताछ के लिए कम से कम पांच बार दिल्ली पुलिस के सामने पेश हो चुके हैं।