+
गहलोत ने विधायकों को भेजा जैसलमेर, हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर बीजेपी पर बोला हमला

गहलोत ने विधायकों को भेजा जैसलमेर, हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर बीजेपी पर बोला हमला

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर बीजेपी और बाग़ी नेता सचिन पायलट को निशाने पर ले लिया है। 

दिन-रात अपनी सरकार बचाने की कोशिशों में जुटे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब तक जयपुर के फ़ेयरमॉन्ट होटल में रुके अपने समर्थक विधायकों को शुक्रवार दोपहर को जैसलमेर भेज दिया है। 

माना जा रहा है कि 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र तक गहलोत अपने समर्थक विधायकों को यहीं रख सकते हैं। शायद, गहलोत ने यह क़दम विधायकों को ख़रीद-फरोख़्त से बचाने के लिए उठाया है। उन्होंने इसे लेकर बीजेपी पर हमला बोला है और बाग़ी नेता सचिन पायलट को भी निशाने पर लिया है।

इससे पहले गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘जब से विधानसभा सत्र बुलाने की तारीख़ तय हुई है, टेलीफ़ोन बजने लगे हैं। हमारे पास ख़बर है कि कौन फ़ोन कर रहा है और वे क्या ऑफ़र कर रहे हैं। विधायकों से पूछा जा रहा है कि बताएं, आप क्या चाहते हैं।’ 

पहली किश्त 10 की थी, दूसरी 15 की थी, अब आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अब अनिलिमिटेड हो गयी है, पूछा जा रहा है कि आप बताओ, क्या चाहिए आपको। इसका मतलब है कि 25 से ज़्यादा...हॉर्स ट्रेडिंग के रेट और बढ़ गए हैं। इसकी मॉनिटरिंग कौन कर रहा है, सब जानते हैं।


अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान

गहलोत ने कहा, ‘राजस्थान में इन लोगों को मुंह की खानी पड़ेगी। जो लोग गए हैं, मुझे नहीं पता कि उनमें से किन लोगों ने पहली किश्त ली है। हो सकता है कि कई लोगों ने किश्त नहीं ली हो, मैं चाहूंगा कि उन्हें वापस आना चाहिए।’

चार दशक से ज़्यादा समय से राजनीति में सक्रिय गहलोत ने पत्रकारों से कहा, ‘हमारे जो कुछ साथी गुड़गांव में बैठे हुए हैं, वे यहां नहीं आ रहे हैं, ऐसे राजनीतिक माहौल में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर आने वाले अलग जाकर बैठ जाएं, अगर कोई नाराजगी है तो एआईसीसी कार्यालय में जाकर बैठते।’ 

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं चाहूगा कि उन्हें आना चाहिए, उन्हें सरकार के साथ खड़ा दिखना चाहिए। जब वे अपने क्षेत्र मे जाएंगे, तब उन्हें पता चलेगा। वे बीजेपी की गोद में क्यों खेल रहे हैं।

‘पूरा खेल बीजेपी का’ 

गहलोत ने फिर कहा, ‘यह पूरा खेल बीजेपी का है, केंद्र सरकार के मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम इसमें सामने आया, अभी तक उनका इस्तीफ़ा नहीं हुआ है। कांग्रेस के वक्त में तो रेल मंत्री, क़ानून मंत्री, मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा हो जाता था लेकिन संजीवनी का मामला सामने आने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।’ 

‘पूरी तरह एक्सपोज करेंगे’

बाग़ी नेता सचिन पायलट को नाकारा, निकम्मा, धोखेबाज बताने के अलावा उन पर बीजेपी की साज़िश में शामिल होने का आरोप लगा चुके गहलोत ने एक बार फिर पायलट पर सियासी तीरों की बौछार कर दी। उन्होंने कहा, ‘ये लोग छिपकर दिल्ली क्यों जाते थे। इसलिए हम इनको पूरी तरह एक्सपोज करके रहेंगे। हम इनको छोड़ने वाले नहीं हैं। हम चाहेंगे कि जनता के सामने पूरे प्रदेश और देश के अंदर ये एक्सपोज हों।’ 

मायावती पर पलटवार 

गहलोत ने यह भी कहा कि बीएसपी प्रमुख मायावती बीजेपी के इशारे में आकर इस तरह के बयान दे रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मायावती की शिकायत वाज़िब नहीं है। अगर उनके दो विधायक हमारे साथ होते तो उनकी शिकायत सही होती। उनके सभी विधायक हमारे साथ आए हैं।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि मायावती भी डर रही हैं। 

मायावती के आक्रामक तेवर 

बीएसपी प्रमुख मायावती ने कुछ दिन पहले कांग्रेस के ख़िलाफ़ आक्रामक तेवर दिखाए थे। मायावती ने कहा था कि अगर बीएसपी के टिकट पर जीते विधायक विधानसभा में कांग्रेस के ख़िलाफ़ वोट नहीं करते हैं तो उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा था कि हम इस मामले को छोड़ेंगे नहीं और सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।

मायावती ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चेताया था कि वे उन्हें सबक सिखाएंगी। बीएसपी की ओर से एक बार फिर उसके विधायकों के कांग्रेस में विलय के मुद्दे पर राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें