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शिष्या का रेप करने वाले अपराधी आसाराम को उम्रकैद

शिष्या का रेप करने वाले अपराधी आसाराम को उम्रकैद

गुजरात की एक अदालत ने स्वयंभू संत आसाराम  को उम्रकैद की सजा मंगलवार को सुनवाई। आसाराम पर अपनी ही शिष्या से अनगिनत बार रेप का आरोप लगा था। अदालत ने सभी आरोपों को सही पाया। आसाराम कोई सामान्य बाबा नहीं था। तमाम नेताओं से उसके संबंध थे। उसके आश्रम की तमाम कहानियां गुजरात से निकलकर बाहर आईं। लड़कियों के पैरंट्स ने शिकायतें कीं। पुलिस ने तभी जांच की जब कोर्ट ने इसमें दखल दिया था।

रेप के अपराधी स्वयंभू संत आसाराम को अदालत ने  आज मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुना दी। उसे 2013 के एक यौन उत्पीड़न मामले में दोषी ठहराया गया है। आसाराम को गांधीनगर के सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई। आसाराम ने अपनी ही एक शिष्या के भरोसे को तोड़ते हुए उससे बलात्कार किया था। शिष्या सूरत की रहने वाली थी। यह घटना लगभग 10 साल पहले अहमदाबाद के मोटेरा में आसाराम के आश्रम में हुई थी। शिष्या का कहना था कि आसाराम उससे निरंतर रेप करते रहे। यह शख्स खुद को संत आसाराम बापू कहलवाता था।

अदालत ने आसाराम पर 23 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने पीड़ित महिला को 50 हजार रुपये का हर्जाना देने का भी आदेश दिया है। इस मामले में मंगलवार को अदालत से कहा कि आसाराम आदतन अपराधी है। इसलिए इसे उम्रकैद दी जाए। अदालत ने दोपहर तक सरकारी पक्ष की दलीलें सुनीं और सजा पर फैसला सुरक्षित रखा। दोपहर बाद जज डीके सोनी की कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुना दी। इसके अलावा जुर्माने की भी घोषणा कर दी।

आसाराम उस समय चर्चा में आया था, जब सत्तारूढ़ पार्टी के कई नेता उसके शिष्य बन गए। उसके कई सत्संगों में बीजेपी के तमाम बड़े नेता दिखाई देते थे। आसाराम को जैसे-जैसे सत्ता का संरक्षण मिलता गया, उसके आश्रम की बदनामी होने लगी। कई महिलाओं ने पुलिस को शिकायतें कीं। दरअसल, इन शिकायतों का संज्ञान अदालतों ने भी लिया और उन्होंने पुलिस से जांच को कहा था। हालांकि आसाराम के तमाम चेले आज भी मौजूद हैं और वे अपने कथित गुरु को बेदाग मानते हैं। कुछ आसाराम को भगवान तक मानते हैं। उनका कहना है कि गुरुजी के साथ साजिश हुई है। 

आसाराम का बेटा नारायण साईं भी इस मामले में आरोपी था। मामले में आसाराम की पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती और चार महिला अनुयायियों- ध्रुवबेन, निर्मला, जस्सी और मीरा को भी आरोपी बनाया गया था। इन सभी को गांधीनगर की कोर्ट ने बरी कर दिया।

सूरत की एक महिला ने आसाराम बापू और सात अन्य के ख़िलाफ़ रेप और अवैध बंधक बनाने का मामला दर्ज किया था, जिनमें से एक की अक्टूबर 2013 में सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। जुलाई 2014 में चार्जशीट दायर की गई थी। आसाराम पर बंधक बनाने, यौन उत्पीड़न, मानव तस्करी, बलात्कार, आपराधिक धमकी, और आपराधिक साजिश के तहत आरोप लगाए गए थे। अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच उस महिला से कथित तौर पर कई बार रेप किया था। 

बहरहाल, आसाराम इस समय जोधपुर की एक जेल में बंद हैं। 2018 में जोधपुर की एक ट्रायल कोर्ट ने उसे एक अलग यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी ठहराया और जेल की सजा सुनाई। उसे 2013 में अपने जोधपुर आश्रम में एक 16 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने का दोषी पाया गया था। आसाराम को अगस्त 2013 में इंदौर से गिरफ्तार किया गया था और सितंबर 2013 में जोधपुर ले जाया गया था।

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