दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा न मिला तो मर जाऊँगा, केजरीवाल ने कहा
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अरविंद केजरीवाल 1 मार्च से भूख हड़ताल पर बैठने जा रहे हैं। केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली के विधानसभा के बजट सत्र में कहा कि अब आंदोलन की ज़रूरत है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार का आंदोलन दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाए जाने के बाद ही ख़त्म होगा।
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केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की सरकार के पास कोई ताक़त नहीं है। इसलिए हम 1 मार्च से आंदोलन शुरू कर रहे हैं। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने 2013 और 2015 के चुनावी घोषणापत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का वादा किया था। इस संबंध में दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट कर बताया था कि शनिवार रात को 10 बजे मुख्यमंत्री के आवास पर विधायकों, लोकसभा प्रभारियों की बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। लेकिन इसके बाद उन्होंने फिर ट्वीट किया कि अब दिल्ली के सभी पदाधिकारियों की बैठक रविवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई गई है।
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल शासन चलाने में पूरी तरह से फ़ेल हो चुके हैं। ऐसे में उनके पास सिर्फ़ धरने का ही काम बचा है। तिवारी ने कहा कि दिल्ली की जनता आम आदमी पार्टी और केजरीवाल का दोहरा चरित्र जान गई है।
तिवारी ने आगे कहा कि केजरीवाल को धरने से तब तक नहीं उठने देना चाहिए जब तक वह दिल्ली को आयुष्मान योजना, आर्थिक रूप से कमज़ोर सवर्णों कोआरक्षण, कच्ची कालोनियों को नियमित करने, दिल्ली में सीसीटीवी लगाने के काम को पूरा नहीं कर देते।
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- केजरीवाल के धरने पर बैठने को लेकर क्रिकेटर गौतम गंभीर ने कहा, ‘दिल्ली में 2 करोड़ लोग रहते हैं और हज़ारों समस्याएँ हैं, इनका क्या समाधान है और दूसरी ओर केजरीवाल एक और स्पेशल धरने पर बैठने जा रहे हैं। यह शर्मनाक है।'
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बता दें कि दिल्ली विकास प्राधिकरण केंद्र सरकार के अधीन है और इसलिए दिल्ली सरकार ज़मीन से जुड़े हुए फ़ैसले नहीं ले सकती। दिल्ली की पुलिस भी केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के नियंत्रण में है और दिल्ली सरकार का आदेश मानने के लिए बाध्य नहीं है। पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद ज़मीन और पुलिस का विभाग दिल्ली सरकार के अधीन आ जाएगा। इसके अलावा एंटी करप्शन ब्रांच भी दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधीन नहीं है।
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हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो पर राज्य सरकार नहीं, केंद्र सरकार का अधिकार है। इसे दिल्ली सरकार के लिए बड़ा झटका माना गया था, क्योंकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसके लिए लंबे समय से लड़ते आए हैं। कोर्ट ने कहा था कि ज़मीन, पुलिस और क़ानून व्यवस्था केंद्र सरकार के पास ही रहेंगे। कोर्ट ने कहा था कि बिजली विभाग भी दिल्ली सरकार के पास ही रहेगा।
कोर्ट के फ़ैसले के बाद केजरीवाल ने कहा था कि यह फैसला दिल्ली की जनता और लोकतंत्र के ख़िलाफ़ है। इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की माँग की थी।