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मैंने अफसरों को केजरीवाल से मिलने के लिए भेजा था: मान

मैंने अफसरों को केजरीवाल से मिलने के लिए भेजा था: मान

केजरीवाल ने बीते सोमवार को पंजाब के अफसरों की बैठक ली थी और इस बैठक में भगवंत मान नहीं थे। इसे लेकर विवाद हुआ था। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा पंजाब के अफसरों की बैठक लिए जाने पर हुए विवाद में अब मुख्यमंत्री भगवंत मान का बयान आया है। भगवंत मान ने गुरुवार को कहा है कि उन्होंने ही अफसरों को अरविंद केजरीवाल के पास भेजा था।

केजरीवाल ने बीते सोमवार को राज्य के अफसरों की बैठक ली थी और इस बैठक में भगवंत मान नहीं थे। इसके बाद कांग्रेस से लेकर शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमला बोला था और कहा था कि इस सरकार का रिमोट कंट्रोल दिल्ली में है।

केजरीवाल ने यह बैठक पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के बड़े अफसरों के साथ की थी।

भगवंत मान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ट्रेनिंग के लिए अगर जरूरत पड़ी तो वह अपने अफसरों को गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और यहां तक कि इजरायल भी भेजेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें किसी को क्या आपत्ति है।

भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली सरकार शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य के मामले में विशेषज्ञ है तो उन्हें पंजाब सरकार के अफसर क्यों नहीं उनके पास भेजने चाहिए। मान ने कहा कि उनके अफसर कुछ अच्छा सीखने के लिए कहीं भी जा सकते हैं। 

लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखपाल सिंह खैरा ने मान के इस जवाब पर कहा है कि यह देर से दिया गया और कवर अप करने वाला बयान है और ऐसा उन्होंने अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर कहा है। खैरा ने कहा कि हम चाहते हैं कि पंजाब का मुख्यमंत्री डमी और रिमोट कंट्रोल मुख्यमंत्री ना हो।

पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले कई सियासी दल आरोप लगाते थे कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो यह दिल्ली से चलेगी। उनका सीधा मतलब यह था कि पंजाब में मुख्यमंत्री कोई भी हो लेकिन उसे आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे पर ही काम करना होगा।

अरविंद केजरीवाल के द्वारा राज्य के अफसरों की बैठक लिए जाने के बाद इस तरह की चर्चाएं फिर से सिर उठने लगी थीं। 

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