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अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल को मिला अखिलेश यादव का समर्थन 

अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल को मिला अखिलेश यादव का समर्थन 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की है। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की है। 

यह मुलाकात दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगने के लिए हुई। इसमें अखिलेश ने केजरीवाल का समर्थन करते हुए केंद्र पर निशाना साधा है। मिलने के बाद दोनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र के रवैए और नीतियों की आलोचना की है। 

अखिलेश यादव ने इस मुलाकात के बाद भाजपा पर हमला बोलते हुए एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने  लिखा कि दिल्ली का अध्यादेश भाजपा की लोकतंत्र-विरोधी सोच का आर्डिनेंस है‌। हम राज्यसभा में दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई आप सरकार के पक्ष में रहते हुए, इसका विरोध करेंगे। दिल्ली की जनता 24 के चुनाव में बीजेपी को सातों सीट पर हराएगी. दिल्ली में 2024 बीजेपी के लिए ‘सात बटे सन्नाटा’ साबित होगा। 

देश को बचाने के लिए सभी एक साथ हैं

अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल के बीच लखनऊ में हुई बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव सहित दोनों ही पार्टी के प्रमुख नेता मौजूद रहे। इसमें केजरीवाल ने केंद्र सरकार के दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार लेफ्टिनेंट गवर्नर या एलजी को देने से जुड़े अध्यादेश के खिलाफ सपा का समर्थन मांगा। 

बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर राज्यसभा में आप का समर्थन करने का एलान किया है। इस मौके पर केजरीवाल ने कहा कि फिलहाल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों दलों में कोई बातचीत नहीं हुई, लेकिन इतना तय है कि देश को बचाने के लिए सभी एक साथ हैं और जो भी करना होगा हम करेंगे। 

अध्यादेश लाकर कोर्ट का आर्डर किया कैंसिल 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 8 साल की लड़ाई के बाद 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला दिया कि ये शक्तियां चुनी हुई सरकार पास होनी चाहिए। 11 मई को कोर्ट का आर्डर आया और 19 मई को ही केन्द्र सरकार ने अध्यादेश लाकर कोर्ट का आर्डर कैंसिल कर दिया। इससे पता चलता कि बीजेपी के दिल में कितना काला है। 

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन लोगों ने 19 मई का दिन इसलिए चुना की उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अवकाश हो गया है। सुप्रीम कोर्ट खुलने पर हम वहां भी जाएंगे। फिलहाल लोकसभा में इनका बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में नही है। 

अगर ये अध्यादेश गिर गया तो 2024 का सेमीफाइनल समझिए। केजरीवाल ने कहा कि  अखिलेश यादव के साथ इस विषय पर चर्चा हुई। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्यसभा में हमारा समर्थन करेंगे। 

यह लड़ाई 140 करोड़ लोगों की है

इस मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि ये लड़ाई सिर्फ दिल्ली के लोगों की नहीं बल्कि 140 करोड़ लोगों की है। यह उनके अधिकार बचाने की लड़ाई है। एक तरफ भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है और दूसरी तरफ इस लोकतंत्र पर अध्यादेश की कुल्हाड़ी चलती है। उन्होंने कहा कि अगर इनकी सरकार किसी राज्य में नहीं बनती तो उपचुनाव में बना लेते हैं। 

पंजाब में 117 में 92 विधायक हमारे हैं। हमने बजट सेशन के लिए राज्यपाल से अनुमती मांगी तो उन्होंने कहा कि मैं अनुमती नही दूंगा।  हमको सुप्रीम कोर्ट से इसके लिए इजाजत लानी पड़ी है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजभवन अब बीजेपी कार्यालय बन चुका है। इस लड़ाई में हम नहीं 140 करोड़ जनता जीतेगी। 

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