मोदी सरकार की ‘लाल आंख’ पर क्या चीनी चश्मा लग गया है: खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर मोदी सरकार पर वार किया है। खड़गे ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा है कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार की लाल आंख पर चीनी चश्मा लग गया है।
लाल आंख का मतलब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान से है जब उन्होंने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए कहा था कि चीन को लाल आंख दिखाई जानी चाहिए। इससे पहले भी विपक्ष के तमाम नेताओं ने तवांग में हुई झड़प के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चीन को लाल आंख दिखाए जाने की मांग की थी।
खड़गे ने पूछा है कि क्या भारतीय संसद में चीन के विरूद्ध बोलने की अनुमति नहीं है?
बता दें कि तवांग में हुई झड़प को लेकर संसद का माहौल भी बेहद गर्म है। मंगलवार और बुधवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और इस पर विस्तृत चर्चा कराए जाने की मांग की है।
बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस सांसदों की अगुवाई में विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया था। राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि इस मामले पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए क्योंकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कई जानकारियां नहीं दी हैं।
खड़गे ने कहा था कि अगर सरकार इस मुद्दे पर चर्चा नहीं कराती है तो सदन में बैठने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सेना के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा था कि चीन के द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण के बारे में हम इस सदन में चर्चा चाहते हैं। हमारी कोशिश है कि हमारे साथ ही पूरे देश को यह जानकारी मिले कि वहां की स्थिति क्या है?
उन्होंने कहा था कि हम सभी जानते हैं कि अप्रैल 2020 से लगातार चीन हमारी सीमा के अंदर घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है। गलवान की झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को क्लीन चिट देकर कहा था-“न कोई हमारी सीमा में घुसा और न ही कोई घुसा हुआ है।”
खड़गे ने पूछे सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि आप 2014 के बाद 18 बार शी जिनपिंग से मिले हैं। 16 बार सैन्य वार्ता हुई है। ये बताइए कि क्या चीन अप्रैल, 2020 से पहले की यथास्थिति को मानने को तैयार नहीं है? तवांग, अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं। हमारे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री सभी वहां जाते रहते हैं। इसके बावजूद चीन किस अधिकार से उस इलाक़े में घुसपैठ करना चाहता है?
तवांग के मुद्दे पर संसद के पूरे शीत सत्र में लगातार हंगामा होने के आसार हैं।