14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए अर्णब गोस्वामी
आर्किटेक्ट अन्वय नाइक और उनकी मां की आत्महत्या के मामले में गिरफ़्तार पत्रकार अर्णब गोस्वामी के लिए लगता है कि आने वाला वक़्त बेहद मुश्किलों भरा है। बुधवार की सुबह रायगढ़ और मुंबई पुलिस ने अर्णब गोस्वामी को उनके घर से गिरफ़्तार कर लिया और शाम होते-होते पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई कर दी।
मुंबई पुलिस ने अर्णब गोस्वामी, उनकी पत्नी, बेटे और दो अन्य लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस अधिकारियों पर हमला करने के आरोप में एफ़आईआर दर्ज कर ली है। इसके अलावा बुधवार रात को ही अलीबाग की एक अदालत ने अर्णब गोस्वामी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उन्हें 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में रहना होगा। उधर, बीजेपी विधायक राम कदम अर्णब की गिरफ़्तारी के मसले पर गुरूवार सुबह 10.30 बजे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात करेंगे।
‘शोर क्यों मचा रही बीजेपी’
रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री तथा शिव सेना के प्रवक्ता अनिल परब ने बुधवार को कहा कि अर्णब की गिरफ्तारी आत्महत्या के एक प्रकरण की वजह से हुई है। उन्होंने कहा कि इसे प्रेस पर अंकुश या आपातकाल कहना इस मामले को दूसरा रूप देने की साज़िश जैसा है।
परब ने कहा कि मुंबई से लेकर दिल्ली तक बीजेपी के नेता और मंत्री इस गिरफ्तारी पर बयानबाजी कर रहे हैं लेकिन इस बात को कोई नहीं बता रहा कि अर्णब पर एक महिला का सुहाग उजाड़ने का आरोप है।
‘बदले की कार्रवाई नहीं’
शिव सेना सांसद संजय राउत ने कहा कि अर्णब की गिरफ्तारी उनके ख़िलाफ़ विचाराधीन मामले में जांच का हिस्सा है। अर्णब या किसी अन्य पत्रकार ने सुशांत सिंह आत्महत्या प्रकरण में शिव सेना नेताओं पर अनेक झूठे आरोप लगाए लेकिन हमने किसी के ख़िलाफ़ कभी बदले की कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि अर्णब की गिरफ्तारी एक आर्किटेक्ट और उसकी मां की आत्महत्या के मामले में हुई है।
इस संबंध में अन्वय नाइक की पत्नी अक्षता ने महाराष्ट्र पुलिस का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि अर्णब की कुटिलता की वजह से उनके पति, सास और पिता को आत्महत्या करनी पड़ी है। उनके पति ने अपने सुसाइड नोट में अर्णब गोस्वामी द्वारा पैसे नहीं दिए जाने का उल्लेख किया था। अन्वय की पत्नी ने आरोप लगाया कि अर्णब हमें दिए हुए पैसे वापस वसूलने की धमकी देता था।
देखिए, इस विषय पर वीडियो-
अर्णब की गिरफ़्तारी के बाद बीजेपी नेताओं ने ट्वीट्स की बौछार कर दी। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से लेकर स्मृति ईरानी और रविशंकर प्रसाद ने इसे प्रेस की आज़ादी पर हमला बताया।
‘इमरजेंसी जैसी कार्रवाई’
जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा कि मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर हमला हुआ है और यह महाराष्ट्र सरकार की यह कार्रवाई इमरजेंसी की तरह ही है। उन्होंने कहा कि हम इसकी भर्त्सना करते हैं। जावड़ेकर ने रायगढ़ पुलिस की कार्रवाई को इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल से जोड़ दिया और कहा, ‘सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में काम कर रही कांग्रेस अभी भी आपातकालीन मनस्थिति में है। इसी का सबूत आज महाराष्ट्र में उनकी सरकार ने दिखाया है। लोग ही इसका लोकतांत्रिक जवाब देंगे।’
मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है। यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।@PIB_India @DDNewslive @republic
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) November 4, 2020
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि जो लोग पत्रकारिता में रहते हुए अर्णब के समर्थन में नहीं खड़े हुए हैं, वे लोग फ़ासीवाद का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने पूछा है कि अगर आपका नंबर आएगा तो तो कौन बोलेगा।
रिपब्लिक टीवी और सोशल मीडिया पर चल रही कुछ वीडियो फ़ुटेज में दिख रहा है कि रायगढ़ पुलिस अर्णब के घर पर पहुंचकर उन्हें साथ चलने के लिए कहती है और थोड़ी देर बाद उन्हें साथ ले जाती है।
क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी निंदनीय, ग़लत और बेहद चिंतित करने वाली है। उन्होंने कहा कि वे प्रेस की आज़ादी के लिए आपातकाल के दौरान 1975 में लड़ चुके हैं।
The arrest of senior journalist #ArnabGoswami is seriously reprehensible, unwarranted and worrisome. We had fought for freedoms of Press as well while opposing the draconian Emergency of 1975.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) November 4, 2020
एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने कहा है कि वह अर्णब की गिरफ़्तारी से हैरान है। गिल्ड ने कहा है कि वह अचानक हुई इस गिरफ़्तारी की निंदा करता है। गिल्ड ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कहा है कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि गोस्वामी के साथ सही बर्ताव किया जाए और मीडिया द्वारा की जा रही रिपोर्टिंग के ख़िलाफ़ राज्य की ताक़तों का दुरुपयोग न हो।
अन्वय नाइक की पत्नी ने वीडियो जारी कर कहा है कि उनके पति और सास की हत्या के लिए अर्णब गोस्वामी जिम्मेदार है। उन्होंने पूछा है कि उनके परिवार को न्याय कब मिलेगा।
#justiceforanvaynaik
— Akshata and Adnya Anvay Naik (@AdnyaAnvayNaik) August 3, 2020
Arnab Goswami is shouting for Sushant Singh Rajput’s suicide, but what about my husband and mother-in-law who suicided because of Mr. Arnab Goswami
What is happening to my case When will justice be granted to our family
WHY STILL THERE IS NO ACTION pic.twitter.com/uYtFArl1Hi
अन्वय नाईक और उनकी मां ने 5 मई, 2018 को मुंबई के अलीबाग स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली थी। इसके पीछे कारण अर्णब गोस्वामी द्वारा अन्वय को पैसे नहीं देना बताया गया था। अन्वय ने अर्णब के चैनल के स्टूडियो और कार्यालय का काम किया था लेकिन उस काम का भुगतान बाकी था।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने दो महीने पहले विधानसभा में कहा था कि अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ बहुत सी शिकायतें मिली हैं जो वर्तमान घटनाक्रम से भी जुड़ी हैं और पहले की भी हैं। उन्होंने कहा था कि इसी साल मई में अन्वय की बेटी और पत्नी ने उनसे इस मामले की जांच फिर से कराने की मांग की थी। शिव सेना विधायक सुनील प्रभु और प्रताप सरनाईक ने भी इस मामले की फिर से जांच कराने की मांग की थी और इसके बाद उन्होंने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे।
बीजेपी करेगी आंदोलन
सोशल मीडिया पर #JusticeForAnvay तथा #ArnabGoswami जैसे कई ट्रेंड्स चल रहे हैं। बीजेपी इसे आपातकाल, लोकतंत्र की हत्या तथा सरकार की अराजकता कह रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे इस गिरफ्तारी के विरोध में आंदोलन करें।मुंबई पुलिस और रिपब्लिक टीवी के बीच जारी जंग कुछ दिन पहले तब बहुत बढ़ गई थी, जब रिपब्लिक टीवी की संपादकीय टीम के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर लिया गया था। मुंबई पुलिस के सब इंस्पेक्टर शशिकांत पवार की शिकायत पर रिपब्लिक टीवी की डेप्युटी एडिटर सागरिका मित्रा, एंकर शिवानी गुप्ता, डेप्युटी एडिटर शावन सेन, एग्जीक्यूटिव एडिटर निरंजन नारायणस्वामी, न्यूज़ रूम इंचार्ज और संपादकीय टीम के सभी लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया था।