वाट्सऐप चैट लीक मामले में अर्णब से दूरी बना रही बीजेपी!
अर्णब गोस्वामी और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच की कथित चैट के लीक होने के बाद कांग्रेस बीजेपी और मोदी सरकार पर हमलावर है और उससे इस मामले में जवाब देने को कह रही है। लेकिन बीजेपी और केंद्र की सरकार ने इस पर चुप्पी साधी हुई है। कांग्रेस की ओर से इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाने की मांग भी की गई है।
शुक्रवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अर्णब गोस्वामी के लीक हुए कथित चैट्स को लेकर मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला था। कांग्रेस ने इस मामले में एक तय समय के भीतर जांच करने की मांग की थी।
सोनिया गांधी ने बैठक में कहा था कि यह बहुत बड़ा मामला है और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि जो लोग दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का सर्टिफ़िकेट देते हैं, वे पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, एक केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमें इस मामले में बीच में आने की क्या ज़रूरत है। न तो सरकार और न ही पार्टी का अर्णब गोस्वामी के साथ हुए चैट्स को लेकर कोई लेना-देना है। अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि किसी पार्टी के नेता का इन चैट्स से कोई संंबंध है।’
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अर्णब और पार्थो दासगुप्ता के बीच कथित रूप से जो बातचीत हुई है, उसमें सचिवों की नियुक्ति, बालाकोट एयरस्ट्राइक के बारे में कथित रूप से जानकारी होने, कैबिनेट में फेरबदल, पीएमओ तक पहुंच होना और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के कामकाज से जुड़े संदेश शामिल हैं, इसे लेकर बेहद गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
कांग्रेस का आरोप है कि अर्णब को बालाकोट हमले की पहले से जानकारी थी। इसे लेकर बीजेपी नेताओं का कहना है कि चैट्स से यह कहीं भी पता नहीं चलता है कि उस समय लोगों को इसके बारे में सामान्य जानकारी नहीं थी। पार्टी के कई नेताओं और सरकार ने भी चेताया था कि पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए बड़ी कार्रवाई होगी।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, बीजेपी के छह नेताओं ने इस बात को स्वीकारा कि इस विवाद ने उन पर धब्बा लगा दिया है। इन चैट्स में एक जगह पर अर्णब कथित रूप से कहते हैं कि सभी मंत्री हमारे साथ हैं। लेकिन इन चैट्स के लीक होने के बाद साफ दिख रहा है कि बीजेपी और मोदी सरकार के मंत्री अर्णब के समर्थन में आना तो दूर उनसे दूरी बनाते दिख रहे हैं।
अर्णब के समर्थन में उतरी थी बीजेपी
पिछले साल नवंबर में जब आर्किटेक्ट अन्वय नाइक और उनकी मां की आत्महत्या के मामले में मुंबई और रायगढ़ पुलिस ने अर्णब गोस्वामी को गिरफ़्तार किया था तो बीजेपी ने इसके ख़िलाफ़ आंदोलन छेड़ दिया था। दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र और बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश, सब जगह उसके नेता, कार्यकर्ता इस मामले में सड़क पर उतरे थे। उनका कहना था कि अर्णब की गिरफ़्तारी प्रेस की आज़ादी पर हमला है।
जबकि मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार ने साफ किया था कि अर्णब की गिरफ़्तारी अन्वय नाइक की बेटी और पत्नी द्वारा इस मामले में अदालत जाने के बाद हुई है।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, इस मामले में एक बीजेपी नेता का कहना है कि चैट्स लीक का मामला और अर्णब की गिरफ़्तारी का मामला, दोनों एक नहीं हैं। दोनों नेताओं ने अख़बार से कहा कि लीक हुए चैट्स राडिया मामले की तरह हैं। राडिया मामला 2009 में सामने आया था, इसमें कॉरपोरेट लॉबीइस्ट नीरा राडिया की पत्रकारों और राजनेताओं से बातचीत सामने आई थी। तब बीजेपी ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था।
बीजेपी के एक नेता ने कहा कि हालांकि लीक हुए चैट्स का कॉन्टेन्ट राडिया मामले की तरह नुक़सान पहुंचाने वाला नहीं है लेकिन अगर कोई मंत्रियों के साथ संपर्क होने की डींग मारता हो तो यह बेहद शर्मसार करने वाला होता है।
बीजेपी के एक नेता ने यह भी कहा कि सरकार और पार्टी का यह स्टैंड है कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है।
अर्णब गोस्वामी और पार्थो दासगुप्ता के बीच हुई इन कथित चैट्स में पीएमओ, रजत, ‘AS’, प्रकाश जावड़ेकर जैसे नाम सामने आए हैं। यह कथित चैट 1 हज़ार पन्नों की बताई जा रही है। इसमें सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को 'किसी काम का नहीं' बताने की बात भी सामने आई है।