+
बहुत हो गया, यूक्रेन में लड़ाई रोकी जाए: यूएन महासचिव गुटेरेस

बहुत हो गया, यूक्रेन में लड़ाई रोकी जाए: यूएन महासचिव गुटेरेस

संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में रूस ने यूक्रेन पर किए गए हमले के अपने कदम का बचाव किया लेकिन पश्चिमी देशों ने उसका विरोध किया। 

रूस के द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा की सोमवार रात को आपात बैठक हुई। इस बैठक में रूस के द्वारा किए गए हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उसे चेतावनी दी। गुटेरेस ने कहा कि यूक्रेन में लड़ाई रोकी जानी चाहिए। बैठक शुरू होने से पहले इस हमले में मारे गए लोगों की याद में मौन भी रखा गया।

गुटेरेस ने कहा कि अब बहुत हो गया, सैनिकों को वापस बुलाया जाना चाहिए और नेताओं को शांति के रास्ते पर आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि आम नागरिकों की हिफाजत की जानी चाहिए।

यूक्रेन पर हमला करने के बाद से ही रूस पर दुनिया के कई देशों ने तमाम तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं लेकिन बावजूद इसके रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है। बेलारूस बॉर्डर पर दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल की बातचीत के बाद भी रूस के यूक्रेन पर हमले जारी हैं। 

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से कहा है कि यह युद्ध विराम तभी हो सकता है जब यूक्रेन पूरी तरह तटस्थ रहे और उसका असैन्यीकरण कर दिया जाए। 

आत्मरक्षा में किया हमला: रूस 

बैठक में रूस ने यूक्रेन पर किए गए हमले के अपने कदम का बचाव किया और यूएन चार्टर के अनुच्छेद 51 का हवाला देते हुए कहा कि उसने आत्मरक्षा में हमला किया है। लेकिन इसे पश्चिमी देशों ने पूरी तरह नकार दिया और कहा कि रूस ने यूक्रेन पर हमला करके यूएन चार्टर के अनुच्छेद दो का उल्लंघन किया है जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र महासभा के सदस्य देशों को किसी तरह के संकट से निपटने के लिए हमला करने की छूट नहीं है।

बैठक में ब्रिटिश राजदूत ने कहा कि अगर हम लोग इस वक्त पर खड़े नहीं होंगे तो किसी भी देश की सीमाएं और उसकी आजादी खतरे में होगी।

इस बारे में आपात बैठक बुलाने के लिए मतदान कराया गया था जिसमें 11 देशों ने बैठक बुलाने के पक्ष में मतदान किया जबकि भारत, चीन और यूएई मतदान से गैरहाजिर रहे और रूस ने इसके विरोध में मतदान किया। संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक बुलाने की मांग रखी थी। महासभा की 1950 के बाद यह 11वीं आपात बैठक थी।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें