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किसानों के समर्थन में उतरे अन्ना, एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठे

किसानों के समर्थन में उतरे अन्ना, एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठे

केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के बॉर्डर्स पर धरना दे रहे किसानों को देश में राजनीतिक दलों, गायकों, खिलाड़ियों, आम लोगों का जोरदार समर्थन मिल रहा है। 

केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के बॉर्डर्स पर धरना दे रहे किसानों को देश में राजनीतिक दलों, गायकों, खिलाड़ियों, आम लोगों का जोरदार समर्थन मिल रहा है। अब समाजसेवी अन्ना हजारे भी किसान आंदोलन के समर्थन में आगे आ गए हैं। 

लोकपाल की मांग को लेकर देश में बड़ा आंदोलन खड़ा करने वाले अन्ना हज़ारे मंगलवार को एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा है कि किसानों का यह आंदोलन देश भर में फैलना चाहिए जिससे सरकार दबाव में आए और किसानों के हित में फ़ैसला ले। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों को सड़कों पर उतरना चाहिए लेकिन किसी को भी हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए। 

रिकॉर्डेड संदेश जारी किया 

अन्ना महाराष्ट्र के अहमद नगर जिले के रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल पर बैठे हैं। वयोवृद्ध समाजसेवी हज़ारे ने एक रिकॉर्डेड संदेश जारी किया है। इसमें उन्होंने अपने हक़ों के लिए आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया है। अन्ना ने किसानों की तारीफ़ करते हुए कहा है कि इतने दिनों से चल रहे इस आंदोलन में किसी तरह की हिंसा नहीं हुई है। 

अन्ना के लोकपाल आंदोलन से निकलकर कई लोग देश की राजनीति और प्रशासन में बड़े पदों पर पहुंचे। इनमें अरविंद केजरीवाल, सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया, किरण बेदी सहित तमाम लोग शामिल हैं।

अन्ना ने संदेश में कहा है कि यह किसानों के लिए सही समय है, जब वे सड़कों पर उतरें और अपने मुद्दों का समाधान सरकार से करवाएं। अन्ना ने कहा है कि वे किसानों के आंदोलन को पहले भी समर्थन दे चुके हैं और आगे भी ऐसा करना जारी रखेंगे। 

उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाना चाहिए। लोकपाल आंदोलन के अगुआ के रूप में देश भर में पहचान बना चुके अन्ना ने कहा कि सरकार सिर्फ़ आश्वासन देती है लेकिन वह किसानों की मांगों को पूरा नहीं करती। 

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विदेशों में हो रही किसान रैलियां

किसानों का यह आंदोलन दुनिया भर में फैले पंजाबियों तक पहुंच गया है। किसानों के समर्थन में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, लंदन सहित दुनिया के कई देशों में किसान रैलियां निकाली जा रही हैं। इनमें सिख समुदाय के लोग ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ हिस्सा ले रहे हैं। महंगी गाड़ियों के साथ बाइकों की रैली भी किसानों के समर्थन में निकाली जा रही है। मोदी सरकार इससे परेशान है क्योंकि किसानों का ये मुद्दा अब अंतरराष्ट्रीय हो चुका है। 

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विदेशों में किसानों के समर्थन में हो रही इन रैलियों के वीडियो सोशल मीडिया पर खासे वायरल हो रहे हैं। भारत में लोग जमकर इन्हें शेयर कर रहे हैं। दूसरी ओर, किसानों का जबरदस्त दबाव सरकार के आला मंत्रियों की रात की नींद ग़ायब कर चुका है।

बादल का मोदी को ख़त

भारत की सियासत के सबसे बुजुर्ग और तजुर्बेकार नेता सरदार प्रकाश सिंह बादल ने वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी को ख़त लिखकर कहा है कि वह किसानों के आंदोलन का कोई शांतिपूर्ण हल निकालें और इसके लिए आंदोलन में शामिल लोगों से और राज्यों से लगातार बातचीत करें। 

एक वक़्त में एनडीए के संयोजक रहे बादल ने इंदिरा गांधी के निज़ाम के दौरान 1975 में लगी इमरजेंसी का जिक्र करते हुए लिखा है, ‘मैंने इमरजेंसी के दौरान तानाशाही के ख़िलाफ़ जंग लड़ी है। मेरा अनुभव मुझे बताता है कि लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करने से ही सबसे कठिन हालात के भी हल का रास्ता निकल सकता है।’ 

सुनिए, किसान आंदोलन पर चर्चा-

पंजाबी गायक भी आए साथ 

किसानों के आंदोलन के लिए पंजाब और हरियाणा से दिल्ली बॉर्डर आने वाले किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। इनमें बड़ी संख्या में पंजाबी गायक भी शामिल हैं। ये ऐसे गायक हैं, जिनका दुनिया भर में फैले पंजाबियों के बीच बड़ा मान-सम्मान और फॉलोइंग है और ये दिन रात किसानों के साथ डटे हुए हैं। इनमें कंवर ग्रेवाल और हर्फ चीमा का नाम शामिल है। इसके अलावा भी कई पंजाबी गायक जो अब तक पंजाब में किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे थे, अब दिल्ली बॉर्डर पर ही आकर बैठ चुके हैं। 

राजनीतिक दलों का मिला समर्थन 

कांग्रेस, टीएमसी, आरजेडी, एसपी, एनसीपी, शिव सेना, जेएमएम, टीआरएस, सीपीआई, सीपीआई(एम), ऑल इंडिया फ़ॉरवर्ड ब्लॉक सहित कई विपक्षी दलों ने भारत बंद और किसान आंदोलन को समर्थन दिया है। लेकिन दूसरी ओर बीजेपी समर्थकों ने बंद का पूरी तरह विरोध किया है। 

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