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जगन ने अडानी से जुड़े आरोपों को नकारा, 'सरकारी इकाइयों के बीच सौदा'

जगन ने अडानी से जुड़े आरोपों को नकारा, 'सरकारी इकाइयों के बीच सौदा'

अमेरिका द्वारा गौतम अडानी पर रिश्वत देने की योजना का आरोप लगाए जाने के मामले में विरोधियों के निशाने पर रहे जगन मोहन रेड्डी ने जवाब दिया है। जानिए, उन्होंने सफाई में क्या कहा।

जगन रेड्डी ने गौतम अडानी से जुड़े आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह सरकारी इकाइयों के बीच में सौदा था इसलिए इसमें अडानी का कुछ लेना देना ही नहीं था। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया है कि बिजली जिस दर पर खरीदी गई वह पूर्व सरकार की ख़रीद दर से क़रीब आधी क़ीमत पर थी।

आँध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी की यह सफ़ाई तब आई है जब एक दिन पहले ही टीडीपी और उनकी बहन वाईएस शर्मिला ने जगन पर हमला बोला है। तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी ने मांग की है कि उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान गौतम अडानी के साथ बैठक में क्या-क्या हुआ था, उसको सार्वजनिक किया जाए।

टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकटरमण रेड्डी ने मांग की थी कि वाई एस जगन मोहन रेड्डी उद्योगपति गौतम अडानी के साथ अपनी बैठकों का ब्योरा सार्वजनिक करें। उन्होंने दावा किया कि सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यानी एसईसीआई के माध्यम से अडानी समूह से बिजली खरीदने से संबंधित फ़ाइलों पर पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने विभिन्न विभागों के विरोध के बावजूद गुप्त रूप से हस्ताक्षर किए और उन्हें आगे बढ़ाया। उन्होंने मांग की कि जगन अमेरिकी अदालत में गौतम अडानी के ख़िलाफ़ अभियोग में लगाए गए रिश्वतखोरी के आरोपों पर सफाई दें।

वाईएस शर्मिला ने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सैयद अब्दुल नजीर को पत्र लिखकर राज्य सरकार और अडानी समूह के बीच बिजली खरीद समझौतों में प्राप्त 1750 करोड़ रुपये की रिश्वत की जांच का आदेश देने की मांग की है। आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष ने राज्यपाल को 27 नवंबर को लिखे पत्र में लिखा है: 'अडानी रिश्वत मामला न केवल राज्य के लोगों के हितों के लिए हानिकारक है, बल्कि इसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य की छवि भी खराब की है।'

गौतम अडानी और अन्य के खिलाफ अमेरिकी अभियोग के बाद भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में वाईएसआरसीपी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को सत्ता में रहने के दौरान राज्य सरकार द्वारा सौर ऊर्जा की खरीद में रिश्वतखोरी के आरोपों को खारिज कर दिया।

जगन ने कहा,

बिजली खरीद समझौता आंध्र प्रदेश सरकार की डिस्कॉम और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एसईसीआई - दो सरकारी एजेंसियों के बीच हुआ था। उद्योगपति गौतम अडानी या अडानी समूह सहित कोई अन्य इसमें शामिल नहीं था।


जगन रेड्डी, आंध्र प्रदेश पूर्व सीएम

अमेरिकी अदालत के अभियोग के अनुसार, अडानी ने एसईसीआई और आंध्र प्रदेश की राज्य बिजली वितरण कंपनियों के बीच पीएसए यानी बिजली आपूर्ति समझौतों को आगे बढ़ाने के लिए आंध्र प्रदेश में फोरेन ऑफिशियल1 से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की, जिसमें 7 अगस्त, 2021 को या उसके आसपास, 12 सितंबर, 2021 को या उसके आसपास और 20 नवंबर, 2021 को या उसके आसपास मुलाकात शामिल है। अभियोग के अनुसार, फोरेन ऑफिशियल1 ने मई 2019 से जून 2024 तक आंध्र प्रदेश के एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी के रूप में काम किया था।

हालाँकि अभियोग में फोरेन ऑफिशियल1 का नाम नहीं है, लेकिन सुरक्षा विनिमय आयोग की फाइलिंग में कहा गया है कि अगस्त 2021 में अडानी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की...। मई 2019 से जून 2024 के बीच जगन मुख्यमंत्री थे।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को जगन ने कहा कि जब उनकी पार्टी जून 2019 में सत्ता में आई थी, तब आंध्र प्रदेश लगभग 5.10 रुपये प्रति किलोवाट घंटे की दर से बिजली खरीद रहा था। जगन ने कहा कि एसईसीआई से बिजली खरीदने के लिए समझौता करके उनकी सरकार ने इस लागत को घटाकर 2.49 रुपये प्रति किलोवाट घंटे कर दिया।

उन्होंने कहा, 'एसईसीआई, जो भारत सरकार का उद्यम है, और आंध्र प्रदेश सरकार ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसमें अडानी समूह कहाँ शामिल है? 2.49 रुपये प्रति किलोवाट घंटे का टैरिफ किसी और ने नहीं दिया था, और राज्य को इससे बहुत सारे लाभ हैं।'

जगन ने तेलुगु देशम पार्टी पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। जबकि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि जगन के खिलाफ आरोपों से राज्य की ब्रांड छवि खराब हुई है।

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