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आंध्र प्रदेशः भाजपा की सहयोगी टीडीपी मुस्लिमों से कर रही लुभावने वादें 

आंध्र प्रदेशः भाजपा की सहयोगी टीडीपी मुस्लिमों से कर रही लुभावने वादें 

लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो रहा है। आंध्र प्रदेश की सभी 175 विधानसभा सीटों पर 13 मई को वोट डाले जायेंगे। वहीं मतगणना 4 जून को होगी। 

लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो रहा है। आंध्र प्रदेश की सभी 175 विधानसभा सीटों पर 13 मई को वोट डाले जायेंगे। वहीं मतगणना 4 जून को होगी। आंध्र प्रदेश में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होते दिख रहा है। एक तरफ सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी है तो दूसरी तरफ टीडीपी, भाजपा और जेएसपी का एनडीए गठबंधन है वहीं तीसरी तरफ कांग्रेस है। तीनों ही के द्वारा आंध्र प्रदेश में जोर-शोर से चुनाव प्रचार चल रहा है। 

मुख्य मुकाबला टीडीपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन और वाईएसआरसीपी के बीच होता दिख रहा है। चुनाव में टीडीपी का भले ही भाजपा से गठबंधन है लेकिन वह राज्य के मुसलमानों को अपनी ओर करने के लिए एक से बढ़कर एक लुभावने वादे कर रही है। वहीं दूसरी ओर वाईएसआरसीपी आरोप लगा रही है अगर राज्य में एनडीए की सरकार बनी तो मुस्लिम अल्पसंख्यकों का आरक्षण खत्म कर दिया जायेगा। 

टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू इससे इंकार करते हैं। वह कहते हैं कि मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी यह झूठ फैला रहे हैं कि अगर एनडीए सहयोगियों की सरकार बनी तो मुस्लिम अल्पसंख्यकों का आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा। नायडू मुस्लिम अल्पसंख्यकों के समग्र विकास का वादा कर रहे हैं। 

टीडीपी और चंद्रबाबू नायडू की इन दिनों चिंता इस बात को लेकर है कि भाजपा के साथ गठबंधन करने के कारण कहीं उनसे मुस्लिम मतदाता नाराज न हो जाएं। यही कारण है कि टीडीपी इन दिनों लगातार मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है। 

अंग्रेजी अखबार द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि टीडीपी-भाजपा-जेएसपी गठबंधन मुस्लिम अल्पसंख्यकों का समग्र विकास सुनिश्चित करेगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में मुसलमानों के कल्याण के लिए बनाए गए कई कल्याणकारी कार्यक्रमों को वापस ले लिया है। उन्होंने कहा, कि राज्य में एनडीए की सरकार बनने पर सभी लाभ बहाल कर दिए जाएंगे और मुस्लिमों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाएगा। 

नायडू ने कहा कि टीडीपी कार्यकाल के दौरान ही अल्पसंख्यकों को सामाजिक न्याय के माध्यम से प्रमुख स्थान दिया गया और उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा बनाया गया।

उन्होंने आरोप लगाया है कि  वाईएसआरसीपी सरकार ने राज्य में हासिल की गई प्रगति को खत्म कर दिया है। नायडू ने आरोप लगाया कि जगन मोहन रेड्डी में दूरदर्शिता की कमी है, और उनका प्रशासन भ्रष्ट है। उन्होंने कहा है कि, यदि जगन मोहन रेड्डी को एक और मौका दिया जाता है, तो राज्य में सार्वजनिक या निजी संपत्तियों की कोई सुरक्षा नहीं होगी। 

पिछली बार वाईएसआरसीपी को मिली थी 151 सीटें 

राज्य में सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी। पिछले विधानसभा चुनाव जो कि 2019 में हुआ था में वाईएसआरसीपी को कुल 175 सीटों में से 151 सीटें मिली थी। जबकि टीडीपी को मात्र 23 सीटें मिली थी। 

11 अप्रैल 2019 को राज्य की सभी 175 विधानसभा सीटों और 25 लोकसभा सीटों पर एक साथ एक ही चरण में चुनाव हुआ था। 

लोकसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी को 25 में से 17 सीटें मिली थी जबकि टीडीपी को 3 सीटें ही मिली थी। 

इस बार के लोकसभा और आंध्र प्रदेश के  विधानसभा चुनाव के लिए टीडीपी और भाजपा ने गठबंधन किया है। इस गठबंधन में पवन कल्याण की पार्टी जेएसपी भी शामिल हो गई है। एनडीए गठबंधन के बीच हुए सीटों के बंटवारे में टीडीपी आंध्र प्रदेश की 17 लोकसभा सीटों पर, भाजपा 6 सीटों पर और पवन कल्याण की पार्टी जेएसपी दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 

वहीं विधानसभा चुनाव में टीडीपी 144 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जेएसपी 21 सीटों पर और भाजपा 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दूसरी तरफ सत्ताधारी वाईएसआरसीपी सभी 175 सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ रही है।

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