आनंद मोहन केसः भाजपा बंटी, आईएएस एसोसिएशन चिन्तित
बिहार में विवादास्पद सजायाफ्ता नेता आनंद मोहन सिंह के मुद्दे पर बीजेपी में जहां अलग-अलग राय सामने आ रही है, वहीं आईएएस एसोसिएशन ने एक मुजरिम की रिहाई पर चिन्ता जताई है। लेकिन इस मामले में सबसे हैरानी बीजेपी के रवैए पर है, जिसके नेता जाति के आधार पर समर्थन या विरोध कर रहे हैं।
नौकरशाहों की शीर्ष संस्था आईएएस एसोसिएशन ने बिहार जेल नियमों में बदलाव का विरोध किया है, जिससे गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन सिंह की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।एक दलित आईएएस अधिकारी की हत्या के लिए आनंद मोहन सिंह आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन ने ट्विटर पर साझा किए गए एक बयान में कहा, "इस तरह के कदम से देश के नौकरशाहों के शीर्ष निकाय ने बिहार में नियमों में बदलाव के खिलाफ एक मुखर विरोध जारी किया है, जो गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन सिंह की रिहाई की सुविधा प्रदान करेगा, जो एक दलित आईएएस अधिकारी की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।
सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन ने ट्विटर पर साझा किए गए एक बयान में कहा, इस तरह के कदम से लोक सेवकों (आईएएस अफसरों) का मनोबल टूटता है, सार्वजनिक व्यवस्था कमजोर होती है और न्याय प्रशासन का मजाक बनता है।
The Central IAS Association expresses its deep dismay at the decision of the State Government of Bihar to release the convicts of the brutal killing of Late Shri G Krishnaiah, IAS, former District Magistrate of Gopalganj, by a change in classification rules of prisoners. pic.twitter.com/a84s7pYL20
— IAS Association (@IASassociation) April 25, 2023
सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन ने कहा कि कैदियों के वर्गीकरण नियमों में बदलाव करके गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी स्वर्गीय जी. कृष्णैया की नृशंस हत्या के दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन गहरी निराशा व्यक्त करता है।
राजपूत नेता आनंद मोहन सिंह उन 27 दोषियों में शामिल हैं, जिन्हें अगले साल के आम चुनाव से पहले रिहा कर दिया जाएगा। भाजपा के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राज्य सरकार के कदम का समर्थन करते हुए कहा है कि "गरीब आनंद मोहन" मामले में "बलि का बकरा" बन गया और "लंबे समय तक जेल में रहा।"
बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर कही बड़ी बात, बोले: वो बेचारे तो बलि का बकरा हैं...#GirirajSingh #AnandMohan pic.twitter.com/0UENd8ty7O
— Bihar Tak (@BiharTakChannel) April 25, 2023
बता दें कि 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी. कृष्णय्या की कथित रूप से आनंद मोहन सिंह द्वारा उकसाई गई भीड़ ने हत्या कर दी थी। आनंद मोहन सिंह की पार्टी से जुड़े एक अन्य गैंगस्टर-राजनीतिज्ञ की हत्या का विरोध कर रही भीड़ ने उन्हें उनकी कार से बाहर खींच लिया और पीटा।
बाहुबली, जिसका बेटा लालू यादव की आरजेडी से विधायक है, को 2007 में एक निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। वह 15 साल से जेल में है। इस महीने की शुरुआत में, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने जेल के नियमों में बदलाव किया, जिससे ड्यूटी पर एक लोक सेवक की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए लोगों की जेल की सजा में छूट दी गई। कल राज्य सरकार ने नए नियम के तहत 27 बंदियों की रिहाई की अधिसूचना जारी की।
1. बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आन्ध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है।
— Mayawati (@Mayawati) April 23, 2023
इस मामले ने एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। सुशील मोदी जैसे भाजपा नेताओं ने इस कदम की निंदा की है। मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने कहा कि बिहार सरकार का यह फैसला "दलित विरोधी" है और नीतीश कुमार सरकार से निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया।
नीतीश कुमार के जनता दल (यूनाइटेड) ने बसपा पर पलटवार किया और मायावती पर "यूपी में भाजपा की बी-टीम" होने का आरोप लगाया।
अपने बेटे की शादी के लिए 15 दिन की पैरोल पर बाहर आए आनंद मोहन सिंह ने भी भाजपा पर निशाना साधा। एएनआई के मुताबिक आनंद मोहन ने कहा- गुजरात में बिलकिस बानो कांड के कुछ दोषियों की रिहाई हुई है। वह भी नीतीश-आरजेडी के दबाव में हुई?
आईएएस जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने एनडीटीवी से कहा है कि राज्य सरकार के फैसले से समाज में 'गलत संकेत' जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करते हुए कहा, यह एक तरह से अपराधियों को प्रोत्साहित करने वाला आदेश है। यह एक संदेश देता है कि आप अपराध कर सकते हैं और जेल जा सकते हैं, लेकिन फिर रिहा हो सकते हैं और राजनीति में शामिल हो सकते हैं। फिर तो मृत्युदंड अच्छा है।