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'2000 के नोट में जीपीएस चिप' ट्विटर पर फिर से वायरल क्यों?

'2000 के नोट में जीपीएस चिप' ट्विटर पर फिर से वायरल क्यों?

'कौन बनेगा करोड़पति' के प्रोमो में एक सवाल ने फिर से ट्विटर यूजरों को फिर से '2000 के नोट में जीपीएस चिप' का मुद्दा पकड़ा दिया है! जानिए, लोगों ने कैसी-कैसी टिप्पणी की और कौन रहा निशाने पर।

क्या अब भी ऐसे लोग होंगे जो यह मानते हों कि '2000 के नोट में जीपीएस चिप' है? या सवाल यह हो कि क्या 2000 के नोट में जीपीएस चिप है? तो इसका जवाब क्या कोई 'हाँ' दे सकता है?

संभव है कि ऐसा हो। ऐसा इसलिए कि जब क़रीब छह साल पहले 2016 में नोटबंदी की घोषणा की गई थी और जब 500 के साथ ही 2000 के नये नोट आए थे तब कुछ टीवी चैनलों ने इस पर ख़बरें दिखाई थीं। विशेष रिपोर्टें तैयार कर लाखों-करोड़ों दर्शकों के सामने विस्तार से यह समझाया गया था कि कैसे 2000 रुपये के नोट में जीपीएस चिप लगी है, कैसे यह सिग्नल सैटेलाइट को भेजेगी और कैसे मनी लाउंड्रिंग करने वाले लोग इसकी वजह से पकड़े जाएँगे! पर वह सब फर्जी ख़बरें थीं। लेकिन इन्हीं फर्जी ख़बरों के असर को 'कौन बनेगा करोड़पति' के प्रोमो में प्रमुखता से दिखाया गया है। सोनी टीवी ने इसे ट्वीट किया है।

वीडियो में एक प्रतियोगी शो-होस्ट अमिताभ बच्चन के विपरीत बैठी है। अमिताभ बच्चन उनसे एक प्रश्न पूछते हैं, 'इनमें से किसमें जीपीएस तकनीक है? विकल्प एक टाइपराइटर, टेलीविजन, उपग्रह और 2,000 रुपये का नोट हैं।' इस पर प्रतियोगी पूरे आत्मविश्वास से अंतिम विकल्प चुनती हैं और कहती हैं कि इसका जवाब 2000 रुपये का नोट है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने जवाब को लेकर आश्वस्त हैं, उन्होंने कहा, 'सिर्फ मैं ही नहीं सर, पूरा देश उस जवाब को लेकर आश्वस्त है।'

वीडियो में अमिताभ बच्चन ने उन्हें बताया कि उनका उत्तर ग़लत है और सही उत्तर एक उपग्रह है। हंसते हुए प्रतियोगी उनसे पूछती हैं कि क्या वह मजाक कर रहे हैं? इस पर अमिताभ कहते हैं कि, 'मैं इस बारे में मजाक क्यों करूंगा? मजाक वह था जिसे आप सच मानती थीं।' प्रतियोगी यह कहकर अपना बचाव करने की कोशिश करती हैं कि यह एक ख़बर थी जिसने उसे जीपीएस चिप्स वाले नोटों के बारे में यह जानकारी दी थी, इसलिए यह ग़लती न्यूज़ चैनल की है। इस पर वह सावधान करते हैं।

इस पर सोशल मीडिया पर लोग दिलचस्प टिप्पणियाँ कर रहे हैं। एक पत्रकार उत्कर्ष सिंह ने वीडियो को साझा करते हुए पूछा है कि नोट में चिप की बात किस किस ने सच मान ली थी?

विनय कुमार डोकानिया नाम के यूज़र ने लिखा है, "एक पल के लिए मुझे लगा कि यह एक स्पूफ वीडियो है। लेकिन तब मुझे एहसास हुआ कि अमिताभ बच्चन वास्तव में जीपीएस साइंटिस्ट सुधीर चौधरी और जीपीएस चिप डेवलपर स्वेता सिंह को सफाईकर्मियों के पास ले जा रहे हैं और भक्तों से वाट्सऐप यूनिवर्सिटी को 'बायकॉट' करने के लिए कह रहे हैं।"

प्रशांत भूषण ने सोनी टीवी के इस वीडियो के एडिट की हुई क्लिप को साझा किया है। उस वीडियो में 2000 रुपये के नोट में चिप होने के दावे वाली क्लिप जोड़ी गई है।

एक यूजर ने स्वेता सिंह के एक वीडियो को साझा किया है जिसमें वह 2000 रुपये के नोट में चिप लगे होने की बात कहती सुनी जा सकती हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को रात आठ बजे अचानक देश को संबोधित करते हुए 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद 500 का नोट नए फॉर्मेट में आया था और 2000 का नया नोट अस्तित्व में आया था। प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की प्रमुख वजहों में से एक नकली नोटों पर नकेल कसना बताया था। ऐसे में आरबीआई की ही रिपोर्ट में नकली नोटों में बढ़ोतरी सरकार के नोटबंदी के फ़ैसले पर सवाल खड़ा करती है। ऐसी ख़बरें आती रही हैं कि नकली नोटों में बढ़ोतरी हुई है।

हाल ही में आरबीआई की एक रिपोर्ट आई है जिसमें कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 500 रुपए के नकली नोट 101.9% ज़्यादा और 2 हजार रुपए के नकली नोट 54.16% ज़्यादा हो गए हैं। 

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