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ज्योतिष के भरोसे लोकसभा चुनाव जीतेगी बीजेपी?

ज्योतिष के भरोसे लोकसभा चुनाव जीतेगी बीजेपी?

अमित शाह को एक ज्योतिषी ने सलाह दी थी कि चुनाव के मद्देनज़र उन्हें ऑफ़िस के पाँचवें फ़्लोर पर नहीं बैठना चाहिए, इस पर उन्होंने ग्राउंड फ़्लोर में बैठना शुरू कर दिया।  

केंद्र में जिस दल के नेतृत्व में सरकार चल रही हो, 16 राज्यों में जिस दल की अपने दम पर सरकार  हो, उस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष अगर ज्योतिषीय सलाह के आधार पर लोकसभा चुनाव जीतने की उम्मीद रखता हो तो आप क्या कहेंगे जी हाँ, बात हो रही है बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की। ख़बरों के मुताबिक़, अमित शाह ने बीजेपी ऑफ़िस में अपने बैठने की जगह बदल ली है। शाह ने एक ज्योतिषी की सलाह पर यह फ़ैसला लिया है। ख़बरों के मुताबिक़, ज्योतिषी ने अमित शाह को सलाह दी थी कि लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने के मद्देनज़र उन्हें ऑफ़िस के पाँचवें फ़्लोर पर नहीं बैठना चाहिए। 

अमित शाह ने ज्योतिषी की सलाह पर झटपट अमल करते हुए दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर बने शानदार नवनिर्मित पार्टी मुख्यालय में पांचवें फ़्लोर पर बने अपने ऑफ़िस को छोड़कर ग्राउंड फ़्लोर में बैठना शुरू कर दिया है। पार्टी नेताओं का मानना है कि ज्योतिषी की सलाह पर अमल करने के फ़ैसले का शुरुआती प्रभाव दिखने लगा है, हाल ही में कांग्रेस समेत कई अन्य दलों के बड़े नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ली है। हालाँकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि 23 मई को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आएँगे तो यह पूरी तरह पता लग जाएगा कि ज्योतिषी की सलाह वास्तव में सही थी या नहीं। बताया जाता है कि शाह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद भी पार्टी के पुराने ऑफ़िस में ज्योतिषीय सलाह पर वास्तु दोष ठीक कराने के लिए प्रवेश के लिए एक नया गेट बनवाया था। इसके अलावा भी उन्होंने इसमें कई बदलाव कराए थे। 

18 फ़रवरी 2018 को बीजेपी के शानदार नए ऑफ़िस का उद्घाटन हुआ था। ख़बरों के अनुसार, इसमें 300 करोड़ की लागत आई थी और यह लगभग दो एकड़ में फैला हुआ है।

सात मंजिला बने नए ऑफ़िस में 70 से अधिक कमरे हैं और 200 से अधिक गाड़ियों की पार्किंग की जगह है। तब दावा किया गया था कि दुनिया में किसी भी राजनीतिक पार्टी का इतना बड़ा ऑफ़िस नहीं है।

तीन राज्यों में गई सत्ता

इस ऑफ़िस के शुरू होने के बाद मई 2018 में कर्नाटक विधानसभा के चुनाव हुए। लेकिन वहाँ सत्ता संभाल रही बीजेपी को इससे हाथ धोना पड़ा। अगस्त में पार्टी के पुरोधा अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु हो गई, नवंबर में पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रहे अनंत कुमार का निधन हो गया और अब गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर भी चले गए। इसके अलावा दिसंबर में तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी को सत्ता गंवानी पड़ी थी। इसलिए पार्टी का मानना है कि यह ऑफ़िस उसके लिए शुभ नहीं है। 

पुराने ऑफ़िस में भी बैठ रहे शाह 

कुछ दिन पहले ऐसी ख़बरें भी आईं थीं कि बीजेपी अध्यक्ष को यह लगता है कि नए बने ऑफ़िस में वास्तु दोष की समस्या है। चूँकि शाह ज्योतिष में बहुत यक़ीन रखते हैं, इसे देखते हुए अमित शाह ने अधिकांश समय बीजेपी के पुराने पार्टी ऑफ़िस में भी बैठना शुरू कर दिया है। इस कार्यालय में बीजेपी का वार रूम भी है। 2014 में मिली एतिहासिक जीत की सारी रणनीति इसी ऑफ़िस से बनाई गई थी, इसलिए पार्टी का मानना है कि यह उसके लिए शुभ है। 

बीजेपी का कहना है कि वह लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के कामकाज के आधार पर वोट माँगेगी और उसे चुनाव में बड़ी जीत मिलेगी। बीजेपी नेता यह भी दावा करते हैं कि देश की जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है। इसके अलावा अमित शाह को बीजेपी का चाणक्य कहा जाता है और उन्हें चुनावी रणनीति बनाने में माहिर माना जाता है। ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह को पार्टी के सबसे सफ़ल अध्यक्षों में से एक बता चुके हैं। ऐसे में सवाल यह है कि जब बीजेपी को प्रधानमंत्री मोदी के काम और शाह की चुनावी रणनीति पर इतना ही भरोसा है तो बीजेपी अध्यक्ष क्यों ज्योतिषी की सलाह के हिसाब से अपने बैठने की जगह तय कर रहे हैं और क्यों वह वास्तु दोष को लेकर इतने चिंतित हैं। 

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