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अमित शाह ने फडणवीस के इस्तीफे की पेशकश ठुकराई, पद पर बने रहने को कहा

अमित शाह ने फडणवीस के इस्तीफे की पेशकश ठुकराई, पद पर बने रहने को कहा

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में बीजेपी के बेहद ख़राब प्रदर्शन पर इस्तीफ़े की पेशकश फर अब बीजेपी के बड़े नेता अमित शाह का बयान आया है। जानिए, उन्होंने फडणवीस से क्या कहा। 

महाराष्ट्र भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश के कुछ ही घंटों बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी पेशकश को ठुकरा दिया है। राज्य में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर फडणवीस ने इस्तीफ़े की पेशकश की थी। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इसके बाद अमित शाह द्वारा फोन पर उनकी चिंताओं के बारे में सुनवाई का आश्वासन दिया गया।

फडणवीस ने मतगणना के एक दिन बाद बुधवार को इस्तीफे की पेशकश की थी और उसके बाद से कई भाजपा नेताओं ने उनसे बात की है। शुक्रवार को एनडीए की बैठक के बाद भाजपा नेता ने राज्य में गठबंधन के प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ बैठक की। 

इसके बाद उपमुख्यमंत्री ने अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि गृहमंत्री ने उनसे महाराष्ट्र सरकार के लिए काम करना जारी रखने और राज्य में भाजपा को पुनर्जीवित करने की योजना तैयार करने को कहा है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर के आसपास होने की संभावना है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इस्तीफ़े की पेशकश के एक दिन बाद आरएसएस के शीर्ष नेताओं ने नागपुर में फडणवीस के आवास पर दो घंटे तक बैठक की थी। रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस के एक नेता ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक माहौल और भाजपा के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की।

भाजपा के भीतर महाराष्ट्र में 23 लोकसभा सीटों से घटकर नौ रह जाने को लेकर अमित शाह और आरएसएस द्वारा लगातार किए जा रहे हस्तक्षेप से घबराहट का संकेत मिलता है। वह भी ऐसे समय में जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। पार्टी की योजनाओं के केंद्र में फडणवीस हैं, जिनसे 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए अच्छा प्रदर्शन करने के साथ-साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी को साथ लेकर चलने की उम्मीद थी। लेकिन इस चुनाव  बीजेपी को दोनों सहयोगियों से भी ख़राब प्रदर्शन मिला। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने महाराष्ट्र में 23 सीटें जीती थीं। तब एकजुट शिवसेना के साथ बीजेपी ने 41 सीटें जीती थीं। इस बार बीजेपी के गठबंधन ने कुल 17 सीटें ही जीतीं।

इस बार भाजपा पर विपक्षी महा विकास अघाड़ी भारी पड़ा। एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं। एमवीए ने सामूहिक रूप से 30 सीटें जीतीं।

कांग्रेस को तो जबरदस्त फायदा हुआ। 2019 में कांग्रेस जहां सिर्फ एक सीट जीती थी, इस बार इसने 13 सीटों पर जीत हासिल की है। शिवसेना (यूबीटी) ने नौ सीटें हासिल कीं, जबकि एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने आठ सीटें हासिल कीं।

बता दें कि फडणवीस ने महाराष्ट्र में पार्टी को लगे चुनावी झटके की पूरी जिम्मेदारी लेने की घोषणा बुधवार को की थी। पार्टी ने बुधवार को महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के नतीजों के लिए समीक्षा बैठक आयोजित की थी। बैठक में फडणवीस ने इस तरह का इशारा किया था। उसके बाद हुए संवाददाता सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री ने अपनी इच्छा भी प्रकट कर दी।

समीक्षा बैठक के बाद फडणवीस ने पत्रकारों से कहा था, 'मैं आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए संगठनात्मक स्तर पर काम करना चाहता हूं। मैं अपना पूरा समय संगठन को मजबूत करने में लगाना चाहता हूं। मैं अपने केंद्रीय नेतृत्व से अनुरोध करने जा रहा हूं कि मुझे राज्य सरकार में पद की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए।'

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