उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म वाले बयान पर टिप्पणी कर अमित मालवीय फँस गए हैं। उनके ख़िलाफ़ अब तमिलनाडु में एफ़आईआर दर्ज की गई है। मालवीय ने उदयनिधि के बयान को 'नरसंहार' का आह्वान बता दिया था। अमित मालवीय ने ट्वीट में कहा था, 'उनकी राय है कि सनातन धर्म का न केवल विरोध किया जाना चाहिए, बल्कि इसको ख़त्म किया जाना चाहिए। संक्षेप में, वह भारत की 80% आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं, जो सनातन धर्म का पालन करते हैं।'
जबकि उदयनिधि स्टालिन ने बयान में कहा था कि सनातन धर्म लोगों को जाति और धर्म के नाम पर विभाजित करता है और इसे उखाड़ फेंकने की ज़रूरत है। विवाद बढ़ने के बाद अपने बयान पर कायम रहते हुए उन्होंने कहा था, 'मुझे अपने भाषण के महत्वपूर्ण पहलू को दोहराना चाहिए: मेरा मानना है कि मच्छरों द्वारा डेंगू और मलेरिया और कोविड -19 जैसी बीमारियों के फैलाए जाने की तरह ही सनातन धर्म कई सामाजिक बुराइयों के लिए जिम्मेदार है।'
अमित मालवीय के उस ट्वीट को लेकर डीएमके पदाधिकारी केएवी दिनाकरन की शिकायत पर तमिलनाडु के त्रिची में एफआईआर दर्ज की गई। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार मालवीय पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 153 (ए), 504 और 505 (1) (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार शिकायत में कहा गया है, 'सनातन धर्म पर अपनी टिप्पणी पर उदयनिधि स्टालिन द्वारा राजनीतिक मकसद से स्पष्टीकरण जारी करने के बावजूद अमित मालवीय ने जानबूझकर दो समूहों के बीच हिंसा और नफरत भड़काने और सांप्रदायिक सद्भाव को कमजोर करने के लिए मंत्री के भाषण को विकृत किया।'
बता दें कि उदयनिधि स्टालिन की 'सनातन धर्म' पर हालिया टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया है। इसके बाद कई हिंदुत्व समूहों, भाजपा सहित राजनीतिक दलों ने डीएमके नेता की आलोचना की है।
स्टालिन की टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बाद जब कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता वह 'बीमारी जैसा है।
प्रियांक खड़गे ने कहा, 'कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या आपको मानव होने की गरिमा सुनिश्चित नहीं करता है, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है। कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता... वह बीमारी जैसा है।'
दक्षिण के इन दोनों नेताओं के इसी बयान पर उत्तर प्रदेश में शिकायत दर्ज कराई गयी। पुलिस ने बुधवार को कहा कि उदयनिधि स्टालिन और प्रियांक खड़गे के खिलाफ कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। स्टालिन पर सनातन धर्म को खत्म करने का आह्वान करने और खड़गे पर उनकी टिप्पणी का समर्थन करने के लिए मामला दर्ज किया गया है।
पोस्टर: 'स्टालिन के बेटे को थप्पड़ मारने पर 10 लाख रुपये'
गैर-लाभकारी संगठन जन जागरण समिति ने सनातन धर्म के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के लिए तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन को थप्पड़ मारने वाले को 10 लाख रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की है। संगठन ने इसे लेकर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में पोस्टर भी लगाए हैं।
इससे पहले यूपी के एक पुजारी ने तमिलनाडु के युवा मंत्री उदयनिधि स्टालिन का सिर कलम करने वाले को दस करोड़ का इनाम देने की घोषणा की थी। इस पर उदयनिधि ने कहा कि वह ऐसी धमकियों से नहीं डरते।