एमेज़ॉन ने एनएसओ से नाता तोड़ा, पर ज़िम्मेदारी से नहीं बच सकता!
पेगासस साफ्टवेअर के ज़रिए जासूसी करने के मामले का भंडाफोड़ होते ही एनएसओ से जुड़ी कंपनियों ने किनारा करना शुरू कर दिया है। एमेज़ॉन वेब सर्विस ने सबसे पहले यह कहा है कि उसने पेगासस सॉफ़्टवेअर बनाने वाली इस इज़रायली कंपनी से नाता तोड़ लिया है।
एमेजॉन क्लाउड कंप्यूटिंग के क्षेत्र में है और एनएसओ से उसका पुराना रिश्ता है। एनएसओ ने इस जासूसी के लिए एमेज़ॉन वेब सर्विस के क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल किया है।
एमेज़ान अब इससे पल्ला झाड़ रहा है। उसने एक ताजा बयान में कहा है कि मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट उसे मई 2021 में दी और उसके बाद उसने एनएसओ से संबंध तोड़ लिए हैं।
एमनेस्टी की रिपोर्ट एमेज़ॉन को
फ्रांसीसी ग़ैरसरकारी कंपनी फोरिबिडेन स्टोरीज़ ने एनएसओ के लीक डेटाबेस को हासिल किया और उस सूची का पता लगाया, जिसमें दर्ज फ़ोन नंबर की जासूसी पेगासस सॉफ़्टवेअर के ज़रिए की जानी थी।
इसके बाद एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपने लैब में इस सूची के 60 फ़ोन नंबरों की फोरेंसिक जाँच की। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यह रिपोर्टो एमेज़ॉन को दी। इसके अलावा एमेज़ॉन को पीअर रिपोर्ट यानी किसी दूसरी कंपनी के अध्ययन की रिपोर्ट भी मिली।
क्या कहना है एमेज़ॉन का?
'वाइस' के टेक पोर्टल 'मदरबोर्ड' को भेजे एक ई-मेल में एमेज़ॉन वेब सर्विस के प्रवक्ता ने कहा है, "जब हमें इस गतिविधि की जानकारी मिली तो हमने वह अकाउंट और उससे जुड़ी बुनियादी सुविधाओं को बंद कर दिया।"
एमेजॉन ने पहली बार एनएसओ से संबंध की बात मानी है, पर 'वाइस' ने 2020 में ही एक खबर में यह जानकारी दी थी। उसने उसी समय कहा था कि पेगासस और एमेज़ॉन साथ मिल कर काम करते हैं और पेगासस जासूसी करता है।
'वाइस' का कहना है कि एमेजॉन के क्लाउड कंप्यूटिंग के इस्तेमाल करने से कोई तीसरी पार्टी पेगासस को एक्सेस नहीं कर सकती है। यह पेगासस को शोधकर्ताओं से भी दूर रखता है।
एनएसओ की सफाई
एनएसओ का कहना है कि जो भी डेटाबेस लीक हुआ है या जिस डेटा का बात हो रही है, उसे उससे कोई मतलब नहीं है। ये डेटा उसके न अब हैं, न पहले थे। ये डेटा ग्राहकों के हैं और ग्राहकों के डेटा तक उसकी पहुँच नहीं है।
लेकिन पर्यवेक्षकों का कहना है कि एनएसओ पेगासस सॉफ़्टवेअर बेचने के बाद भी कुछ दिनों तक उससे जुड़ा रहता है और ग्राहकों को तकनीकी सेवा देता है। इसलिए एनएसओ यह नहीं कह सकता कि उसे उस डेटा से कोई मतलब नहीं है।
इसी तरह एमेज़ॉन वेब सर्विस अब भले ही पल्ला झाड़ ले, लेकिन उसे यह पता था कि पेगासस जासूसी का काम करता है और उस जासूसी में ही वह उसके क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल करता है।
इसी तरह एमेज़ॉन को यह भी पता होना ही चाहिए कि क्लाउड कंप्यूटिंग की वजह से थर्ड पार्टी पेगासस तक नहीं पहुँच सकती, इस गुण के कारण ही उसकी सेवाएं ली गई हैं।
इस तरह एमेजॉन एनएसओ की भागेदार रही है और अब वह उससे एकदम पल्ला झाड़ कर अलग नहीं हो सकती है।
क्या है पेगासस प्रोजेक्ट?
फ्रांस की ग़ैरसरकारी संस्था 'फ़ोरबिडेन स्टोरीज़' और 'एमनेस्टी इंटरनेशनल' ने लीक हुए दस्तावेज़ का पता लगाया और 'द वायर' और 15 दूसरी समाचार संस्थाओं के साथ साझा किया।
इसका नाम रखा गया पेगासस प्रोजेक्ट। 'द गार्जियन', 'वाशिंगटन पोस्ट', 'ला मोंद' ने 10 देशों के 1,571 टेलीफ़ोन नंबरों के मालिकों का पता लगाया और उनकी छानबीन की। उसमें से कुछ की फ़ोरेंसिक जाँच करने से यह निष्कर्ष निकला कि उनके साथ पेगासस स्पाइवेअर का इस्तेमाल किया गया था।