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कृषि क़ानूनों के विरोध के कारण अमरिंदर के बेटे को ईडी का समन?

कृषि क़ानूनों के विरोध के कारण अमरिंदर के बेटे को ईडी का समन?

मोदी सरकार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उस पर देश की जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगते रहें। क्योंकि एक ताज़ा वाक़या इसी ओर इशारा करता है। 

मोदी सरकार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उस पर देश की जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगते रहें। क्योंकि एक ताज़ा वाक़या इसी ओर इशारा करता है। 

हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विपक्षी दलों की सरकारों में पंजाब पहला ऐसा राज्य है, जिसने इनके विरोध में विधानसभा में प्रस्ताव पास किया है। पंजाब में इस क़ानून के विरोध में जोरदार आंदोलन भी हो रहे हैं। ऐसे वक़्त में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर सिंह को समन भेजकर बुला लिया है। यह समन कथित रूप से अवैध विदेशी फ़ंडिंग को लेकर भेजा गया है। 

रणइंदर सिंह को इससे पहले 2016 में फ़ॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फ़ेमा) के नियमों के उल्लंघन के आरोप में भी बुलाया जा चुका है। तब इस मामले में इनकम टैक्स विभाग ने जांच की थी और पंजाब की एक अदालत में मुक़दमा भी दर्ज किया गया था। 

रणइंदर सिंह कह चुके हैं कि उनके पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है और वह जांच में सहयोग करना चाहते हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस मामले में कुछ भी ग़लत करने से इनकार किया है। 

अगर 2016 के बाद अब इस मामले को कृषि क़ानूनों के विरोध के दौरान फिर से खोला जाएगा तो सवाल निश्चित रूप से उठेंगे। वरना, इससे पहले भी रणइंदर सिंह को समन किया जा सकता था। 

पिछले महीने एनसीपी प्रमुख शद पवार, उनकी सांसद बेटी सुप्रिया सुले, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे और राज्य सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे को इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिला था।

इससे पहले कांग्रेस के पी. चिदंबरम से लेकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अशोक गहलोत के भाई, डी. शिवकुमार सहित कई नेताओं के वहां ये जांच एजेंसियां छापेमारी कर चुकी हैं। 

अहमद पटेल, वाड्रा को बुलाया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से ईडी पूछताछ कर चुकी है। पटेल ने कहा था कि चीन को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विफलता से ध्यान हटाने के लिए उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया। इसके अलावा प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। 

सवालों के घेरे में एनसीबी 

ईडी की तरह नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। बॉलीवुड में ड्रग्स एंगल की जांच कर रही एनसीबी पर करण जौहर की कंपनी धर्मा एंटरटेनमेंट के पूर्व एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर क्षितिज प्रसाद के उत्पीड़न का आरोप लगा। क्षितिज के वकील मानशिंदे के मुताबिक़, क्षितिज पर इस बात का दबाव बनाया गया कि वह फ़िल्म निर्माता करण जौहर और उनकी कंपनी के कुछ अधिकारियों को झूठा फंसा दें। 

‘ईडी लगाई तो सीडी चला दूंगा’

बीजेपी में लंबा वक्त गुजार चुके महाराष्ट्र के नेता एकनाथ खडसे ने पार्टी छोड़ने के बाद शुक्रवार को एनसीपी में शामिल होते वक्त कहा, ‘अगर मेरे ख़िलाफ़ किसी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लगाई तो मैं सीडी चला दूंगा।’ उनका साफ इशारा बीजेपी की ओर था। यानी बीजेपी में रह चुके नेता भी इस बात को जानते हैं कि उनकी पार्टी विरोधियों के ख़िलाफ़ जांच एजेंसियां लगा देती है। 

आम आदमी पार्टी निशाने पर 

सीबीआई और दिल्ली पुलिस के निशाने पर आम आदमी पार्टी की सरकार भी रही थी। पार्टी के 15 विधायकों को जेल की हवा खानी पड़ी थी जिनमें से ज़्यादातर को अदालत से क्लीन चिट मिल गई थी। यहां तक कि मुख्यमंत्री के दफ़्तर और घर पर भी छापे पड़े थे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रमुख सचिव राजेंद्र कुमार को जेल भी जाना पड़ा था। 

लोकसभा चुनाव 2019 से पहले भी लंबे समय से लंबित पड़े मामलों में एक के बाद एक विपक्षी दलों के नेताओं पर सीबीआई ने कार्रवाई की थी। सीबीआई ने अखिलेश यादव के क़रीबियों से लेकर मायावती और लालू परिवार के सदस्यों पर भी कार्रवाई की थी। तृणमूल के कई नेताओं पर केस दर्ज किया था लेकिन इन मामलों में कोई विशेष नतीजा नहीं निकला। 

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