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अमरिंदर सिंह बोले- नई पार्टी बनाऊंगा, सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे

अमरिंदर सिंह बोले- नई पार्टी बनाऊंगा, सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे

अमरिंदर सिंह के चुनाव लड़ने से पंजाब में कांग्रेस के लिए हालत मुश्किल बन सकते हैं। सिद्धू की बयानबाज़ी से भी पार्टी को पंजाब चुनाव में सियासी नुक़सान हो सकता है। 

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को कहा है कि वह नई पार्टी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि वह पंजाब के मसलों पर केंद्र सरकार के साथ बात करेंगे और बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता उनके साथ आएंगे। अमरिंदर ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेन्स की है। अमरिंदर ने कुछ दिन पहले एलान किया था कि वे अपनी पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। पंजाब में चार महीने के अंदर विधानसभा के चुनाव होने हैं। 

अमरिंदर ने यह भी कहा था कि अगर किसान आंदोलन का मसला हल हो जाता है तो वह बीजेपी के साथ गठबंधन करेंगे। अमरिंदर की बीते दिनों गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात हुई थी।  

अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह पंजाब में शांति चाहते हैं। उन्होंने कहा कि खालिस्तानी और पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के लोग मिले हुए हैं। 

उन्होंने कहा कि पार्टी का नाम अभी तय नहीं हुआ है लेकिन उनकी पार्टी पंजाब की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह सही वक़्त का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के सिंबल पर फ़ैसला चुनाव आयोग करेगा और वे उसके फ़ैसले का इंतजार कर रहे हैं। 

नवजोत सिंह सिद्धू की लगातार बयानबाज़ी और उसके बाद बने हालात की वजह से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने वाले अमरिंदर सिंह के चुनाव मैदान में उतरने से कांग्रेस की जीत की संभावनाओं पर असर पड़ सकता है। 

बीजेपी ने बुलाई बैठक

अमरिंदर सिंह के एलान के बाद पंजाब बीजेपी ने इसका स्वागत किया था और कहा था कि वह पूर्व मुख्यमंत्री के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। पंजाब बीजेपी की ओर से गुरूवार को एक अहम बैठक बुलाई गई है। इसमें सभी विधानसभा सीटों के नेताओं को बुलाया गया है। 

बीजेपी को भी पंजाब में किसी का साथ चाहिए क्योंकि शिरोमणि अकाली दल के जाने के बाद वह बेहद कमजोर हालत में है। 

कांग्रेस ने तेज़ किए हमले

बीते दिनों में अमरिंदर सिंह पर सियासी हमले करने के लिए कांग्रेस ने कई नेताओं को मैदान में उतारा है। राज्य के प्रभारी रहे हरीश रावत के अलावा पंजाब के कैबिनेट मंत्री परगट सिंह और उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी अमरिंदर सिंह पर हमला बोला था। 

परगट सिंह ने कहा था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की बीजेपी और अकाली दल के साथ मिलीभगत है और उन्हें अपना एजेंडा बीजेपी से मिलता था। इसी तरह सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी अमरिंदर सिंह को उनकी पाकिस्तानी पत्रकार दोस्त अरूसा आलम को लेकर घेरा था। 

इसके बाद अमरिंदर ने पलटवार किया और अरूसा आलम की कई राजनेताओं के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ फ़ोटो जारी कर दी। 

अमरिंदर कराएंगे समझौता?

बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती किसान आंदोलन है। बीजेपी और मोदी सरकार भी चाहते हैं कि किसान आंदोलन का कोई हल जल्दी निकले। क्योंकि बीजेपी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब के चुनाव में इसके असर को लेकर काफी चिंता है। इस आंदोलन की वजह से पंजाब में बीजेपी नेताओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। 

ऐसे में हो सकता है कि पांच राज्यों के चुनाव से पहले केंद्र सरकार और किसानों के बीच में कोई समझौता हो जाए और इसमें अमरिंदर सिंह कोई भूमिका निभाएं।

सिद्धू खड़ी कर रहे मुसीबत

देखना होगा कि बुजुर्ग और तजुर्बेकार नेता अमरिंदर सिंह कितनी मजबूती से विधानसभा का चुनाव लड़ पाते हैं और इसका कितना असर कांग्रेस पर पड़ेगा। क्योंकि कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने की स्थिति में कुछ लोग अमरिंदर के साथ जा सकते हैं। 

लेकिन कांग्रेस के लिए अमरिंदर से ज़्यादा बड़ी मुसीबत नवजोत सिंह सिद्धू साबित हो सकते हैं। जो प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद भी शांत नहीं हुए हैं और अमरिंदर सिंह से भिड़ने के बाद अब नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से भिड़ रहे हैं। 

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