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सर्वदलीय बैठक: संसद सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पर दलों का जोर

सर्वदलीय बैठक: संसद सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पर दलों का जोर

संसद के विशेष सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का आख़िर एजेंडा क्या था? जानिए, दलों ने क्या मांगें रखीं।

क्या संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पेश किया जाएगा और क्या इसका पास होना तय है? विशेष सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कई सत्तारूढ़ दलों के साथ ही विपक्षी दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने की जोरदार वकालत की है।

विशेष सत्र से पहले सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने मंगलवार को गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर सांसदों को नए संसद भवन में जाने के बारे में औपचारिक रूप से बताया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि सभी विपक्षी दलों ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग की है।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि जाति जनगणना, मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, चीन से जुड़े सीमा विवाद, मणिपुर की स्थिति और कुछ स्थानों पर कथित सामाजिक संघर्ष जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग कांग्रेस ने उठाई। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार कुछ अन्य विपक्षी दलों ने भी इनमें से कुछ मामलों पर इसी तरह की बात रखी।

बीजेडी और बीआरएस समेत कई क्षेत्रीय दलों ने पांच दिवसीय सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक में महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश करने पर जोर दिया। 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पार्टी ने सरकार से इस संसद सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की अपील की है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पटेल ने कहा, 'संसद 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर नए भवन में स्थानांतरित हो जाएगी।'

बैठक से पहले कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा था कि उनकी पार्टी महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक संघर्ष और मणिपुर की स्थिति जैसे मुद्दे उठाएगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया।

कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) नेता एचडी देवेगौड़ा, द्रमुक के कनिमोझी, टीडीपी के राम मोहन नायडू, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन, आप के संजय सिंह, बीजद के सस्मित पात्रा, बीआरएस के के केशव राव, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी विजयसाई रेड्डी, राजद के मनोज झा, जद (यू) के अनिल हेगड़े और सपा के राम गोपाल यादव बैठक में शामिल होने वालों में शामिल थे।

बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा की बुलेटिन के अनुसार संसद के विशेष सत्र के पहले दिन 18 सितंबर को दोनों सदनों में 'संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा- उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख' पर चर्चा होगी। 

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने क़रीब दो पखवाड़े पहले 18-22 सितंबर तक संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के बारे में जानकारी दी थी। प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया ऐप एक्स पर पुराने संसद भवन और नए भवन की एक तस्वीर भी पोस्ट की थी, जिसका उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। विशेष सत्र की घोषणा राजनीतिक हलकों में चौंकाने वाली रही, क्योंकि इस सत्र का एजेंडा नहीं बताया गया। संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के आखिरी सप्ताह में शुरू होता है।

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