अखिलेश यादव का आरोप- 'बहराइच हिंसा में बीजेपी का हाथ'
अखिलेश यादव ने मंगलवार को भाजपा पर यूपी के बहराइच में दंगे और हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने यह आरोप लगाने के लिए एक मीडिया रिपोर्ट और बीजेपी विधायक की एफ़आईआर को आधार बनाया है। मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने फिर से बीजेपी पर बड़ा हमला किया।
सपा प्रमुख अखिलेश ने मंगलवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले 'दैनिक भास्कर' के एक इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट को साझ़ा करते हुए कहा, 'धिक्कार है ऐसी भाजपाई राजनीति और सत्ता की भाजपाई भूख पर जो सियासत के लिए देश के भाईचारे के बीच दंगा कराने की साज़िश करती है। बहराइच हिंसा के मामले में हर दिन नये खुलासे हो रहे हैं, जिनसे भाजपा मुँह दिखाने लायक नहीं रही है।' उन्होंने आगे कहा है कि भाजपा के विधायक ही भाजपाइयों पर साज़िश करने की एफ़आईआर करा रहे हैं और दंगाई छुपे कैमरे के सामने सच उगल रहे हैं।
धिक्कार है ऐसी भाजपाई राजनीति और सत्ता की भाजपाई भूख पर जो सियासत के लिए देश के भाईचारे के बीच दंगा कराने की साज़िश करती है। बहराइच हिंसा के मामले में हर दिन नये खुलासे हो रहे हैं, जिनसे भाजपा मुँह दिखाने लायक नहीं रही है। भाजपा के विधायक ही भाजपाइयों पर साज़िश करने की एफ़आइआर… pic.twitter.com/VLCXwrYFyg
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 22, 2024
अखिलेश ने दैनिक भास्कर की जिस रिपोर्ट का हवाला दिया है उसमें दावा किया गया है कि अख़बार के गुप्त कैमरे पर बहराइच हिंसा में शामिल उपद्रवियों ने कबूल किया है कि 'पुलिस वालों ने दो घंटे का ही टाइम दिया था'। अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, उनके कबूलनामे में कहा गया है, 'कल तो हम लोग महराजगंज में थे। दो एजेंसी जल गईं। गाड़ियाँ जल गईं। दुकानें जल गईं। कई महंगी-महंगी गाड़ियाँ फूंक दी गईं। कई बंदे एक साथ गए थे। ज़रूरी नहीं कि हम ही फूकेंगे। जिसका नंबर आएगा, वही फूँक देगा। कुछ लोगों ने गद्दारी कर दी, नहीं तो पूरा महराजगंज ख़त्म हो जाता। पुलिस वालों ने टाइम दिया था दो घंटे। सारे पुलिस वाले हट भी गए थे।'
बहरहाल, मंगलवार दोपहर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने कहा, 'बहराइच में हुई हिंसा में भाजपा शामिल थी। भाजपा विधायक अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ साजिश रचने और हिंसा भड़काने का आरोप लगा रहे हैं।'
सपा प्रमुख ने आगे कहा कि जिलाधिकारी भाजपा के जिला अध्यक्ष की तरह काम कर रहे हैं। एएनआई के अनुसार उन्होंने कहा, 'यहां तक सुनने में आ रहा है कि जिलाधिकारी भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष बन गए हैं। क्या आईएएस अकादमी में यही पढ़ाया जाता है? अगर उत्तर प्रदेश में दंगे भड़काने के लिए कोई जिम्मेदार है तो वह भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं।'
राज्य के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के एक बयान का ज़िक्र कर अखिलेश ने कहा, 'यूपी पुलिस बहुत दबाव में है। अगर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ये बात कह रहे हैं तो उनसे बेहतर कौन जानता होगा। भाजपाइयों ने पुलिस पर भी हथकड़ियां लगा दी हैं।' उन्होंने उस बयान को एक्स पर पोस्ट भी किया।
भाजपा के पक्षपाती माहौल में पुलिस का दर्द और पुलिस का सच, पुलिस से अच्छा कोई और क्या जाने।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 22, 2024
यूपी की पुलिस के हाथों में भाजपाइयों के दबाव की हथकड़ियाँ पड़ी हैं। बंधे हाथों से निष्पक्षता और न्याय की उम्मीद बेमानी है। pic.twitter.com/8TrsrkVO00
इससे पहले उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह हरदोई जिले के शाहाबाद कस्बे में कार्यक्रम के दौरान राज्य में दंगे भड़काने के लिए जिम्मेदार हैं। एएनआई के अनुसार उन्होंने सपा नेता पर गुंडों, अपराधियों और माफियाओं का नेता होने का भी आरोप लगाया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव को हिंसा की घटनाओं पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उनकी सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है।
रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'अखिलेश यादव के पास उत्तर प्रदेश में दंगों पर टिप्पणी करने का नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि उनका कार्यकाल लगातार सांप्रदायिक हिंसा से भरा रहा है। इस मुद्दे पर बोलना उनके लिए अनुचित है, खासकर तब जब उनकी अपनी सरकार कानून और व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है। जबकि सरकार अपराधियों और दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार होने का दावा करती है, यादव की हरकतें इसके विपरीत संकेत देती हैं। ऐसा लगता है कि वह अपराधियों और माफिया के साथ अपनी पार्टी के संबंधों को बनाए रखने के बारे में अधिक चिंतित हैं...।'