अखिलेश यज्ञ में पहुंचे, स्वामी प्रसाद मौर्य को क्लीन चिट दी
@yadavakhilesh के साथ BJP कार्यकर्ताओं ने की धक्का मुक्की....
— Anil Yadav (@AnilYadavjourn) January 28, 2023
मां पीतांबरा के यज्ञ में हिस्सा लेने से रोका....
अखिलेश यादव ने कहा BJP वाले मुझे शूद्र मानते हैं.... इसलिए यज्ञ नहीं करने दिया.....#लखनऊ pic.twitter.com/qpthjjPDMH
लखनऊ में आज राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को आरोप लगाया कि बीजेपी ने गुंडे भेजकर मुझे यज्ञ में जाने से रोकना चाहा। दूसरी तरफ अखिलेश ने शनिवार को ही सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य को बुलाकर रामचरित मानस वाली टिप्पणी पर बात की और उन्हें क्लीन चिट दे दी। इतना ही नहीं अखिलेश ने भी शनिवार को कहा कि बीजेपी वाले हमें शूद्र और गंवार मानते हैं। इस तरह हिन्दुत्व के नाम पर अब बीजेपी और सपा की राजनीतिक लड़ाई स्पष्ट हो गई। बीजेपी सनातन राजनीति पर खुलकर सामने आई गई, जबकि सपा ने बिहार की आरजेडी की तरह रामचरित मानस और जाति जनगणना को लेकर पिछड़ों और दलितों की राजनीति पर खुलकर बोल रही है।
लखनऊ में गोमती नदी के किनारे मां पितांबरा 108 महायज्ञ में आयोजकों ने अखिलेश को भी बुलाया था। अखिलेश वहां पहुंचे तो हिन्दूवादी संगठनों और एबीवीपी ने उन्हें काले झंडे दिखाए और यज्ञ में आने का विरोध किया। इस पर अखिलेश ने काफी नाराजगी भी जताई। अखिलेश ने मीडिया से कहा कि बीजेपी वालों ने मुझे धर्म यज्ञ में जाने से रोकने के लिए गुंडे भेजे थे। कार्यक्रम स्थल पर न पुलिस थी और न कोई अधिकारी। अगर वहां कोई अप्रिय घटना हो जाती तो कौन जिम्मेदार होता। आरएसएस और बीजेपी अब खुलेआम मुझे धमकियां दे रहे हैं। लेकिन हम समाजवादी लोग हैं, चाहे जितने गुंडे भेज दो, हम डरने वाले नहीं हैं।
लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को धार्मिक आयोजन में पहुंचने पर भारी विरोध का करना पड़ा सामना
— Sonu Bharti (@SONUBh023) January 28, 2023
पूर्व सीएम अखिलेश हुए जातिवादी मानसिकता के शिकार
मां पितांबरा 108 महायज्ञ में पहुंचे थे अखिलेश यादव, डालीगंज में गोमती किनारे हो रहा हैं महायज्ञ @yadavakhilesh pic.twitter.com/8uTieT67Xp
स्वामी प्रसाद मौर्य को क्लीन चिट
यज्ञ वाले घटनाक्रम से पहले शनिवार दोपहर को अखिलेश ने सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य को बातचीत के लिए बुलाया। इस बैठक से पहले शोर मचा कि स्वामी पर अखिलेश कार्रवाई करेंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अखिलेश ने उल्टा स्वामी प्रसाद मौर्य से कहा कि वो जाति जनगणना के मुद्दे को आगे बढ़ाएं। यूपी में जाति जनगणना होना चाहिए। मीडिया ने जब आज शनिवार को अखिलेश से स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर सवाल पूछे तो अखिलेश ने तमाम सवालों को टालते हुए कहा कि हमने स्वामी प्रसाद मौर्य को जाति जनगणना के आंदोलन को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है। बाद में मौर्य ने भी इसकी पुष्टि कर दी।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि #BJP संविधान में मिले आरक्षण को खत्म नहीं कर सकती है। यदि उसने ऐसा किया तो देश मे एक बड़ा आंदोलन होगा।
— IPNLive (@ipnlive) January 28, 2023
स्वामी ने कहा : सनातन धर्म की वकालत करने वालों को विधानसभा में AKHILESH YADAV जवाब देंगे।@samajwadiparty @yadavakhilesh @SwamiPMaurya pic.twitter.com/lSbetuTmtD
बता दें कि रामचरित मानस पर की गई टिप्पणी को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य विवाद में आ गए थे। उसके बाद शनिवार को भी उन्होंने इस मुद्दे पर कड़ा बयान दिया। मौर्य ने कहा - धर्म की आड़ में छिपे भेड़ियों से दूरी बनाने की जरूरत है। सपा नेता मौर्य ने कहा - देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़ों के सम्मान की बात क्या कर दी, मानो भूचाल आ गया। एक-एक करके संतो, महंतों, धर्माचार्यों का असली चेहरा बाहर आने लगा। सिर, नाक, कान काटने पर उतर आये। कहावत सही है कि मुंह में राम बगल में छुरी। धर्म की चादर में छिपे, भेड़ियों से बनाओ दूरी।
मौर्य ने इससे पहले रामचरित मानस को लेकर कहा था - गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित महाकाव्य रामचरितमानस में दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्ग के लिए "आपत्तिजनक भाषा" इस्तेमाल की गई है। कोई करोड़ लोग इसको नहीं पढ़ते। मौर्य ने कहा था- सब बकवास है। ये तुलसीदास ने अपनी तारीफ और खुशी के लिए लिखा है। धर्म हो, हम उसका स्वागत करते हैं। पर धर्म के नाम पर गली क्यों? दलित को, आदिवासियों को, पिछड़ों को जाति के नाम पर। शूद्र कह कर के, क्यों गली दे रहे हैं? क्या गाली देना धर्म है? इसके बाद मौर्य पर हिन्दू महासभा की ओर से हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई।
आज भी कुछ लोग ‘मंदिर-प्रवेश’ का अधिकार हर किसी को नहीं देना चाहते हैं। सच तो ये है कि जो किसी को मंदिर जाने से रोके, वो अधर्मी है क्योंकि वो धर्म के मार्ग में बाधा बन रहा है। pic.twitter.com/xsAOFYkkIf
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 28, 2023
मौर्य के रामचरित मानस वाले बयान के बाद बीजेपी ने मौर्य और अखिलेश को घेरा। बीजेपी ने अखिलेश से मांग की कि स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा से निकाला जाए। कई और साधू-संतों ने मौर्य पर तीखी टिप्पणियां कीं। एक कथित बाबा ने मौर्य का सिर काटने पर इनाम की घोषणा की। माना जा रहा था कि अखिलेश कभी भी मौर्य पर कार्रवाई करेंगे। लेकिन शनिवार के घटनाक्रम बता रहे हैं कि अखिलेश ने न सिर्फ मौर्य को क्लीन चिट दी, बल्कि अखिलेश का खुद का बयान सपा की रणनीति को साफ कर रहा है। अखिलेश एकतरफ तो हिन्दू यज्ञ में पहुंचे और दूसरी तरफ बीजेपी पर आरोप लगाया कि वो पिछड़ी जातियों को शूद्र और गंवार कहती है।
यूपी में रामचरित मानस पर बने माहौल को अखिलेश ने शनिवार को यज्ञ में जाकर शांत तो कर दिया लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य को क्लीन चिट देकर अखिलेश ने जबरदस्त राजनीति खेली है। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सनानत धर्म को लेकर दिए गए बयान से बीजेपी की रणनीति भी साफ हो गई। लेकिन क्या बीजेपी यूपी में सवर्ण बनाम पिछड़ों और दलित की राजनीति करना चाहेगी। अखिलेश ने इसीलिए जाति जनगणना का सुर भी छेड़ दिया है। बीजेपी अब किस तरह से इस पर प्रतिक्रिया देती है, यह जल्द ही सामने आएगा।